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Alone जब तक़ तुम मेरे साथ थे बहारों के मौसम आते थे

Alone  जब तक़ तुम मेरे साथ थे
बहारों के मौसम आते थे


क्या दिन थे वो आजाद भंवरे 
पँछी गाते मुस्कुराते थे

याद है वो बारिश के मौसम
पँछी झूला झूलाते थे

आम के मौसम कि वो यादें
खट्टी इमली मीठे बेर खाते थे

मिट्टी से आए अपनेपन कि खुशबू 
सरसों के खेत लहराते थे

तुम संग थी "दीपक" के ज़बतक 
ख़ुश थे हम भी कभी हसते गाते थे

©Deep bawara #gazal #गज़ल #ग़ज़ल_सृजन #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास 

#alone
Alone  जब तक़ तुम मेरे साथ थे
बहारों के मौसम आते थे


क्या दिन थे वो आजाद भंवरे 
पँछी गाते मुस्कुराते थे

याद है वो बारिश के मौसम
पँछी झूला झूलाते थे

आम के मौसम कि वो यादें
खट्टी इमली मीठे बेर खाते थे

मिट्टी से आए अपनेपन कि खुशबू 
सरसों के खेत लहराते थे

तुम संग थी "दीपक" के ज़बतक 
ख़ुश थे हम भी कभी हसते गाते थे

©Deep bawara #gazal #गज़ल #ग़ज़ल_सृजन #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास 

#alone