"रक्षक" फोन की घंटी बजी, मैसेज आया कंट्रोल रूम में से, पहनके खाकी वर्दी, ड्यूटी बजाने दौड़े आधी रात को भी.. हिम्मत ना हारी , साहस ना छोड़ा, दूसरों के लिए लड़ने को हमेशा तैयार, हारी हुई बाजी जितने को तैयार, हथियार लेकर साथ में, ड्यूटी बजाने दौड़े आधी रात को भी.. देश के खातिर खुद को समर्पित किया, अपने सपनों को ना पूरा किया, खुद की इच्छा ओ को त्याग करके, ड्यूटी बजाने दौड़े आधी रात को भी.. परिवार को रख अपने दिल में, ईश्वर के भरोसे अकेला छोड़कर, बंदूक की गोलियों के साथ, ड्यूटी बजाने दौड़े आधी रात को भी.. शौर्य का प्रतीक बने, मुश्किलों से प्यार करके, अंधेरों को भी मित मानकर, ड्यूटी बजाने दौड़े आधी रात को भी.. हमारी खुशी का सम्मान किया, अपनी खुशियों की कुर्बानी दी, इन महान योद्धाओं को शत-शत नमन, जो ड्यूटी बजाने दौड़े आधी रात को भी। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-3 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #नववर्ष2022 #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #kknitesh