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pratikpatil4151
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Pratik Patil Patu

Pratik Patil (patu), an aspiring poet from Ichalkaranji is  a Psychology student, who also is an International rated Chess player. He is assisting many people to overcome their emotional challenges, as a frank friend His Vision Is ... To Make Infrastructural Changes , For Handicapped. To Make Our Earth Handicap Friendly. PRATIK PATIL (PATU) literature is easily available on internet contact - 8208423930

https://t.me/smspatu

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Pratik Patil Patu

#Hope good night 
quote

#Hope good night quote #कोट्स

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Pratik Patil Patu

# सच्ची मित्रता क्या है?

# सच्ची मित्रता क्या है? #विचार

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Pratik Patil Patu

जंगल खतरे में है!

इस जंगल को नारंगी, होने नहीं दूंगा
हरे पेड़ों को फूलों को, झड़ने नहीं दूंगा
हरियाली  को मैं कटने नहीं दूंगा
चांद और सूरज को बटने नहीं दूंगा
इस विविधता को मैं मिटने नहीं दूंगा

जंगल का कानून, सबके लिए समान है
किसी शेर कि यहां पर, चलने नहीं दूंगा
क्या हुआ जो आ गए कुछ करकमल
फैलाने दंगल, जलाने जंगल…
यह अमंगल, मैं होने नहीं दूंगा!

यह जंगल हमारा है!
यहां का हर जीव- जंतु ,पेड़- पौधा प्यारा है
बीच सबके भाईचारा है
इस बात को मैं, बुलाने नहीं दूंगा
जंगल को बंजर होने नहीं दूंगा

©Pratik Patil Patu
  जंगल खतरे में है, उठो जागो बचाओ इसे
#saveindia

जंगल खतरे में है, उठो जागो बचाओ इसे #saveindia #कविता

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Pratik Patil Patu

होली

जो कलियां खिली ही नहीं
जो फूल बने ही नहीं
रोशनी जिन्हें मिली ही नहीं
 उन प्यारो की होली कैसी होगी?

जो हीरे भूल गए अपनी खान को
जो तारे भूल गए जहान को
रात में अकेले, कपकपाते हुए 
उस आसमान की होली कैसी होगी?

पुष्प भूल गए, पुष्पाद को
पत्तों ने छोड़ा जिस पादप को
छांव देते देते जो मुरझा गई
उस डाली की होली कैसी होगी?

जिनका कोई नहीं
घोसले से बाहर आना नहीं
उन परफटे पंछियों की होली
कैसी होगी?

जिसे जान से मिट्टी प्यारी
हरदम रक्षा करे हमारी
वह जो झेलता है गोली
उस रक्तपुष्प की होली,  कैसी होगी?

©Pratik Patil Patu
  #Holi #SAD #Reality 
इनकी होली कैसे होगी?

#Holi #SAD #Reality इनकी होली कैसे होगी? #Poetry

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Pratik Patil Patu

#myvoice #treanding #thaughts #marathi  SpeaK OuT
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Pratik Patil Patu

जिथे कामापुरता संवाद सहवास आणि विश्वास असतो
त्या नात्याला मैत्री म्हणावं की नाही?

हिरवी पाने हिरवी वने
हिरवी होती सृष्टी जेव्हा
होती वाहत त्यातून खळखळ 
निर्मळ मैत्रीची सरिता

काळ बदलले ऋतू बदलले 
रूप बदलले सृष्टीचे
नाही हिरवी पाने वने, 
हिरवे नाही काही

आनंद गेला दाह झाला
भेगा पडल्या जमिनीला
क्षणात उडून गेले पाणी
सोडून निर्मळ नदीला

मागे उरले दगड गोटे
फक्त आठवणीला….

©Pratik Patil Patu
  मैत्री अशी असते का?
#friends #मैत्री 
#true #pratikpatilpatu

मैत्री अशी असते का? #friends #मैत्री #true #pratikpatilpatu #मराठीकविता

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Pratik Patil Patu

बोलता बोलता......

बोलल्यामुळ काय काय होतं ते बघा.....
( 🤣 किंवा 😭)

Read in caption  बोलता बोलताच…..

बोलता बोलताच ओळख होते
बोलता बोलता मैत्री होते
बोलता बोलताच मन जुळतात
बोलता बोलता प्रेम होतं,
बोलता बोलताच भारी वाटतं
बोलता बोलताच लाजतो आपण

बोलता बोलताच….. बोलता बोलताच ओळख होते बोलता बोलता मैत्री होते बोलता बोलताच मन जुळतात बोलता बोलता प्रेम होतं, बोलता बोलताच भारी वाटतं बोलता बोलताच लाजतो आपण

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Pratik Patil Patu

Disability can only  delay your abilities,
Can't destroy! #disability #quote
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Pratik Patil Patu

ना स्वर्ग की लालसा दिखाएं
ना नर्क की यातना बताएं
कोई मुझे धर्म समझाएं

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Pratik Patil Patu

वातंत्र्यापूर्वी होती विषमता
हुकूमशाही मक्तेदारी आणि उपासमारी
नव्हते स्वातंत्र्य समता आणि संविधान भारी

काहींच्याच हाती होती, उत्पन्नाची साधने
श्रमिकांनी मात्र फक्त राब राब राबणे
मिळत नसे त्यांना दाम त्यांच्या हक्काचा ही
रक्ताने भरलेली सावकाराची वही

जातीच्या आधारावर वाटलेली जनता
धर्मावर आधारलेली अन्यायी सत्ता
वर्णभेद लिंग भेद आणि विषमता
तुकडे फक्त देशाचे  नव्हती एकता

भारताला पूर्ण स्वातंत्र्य मिळाले
आले संविधान चित्र बदललेले सारे
सर्वांना समतेने हक्क मिळाले
कष्टकरी हातही सबळ झाले

नाही सत्ता आता इथे एय्रागैय्राची 
सर्वांच्या हाती शक्ती एक मताची
चला करू जागृती संविधानाची

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