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fraudjii8038
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नौख़ेज़

प्रेम और पीड़ा के बीच कहीं भटकता

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नौख़ेज़

हालात से डरी मंज़िलें, दूर होती गई,
राहों की रोशनी भी बेनूर होती गई

इक तिरे इश्क़ ने संभाला था मुझे
तू भी अब जन्नत की हूर होती गई,

आते तेरे पीछे जन्नत तक भी हम,
अर्जियां हमारी नामंजूर होती गई

©नौख़ेज़ #DarkWinters 
#इश्क़
#सहारा
#नूर
#ज़न्नत
#अर्ज़ी
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नौख़ेज़

ज़िन्दगी का अफ़साना लिख 
ग़म की रातों का फ़साना लिख,
 
गुज़री हुई बातों को दोहरा के
ज़मानें को एक नज़राना लिख,
 
लिख ऐसे सिसकियाँ भी शायरी लगे
दर्द की कहानियों का ज़माना लिख,

तू दिले-नौख़ेज़ का हाल बता के,
ग़ज़ल की मुक़तज़ा का पैमाना लिख।।

©नौख़ेज़
  #Likho
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#ग़ज़ल
#ज़िन्दगी
#पैमाना 
#मुक़तज़ा- demand
#फ़साना
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नौख़ेज़

जुगनुओं के पलकों पे है शाम सज आई,
सितारों ने धीरे से ली अँगड़ाई
बाहें फैला के अँधेरा खड़ा है
सूरज ने अंधेरे में डुबकी लगाई
पंछी भी नीड़ों को अब लौट आए
माई भी खेतों से लौट आई
पापा आये दुकान से सामान लेकर
घर में टॉफियों की महक छायी
धीरे-धीरे अँधेरा बड़ा 
माँ ने चाँद से रोशनी मँगाई,
आये चंदा मामा उजाला लेकर
फिर माँ ने आँगन में गाय दुहाई,
घास देकर माँ जो आई अन्दर
देखा बच्चों के पलकों पे नींद है घिर आई
डांट-डपट कर दूध पिलाया
फिर मीठी सी लोरी सुनकर जो नींद आई
आके सूरज चाचू ने ही आँखे खुलवाई।।

©नौख़ेज़
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#गाँव
#मासूमियत 
#मां
#शाम
#पापा
#चाँदनी
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नौख़ेज़

कब तलक सहते रहें दर्दे-वफ़ा को
कोई तो हो जो समझे इस जफ़ा को,

यार तो बेदर्दी है मिरा ना उसे हया
बेरुख़ी उसकी बुला रही मेरी कज़ा को,

शामियाना ज़िन्दगी का अब फट रहा
सांसे लेकर पूरी करेगी अपनी रज़ा को,

 गर सुनाए मेरी दास्तां कोई जमीं पे
रोये आसमां भी सुन के मेरी अजां को..

©नौख़ेज़ #love 
#pain
#zindagi
#sky
#rain 
#अजान
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नौख़ेज़

अपने सपनों के लिए उजाले सँजो रहा हूँ मैं,
अंधेरों में जाग-जाग के सूरज बो रहा हूँ मैं

©नौख़ेज़
  #WinterSunset 
#उजाला
#रात 
#सूरज 
#अंधेरा
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नौख़ेज़

चाँद ,रात ,चराग़ सब कहाँ मय्यसर है मुझे,
दुआ ,दवा ,हक़ीम ,क़रीम सब बेअसर है मुझे;

सुब्ह का नूर, शाम का सुरूर ; सब बेनूर
अब लगता है ये जहां भी मुख़्तसर है मुझे।

©Gaurav Bhatt
  #boat 
#चाँद
#रात 
#हक़ीम 
#नूर


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