Find the Latest Status about बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर कविता.
Praveen sethiya
तेरी याद ने मुझे सताया है बहुत, तन्हाई में अक्सर मुझको रुलाया है बहुत ये कैसा रिश्ता हम दोनों के दरमियान है जो खत्म नहीं होता, तेरी याद में खुद को मिटाया है बहुत miss you too ©Praveen sethiya #goodnightimages # अक्सर दिल टूटा तो एक आवाज़ है, मिट्टी के खिलौने की तरह हम बिखर गए
#goodnightimages # अक्सर दिल टूटा तो एक आवाज़ है, मिट्टी के खिलौने की तरह हम बिखर गए
read moreNeel
White मैं अक्सर हक़ जमाता हूं, तेरी तस्वीर पर अपना, मगर क्यूं भूल जाता हूं..खुद को काबिल बनाना मैं। 🍁🍁🍁 ©Neel #भूल जाता हूं 🍁
Dev Rishi
सच जीवन का जानना हो तो मृत्यु से यदि भय लगता हो तो प्रेम की गर्त में जाने से डर लगता हो तो कभी किसी मंदिर में दो चार मिनट आकर बैठ जाना ©Dev Rishi बैठ जाना
बैठ जाना #Shayari
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पहुंच जाता हूं गुमनाम शायर ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Sad_shayri लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पह
#Sad_shayri लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पह #शायरी
read moreArora PR
White देश के अलग अलग कोनो में मिट्टी की तासीर अलग अलग है किसी कोने की मिट्टी लहू के रंग से सनी हुई है किसी कोने की मिटी लाशों से पटी पढ़ी है ©Arora PR मिट्टी
मिट्टी #कविता
read moreHARSH369
White विरक्त हुं इन समाज से विरक्त हुं इनके ख्याल से ना लोभ है ज्यादा मुझे ना चाह है किसी वस्तु कि विरक्त हुं आर्थिक विज्ञान से बस इतना देना भगवन..! मै भी भूखा ना रहुं,ना मेरे परिवार जन, ना हि कोई अतिथि जो द्वार पर आये खाली हाथ न लौते अकाउंट ,जेब हमेशा भरी रहे मेरी.. जन जन तक ये पहुंचाना है रोटी,कपड़ा,मकान दिलाना है ये हि मेरा आत्म विज्ञान है.. बाकि विरक्त हुं संन्सार से..! बस हवाई यात्रा रहे,देश विदेश की यात्रा करूं ना हि बेहतर गाड़ी कि अपेक्षा है, ना हि बड़ा घर अपने लिये, एक दोस्त चाहिये जो अपना रहे, कभी भी धोका ना दे,मुझे समझे बाकि विरक्त हूं रिस्तेदारी से..!! ©HARSH369 #विरक्त हूं...मै #कविता
Mahesh Ram Tandan divyang kavi
हर कदम ,कदम पे तेरी आहट है। गुलाब की तरह मुसकुराहट है। आंखों में तेरी मोहबबत का नजराना। बस तेरे लिये ही चाहत है। ©Mahesh Ram Tandan divyang kavi कविता - कदम कदम पे
कविता - कदम कदम पे
read more