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rajeevvaidya3713
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Rajeev Vaidya

न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं... अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं !!!

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Rajeev Vaidya

कितना अजीब धुंआ है ये 
सिर्फ़ पराली जले तो
दिल्ली तक पहुंच जाता हैं,
सारी फसल जल जाए तो
तहसील तक नहीं पहुंच पाता... #farmer
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Rajeev Vaidya

#shayri #urdushayri
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Rajeev Vaidya

ज़न्नत हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,
 दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है... #जन्नत#ग़ालिब#हकीकत#दिल#खुश#ख़्याल #अच्छा #शायरी#ज़ज़्बात#
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Rajeev Vaidya

कल शाम की बात है  फिर वही जज़्बात है, कभी फुर्सत में दिखाऊं तुम्हे शाम-ए-बनारस का नजारा..

एक हम दोनों, एक कश्ती और वो गंगा का किनारा..!! #फुर्सत#शाम#2लाइन#शायरी#पोएट्री#कविता#बनारस#नज़ारा# Balraj Kumar Sahiba Sridhar Chandraj Jain Nidhi Dehru

फुर्सतशाम2लाइनशायरीपोएट्रीकविताबनारसनज़ारा# Balraj Kumar Sahiba Sridhar Chandraj Jain Nidhi Dehru

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Rajeev Vaidya

राजीव वैद्य #गम #चीज़ #दोस्तों #हाल #वाकिफ़ #friends #दोस्त #एकदूसरे # Nidhi Dehru Sahiba Sridhar Balraj Kumar Chandraj Jain Namita Writer

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Rajeev Vaidya

#सुकून   सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतारकर,
कह भी देता हूँ और आवाज भी  नही आती..!!! #सुकून #लफ्ज़ #कागज़ #आवाज़ #हिंदी #विचार # Nidhi Dehru Namita Writer Fateh Chauhan Eshaan Avasthi Aadarsha singh

सुकून लफ्ज़ कागज़ आवाज़ हिंदी विचार # Nidhi Dehru Namita Writer Fateh Chauhan Eshaan Avasthi Aadarsha singh

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Rajeev Vaidya

 #फलदार #गांव #पूजता #कत्ल #दरख़्त #सूखा #बेजवां #nojotohindi #yourquote #पेड़ #savethetree
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Rajeev Vaidya

ग़ज़ल जब किताब के पन्नों से निकल कर कण्ठ में घुलती है, अक्षर जब सुर-दर-सुर रस-मंजरी में परिवर्तित होते हैं, साधक जब स्वयं साध्य के साथ एकाकार हो जाता है, तो जो संयोग बनता है उसका नाम है मेहदी हसन साहब। कला और साहित्य की संवेदना सरहदों के बाँधे नहीं बँधती। कलावंत, 'शहंशाह-ए-ग़ज़ल' मेहदी हसन साहब ने आने वाली कई पीढ़ियों की समृद्ध स्वर-चेतना को जागृत किया जिनमें भारत के भी कई फनकार शामिल हैं। उनकी अनहद स्वरलहरियाँ पीढ़ियों तक पूरे विश्व में यूँ ही गूँजती रहेंगी। आज, उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन। 🙏❤️

ग़ज़ल जब किताब के पन्नों से निकल कर कण्ठ में घुलती है, अक्षर जब सुर-दर-सुर रस-मंजरी में परिवर्तित होते हैं, साधक जब स्वयं साध्य के साथ एकाकार हो जाता है, तो जो संयोग बनता है उसका नाम है मेहदी हसन साहब। कला और साहित्य की संवेदना सरहदों के बाँधे नहीं बँधती। कलावंत, 'शहंशाह-ए-ग़ज़ल' मेहदी हसन साहब ने आने वाली कई पीढ़ियों की समृद्ध स्वर-चेतना को जागृत किया जिनमें भारत के भी कई फनकार शामिल हैं। उनकी अनहद स्वरलहरियाँ पीढ़ियों तक पूरे विश्व में यूँ ही गूँजती रहेंगी। आज, उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन। 🙏❤️ #कविता #nojotovideo

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Rajeev Vaidya

मेहंदी हसन साहब की पुण्यतिथि पर सादर नमन 
“आंखोंको वीजा नहीं लगता, सपनों की सरहद नहीं होती, बंद आंखों से चला जाता हूं सरहद पार मेहंदी हसन से मिलने..." #सादरअभिवादन
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Rajeev Vaidya

ग़ज़ल जब किताब के पन्नों से निकल कर कण्ठ में घुलती है, अक्षर जब सुर-दर-सुर रस-मंजरी में परिवर्तित होते हैं, साधक जब स्वयं साध्य के साथ एकाकार हो जाता है, तो जो संयोग बनता है उसका नाम है मेहदी हसन साहब। कला और साहित्य की संवेदना सरहदों के बाँधे नहीं बँधती। कलावंत, 'शहंशाह-ए-ग़ज़ल' मेहदी हसन साहब ने आने वाली कई पीढ़ियों की समृद्ध स्वर-चेतना को जागृत किया जिनमें भारत के भी कई फनकार शामिल हैं। उनकी अनहद स्वरलहरियाँ पीढ़ियों तक पूरे विश्व में यूँ ही गूँजती रहेंगी। आज, उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन। 🙏❤️- #मेहँदी
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