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irfankhan0757
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Irfan Khan

Gazal,, Geet,, Nazm

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Irfan Khan

कोई ख्याल तेरे बाद क्यों नहीं आता,,
के बस में ये दिले नाशाद क्यों नहीं आता 
बहुत से लोग मेरी जिंदगी में आये मगर
तेरे आलावा कोई याद क्यों नहीं आता।

©Irfan Khan #DarkWinters #urdu #urdu_poetry
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Irfan Khan

ज़ुल्मों सितम ज़माने के कब तक सहेंगे आप 
तन्हाइयो के शहर में कब तक रहेंगे आप
करता नहीं यकीन कोई इस जहान में 
झूठों की बस्तियों में किसे सच कहेँगे आप।

©Irfan Khan #celebration #urdu
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Irfan Khan

सौदा ए ज़िन्दगी बड़ा महंगा पड़ा मुझे,
बदले में अपने आप को देना पड़ा मुझे।

मैं चाहता था ख़ुद से मुलाक़ात हो मेरी,
इस वास्ते सभी से बिछड़ना पड़ा मुझे।

अपनों से अपने वास्ते लड़ना पड़ा मुझे,
आख़िर ये इक गुनाह भी करना पड़ा मुझे।

रोटी, लिबास और दवाओं कि शक्ल में,
चालान ज़िंदा रहने का भरना पड़ा मुझे।

इरफ़ान उस हसीन कि ख़ुशियों के वास्ते
नीलाम अपने आपको करना पड़ा मुझे।

✍️ इरफ़ानुद्दीन इरफ़ान  ✍️

©Irfan Khan #Travel
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Irfan Khan

अब अपना वक़्त भी बर्बाद करते रहना तुम
मैं जा रहा हूं मुझे याद करते रहना तुम

©Irfan Khan #akelapan
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Irfan Khan

ये कौन लोग हैं जाने कहाँ से आये हैं
जिन्होंने मेरी ज़मीनो पे घर बनाये हैं।

सुना रहे हो जो किस्सा तो कुछ नया कहना 
पुराने किस्से तो अपने सुने सुनाये हैं।

नया लिबास नहीं था सो यूं किया हमने
रफू की शक्ल में धागे नये लगाए हैं।

फरेब, झूठ, हीकारत,तआस्सूब और दग़ा 
ये सारे तीर कलेजे पे हमने खाये हैं।

मैं उनको दोस्त समझता रहा ख़ुदा की कसम
जो सांप बन के मेरी आसतीं में आये हैं।

कुछ और था ही नहीं अपने वासते इरफ़ाँ
सो बज़्म ए जाना से कुछ ज़ख्म चुन के लाये हैं।

©Irfan Khan #gazal
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Irfan Khan

कितनी आसान ज़िन्दगी थी मेरी,
जब तलक तुमसे दोस्ती थी मेरी।

मैं उसे छोड़कर चला आया,
ये भी इक तरह ख़ुदकुशी थी मेरी।

उसने बोला कि वक़्त थम जाये,
बन्द कुछ रोज़ तक घड़ी थी मेरी।

यानि सब राज खुल गए मेरे,
उसके हाथों में डायरी थी मेरी।

मुझको लुटा है इस सियासत ने,
इससे बेहतर तो शाइरी थी मेरी।

©Irfan Khan #urdu #gazal
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Irfan Khan

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Irfan Khan

उसने बोला कि वक़्त थम जाये,
बन्द कुछ रोज़ तक घड़ी थी मेरी।

©Irfan Khan #Watch #sher #urdu
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Irfan Khan

ज्यादा नहीं सही न सही कम तो देखिये
ऐ मेरे ग़मगुसार मेरा ग़म तो देखिये..

©Irfan Khan #Drops
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Irfan Khan

इक तरफ माँ है इक तरफ महबूब
इक मोहब्बत है, इक छलावा है

©Irfan Khan #उर्दू #urdu
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