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vishalkumar3172
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Vishal Kumar

Actor / Script Writer / Director / Young Poet.

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Vishal Kumar

यादों का क्या 
वो आती है 
पलक झपकाती है
और चली जाती है। #december #याद #कविता #कवि #कला #कलाकार #शायरी #विचार #भारत #विश्व
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Vishal Kumar

ज़िंदगी दिसंबर सी उतरते उम्मीद सी 
दिसंबर की ज़िंदगी,
और चढ़ते मकाम सी 
जिंदगी की दिसंबर।। 
#दिसंबर #दिसंबर #ज़िन्दगी_दिसंबर_सी #कविता #कवि #कहानी #संगीत #विचार #साहित्य #भारत #विश्व_साहित्य
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Vishal Kumar

मुश्किल घड़ी और दोस्त लाख दूर होने पर भी 
अपनी परछाई यहीं छोड़ जाता है 
एक दोस्त ही तो है 
जो मुश्किल वक़्त में भी
बेहिचक खिंचा चला आता है ।
#december #दिसंबर  #december #mushqil_waqt_aur_dost #poetry #poet #thought #literature #art #artist #indianliterarure #worldliterature
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Vishal Kumar

मुश्किल घड़ी और दोस्त लाख दूर होने पर भी 
अपनी परछाई यहीं छोड़ जाता है 
एक दोस्त ही तो है 
जो मुश्किल वक़्त में भी
बेहिचक खिंचा चला आता है ।
#december #दिसंबर #december #mushqil_waqt_aur_dost #poetry #poet #thought #literature #art #artist #indianliterarure #worldliterature
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Vishal Kumar

वक़्त के चुभन की नुमाईश है टूटा दिल, 
टकराते ख्वाहिशों की आजमाईश है टूटा दिल ।
या तो फरियाद हो या हो कुंद अरमां, 
बंजर भूमि की पैदाईश है टूटा दिल ।। र #December #दिसंबर #टूटा_दिल #कविता #कवि #विचार #कहानी #संगीत #भारत #विश्व_साहित्य
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Vishal Kumar

बेशर्त दोस्ती वो बचपन भी क्या खूब था 
जब शर्तों के आड़ में 
ठुमक ठुमक कर 
पचपन से पंजा लड़ाया करता था। 
कभी जीता नहीं मगर 
बाज़ी से इतर 
दोस्ती बेशर्त हुआ करती थी।
अब ना वो वक़्त है 
और ना ही वो दोस्त ।
मगर दोस्ती तो अब भी है
पर शर्तों वाली, 
कमबख्त बेशर्त दोस्ती का दौर 
शायद अब ढल सा गया है।
हर आंखो का पानी 
पिघल सा गया है। 
जो तुतली बोलियों की मिठास थी 
कानों में देर तक घोलती 
अब उन मिठास का दौर 
जल सा गया है। 
बचपन में कभी दोस्त के घर 
हम बिन बुलाए मेहमान 
बनकर जाया करते थे।
और आज बुलाने पर भी.....नहीं जाते 
कि शायद कोई काम 
करने को ना कह दे।
मतलबी दुनियां के आशिक़ बनकर 
आशिकी के सारे ग्रंथ जला चुके हैं। 
ख़ैर अब शर्तों में कहां तक 
बंध कर रहती है दोस्ती, 
गर गुमनाम भी हो जाए 
तो भी बेशर्त संभलती है दोस्ती। 
ये तो महज़ बातें हैं अपनों जैसी, 
जो तरकश में रहकर भी ख़ामोश रहती है। 
काश कि फिर लौटे 
उमंगों से सराबोर 
बचपन के वो दिन 
और फिर से झगड़ते हुए 
महसूस करें हम 
अपने अपने हिस्से की बेशर्त दोस्ती।। 
#दिसंबर #December #december #बेशर्त_दोस्ती #दिसंबर #कविता #कवि #विचार #बचपन #तुतली_बोली_की_मिठास #बचपन_का_झगड़ा #भारत
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Vishal Kumar

दिसंबर का महीना  अल्फाजों के दरम्यान 
क्या दिसंबर टिक पायेगा? 
आरोप गंभीर लगे हैं उस पर 
आरोपित और आरोपिता 
दोनों ही घनिष्ठ मित्र हैं मेरे 
इसने आते ही
दिल तोड़ दिया ।
जवाब मुझे नहीं मेरे अहले मित्र को चाहिए!
जिस गुनाह को कभी कभार
 गाहे बगाहे झांक कर छोड़ दिया करता था 
अबकी बार वही दिसंबर 
तड़पन में 
जमकर दिलचस्पी ले रहा है
आरोप तो लग चुका है 
और जब दाग दिख ही रहा है 
तो मेरी सलाह मान लो 
और सुगबुगाहट से पल्ला झाड़ लो 
क्योंकि इससे पीछा छुड़ाने में ही 
हम सबकी भलाई है।
चलो महीना तो आया है 
मगर ठंड अपने उदर में समाकर लाया है 
ये वो ठंड है 
जो रिश्तों की गांठ को 
दांतों से दबाकर बैठा हुआ है। 
अब या तो रिश्तों को बचा लो 
या फिर अलाव सुलगा लो 
और दिसंबर का स्वागत करो 
ये जानते हुए भी कि
दिसंबर प्यार का कातिल है।
#December #अलगाव 
#December
#art #poetry #poet  #thoughts #stories #december_ka_mahina #india #world
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Vishal Kumar

ज़ख्म फूटा है अंदर अंदर 
वो सिसक सिसक कर रोता है, 
दिन में उसकी कोई ना सुनता 
रात नींद ले उड़ती है ।। 
~ विशाल कुमार #poem #quotes #feeling #art #artist #world #nature #love
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Vishal Kumar

रुत हो गई है शाम, वक़्त ए नाम होने दे,
तू आज जिस फलक पे है, ज़मी भिगोने दे। 
करता नहीं क्यूं ज़मीर से फ़रियाद होने दे, 
जिस क़ौम की तासीर है वो कौम खोने दे।। 
~ विशाल कुमार

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Vishal Kumar

एक रिश्ते की मौत पर 
लोग झगड़ रहे थे 
एक दूसरे से लड़ रहे थे 
और वक़्त खड़ा मुस्कुरा रहा था । 
उसने कहा वक़्त नहीं है 
मैंने कहा कोशिश करो 
और बात ख़तम हो गई ।। 
फिर कुछ दिनों के बाद, 
मैंने कहा वक़्त नहीं है 
उसने कहा कोशिश करो 
और बात ख़तम हो गई ।। 
और इस तरह से हो गई 
फिर एक रिश्ते की मौत ।। #एक_रिश्ते_की_मौत #कविता #कला #कहानी #शायरी #संगीत #विचार #कॉमेडी  anddy dubey Pal Pragya Prinal Royal Mr. Writer Anukriti Mishra Roshan Jha
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