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वो स्पर्श कुछ खास सा, हक़ीक़त या ख़्वाब था। स्पर

वो स्पर्श कुछ खास सा, 
हक़ीक़त या ख़्वाब था।

स्पर्श सुकून सा, 
हल्की सी बेचैनी सा,
चुपचाप दिल में हलचल सी,
बाहर बस शान्ति सी,
मग़र‌ अन्दर शोर अजीब सा,
सुकून में बेचैनी के करीब सा।

वो स्पर्श कुछ खास सा,
क्या प्रेम का एहसास था?

स्पर्श बेपरवाही सा,
सब भूल बेफिक्र हो जाने सा,
अन्दर बेचैनी बस विछोह सी,
सन्नाटे के बाद कोलाहल सी,
भयभीत बस डर अजीब सा,
सुकून में बेचैनी के करीब सा।

वो स्पर्श कुछ खास सा,
प्रेम का ही एहसास था। #स्पर्श 
#ख़्वाब 
#हक़ीक़त 
#सुकून 
#कोलाहल
#बेपरवाही 
#yqhindi 
#bestyqhindiquotes
वो स्पर्श कुछ खास सा, 
हक़ीक़त या ख़्वाब था।

स्पर्श सुकून सा, 
हल्की सी बेचैनी सा,
चुपचाप दिल में हलचल सी,
बाहर बस शान्ति सी,
मग़र‌ अन्दर शोर अजीब सा,
सुकून में बेचैनी के करीब सा।

वो स्पर्श कुछ खास सा,
क्या प्रेम का एहसास था?

स्पर्श बेपरवाही सा,
सब भूल बेफिक्र हो जाने सा,
अन्दर बेचैनी बस विछोह सी,
सन्नाटे के बाद कोलाहल सी,
भयभीत बस डर अजीब सा,
सुकून में बेचैनी के करीब सा।

वो स्पर्श कुछ खास सा,
प्रेम का ही एहसास था। #स्पर्श 
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