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varshasrivastava8922
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Varsha Srivastava

मैं किसी अनकही कविता सी, रोज स्पष्ट करती हूँ अपना अर्थ..!!

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Varsha Srivastava

।तसव्वुर में खिल रहा चाँद, बीती रातों वाला।
।।बन रहा कोई गीत, तिरी जैसी बातों वाला।।

।उनमें खुशबुएँ तिरी यादों की जब आयेगी।
।।जी लेंगे कुछ देर और, पल सौगातों वाला।।

।हमराज़ नहीं सही, हमराही ही बन जाओ।
।।ज़रिया कोई तो हों अपनी मुलाक़ातों वाला।।

।दूर कहीं तिरा दिल भी धड़कता तो होगा।
।।बोलो वो ही, जो हों तिरे ख्यालातों वाला।।

।खत्म करो सिलसिला ख्वाबों में आने का।
।।इश्क़ किया नहीं जाता, कभी हालातों वाला।।

।तिलिस्म सा हैं इश्क़, तुम भी मान जाओगे।
।।फ़क़त जीवन ही तो हैं, थोड़े ज़ज़्बातों वाला।। #Gazal #Nojoto #Hindi_Urdu #Poetry #Romance
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Varsha Srivastava

लोगों की बदलती डी. पी. देख कर,,
ये विचार आया... 'कितनी रंगीन हैं उनकी दुनिया',
और फिर स्याह अंधेरा छा गया.. मेरे मन में!!
मेरे पास क्यों नहीं इतने रंग,,
जितने उनके जीवन में हैं..
क्या वे हमेशा खुश रहने वाले प्राणी हैं..???
या सबको दिखने वाले... कि वे खुश हैं..।
या बात और गहरी हैं...??
ये भी तो हो सकता हैं, वो अकेले हों,,,
सबसे कटे हुए...
सोशल मीडिया ही उनका संगी साथी हों...
या वो ज्यादा ही सोशल हों,, 
लोगों की पीड़ा हरने वाले टाइप...।
कुछ भी हो सकता हैं।
मेरा इतना सोचना व्यर्थ हैं... जब मुझे उनसा बनने में रुचि नहीं हों।।
मैं खुश हूँ, वास्तविक दुनिया में, वास्तविक लोगों के साथ...
फिर भला मेरे जैसे को वर्चुअल दुनिया से क्या जलना..!! #Nojoto_hindi
#Poem
#Virtual_world
#Hindi_kavita
#Varsha_Srivastava
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Varsha Srivastava

मैं कैफ़ियत में उसके,
'मुझे' तलाश करती हूँ।
मिले ज़रा सुकून, वो
जुनून तलाश करती हूँ।। #Nojoto #Shayari #Love #Urdu_Hindi #Varsha_Srivastava
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Varsha Srivastava

ढल रहा हैं एक और सूरज
समेटता अपनी उमंगे..
अपनी चुप्पी से राज़ दबाता,
और नीरसता बिखेरता..
शायद वह निर्मोही हो चुका होगा,
मिट कर शांति से जीना चाहता होगा।

ये शांति भी अजीब मोह हैं,
चुप्पी तो मिलती लेकिन
शांति मिलती भी नहीं।
अंदर तक जो शांत कर सकें,
वो साधन भी कहाँ हैं??

तवज्जो मिलती हैं बोलने वालों को,
खामोशी सुनता कौन हैं??
और उनका क्या,
जो इसी में जीना चाहते हैं।
चुप रहना चाहते हैं।
उनकी क़द्र नहीं करता कोई,
शायद उनसे डरते हैं लोग।

वो सूरज अब थक गया होगा,
इंतेज़ार करते-करते।
मतलबी दुनिया को फुर्सत नहीं,
पूछ लेता उसका हाल कभी।
"पूछता वो क्यों चुप हैं??"
फिर उसे ढलना नहीं पड़ता,
वो दिन हो जाता हमेशा के लिए..!! #Sun
#Nojoto
#Poem
#Feelings
#Deep_meaning
#Varsha_Srivastava
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Varsha Srivastava

उसने लगाई एक लता
जिसे आश्रय की आदत दी,
एक पेड़ से टिक कर
वो बड़ी होती..
हर समय उसी पर आश्रित।

फिर किसी रोज
उसका प्रश्रय
मृत हो गया..
वो लता भी अधमरी हो गई,
न पानी, न धूप, न खाद,
कुछ काम नहीं आया..

और एक रोज
वो भी सूख गयी..
मौत उसकी थी,
किन्तु गलती उसकी
जिसने उसे ऐसा ही बनाया..
फिर ऐसा बनाकर,
सोचा कि वो बदल सकती हैं..
वो बदली भी,
जीवित से मृत के रूप में।। #Nojoto
#Short_Poem
#Varsha_Srivastava
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Varsha Srivastava

बहुत बन गये हिन्दू- मुसलमान,
अब इंसान रहने दो।
सरजमीं पे अपना
एक मुक़ाम रहने दो।

खुदगर्ज़ी किसकी ख़ातिर ज़नाब,
ख़ाक को बस ख़ाक रहने दो।

मुकदमेबाज़ी में मैं हरदम हारी,
थोड़ा अब चुपचाप रहने दो।

समुद्र खारा हैं तो खारा ही सही,
जो जैसा हैं उसे वैसा रहने दो।

बस्ती वाले क्यों जाने अमीरों के ढंग,
उनका सारा आसमान रहने दो।

मिल्कियतें बिक गयी नुमाइश ख़ातिर,
ऐसा भी क्यों गुमान रहने दो।

जुर्म करके बेपर्दा घूम रहे लोग,
ऐसा भी क्यों कानून रहने दो। #Gazal
#Nojoto
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Varsha Srivastava

एक दार्शनिक
विचारों में डूब कर
ढूंढता हैं सवालों के जवाब।

एक वैज्ञानिक
खोजता हैं समाधान
वर्तमान समस्याओं के।

एक संत
मानता हैं ईश्वर में
हैं सारा संसार।

एक मज़दूर
श्रम बेचकर
जीविकोपार्जन करता हैं,
जैसे किसान 
अन्न उगाता हैं,
मज़दूर करता हैं,
हर वो कार्य
जिसके बिना दार्शनिक,
वैज्ञानिक,
संत,
किसान,
कोई भी अन्य,
कल्पना नहीं कर सकते
उनके जीवन के सरल होने की।

और वही मज़दूर,
रह जाता हैं सबसे कटा
क्योंकि उसकी समस्याओं पर,
कोई समाधान नहीं,
बस वादे किये जाते हैं। #Nojoto
#Kavita
#Labour
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Varsha Srivastava

मैंने कभी कहा नहीं, लेकिन मैं अपने पापा के बहुत करीब थी... 
उनसे लड़ती भी बहुत थी, 
और उनकी बातें मानती भी थी..
लेकिन उनके आखिरी दिन मैं उनसे बहुत दूर थी.. 
आखिरी वक्त में भी पापा को मेरी फ़िक्र थी, 
और मैं इस बात से अनजान कि अब उन्हें कभी नहीं देख पाऊँगी.. 
कभी नहीं मिल पाऊँगी.. 
मैं जो बातें उनसे तब नहीं कह पायी.. 
वो अब उनकी तस्वीर से कहती हूँ.. 
"मैं उन्हें आज भी बहुत प्यार करती हूँ.. बहुत याद करती हूँ"। 
और मुझे पता हैं वो मुझे बिन कुछ कहें, देख सकते हैं..


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