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Salim Saha
देखते हैं ये जिंदगी हमें कब तक भटकाएगी किसी दिन तो कोशिशें हमारी भी रंग लाएंगी, उस रोज हम आराम से बैठेंगे अपने घर में और कामयाबी बहार दरवाजा खटखटाएगी। ©Salim Saha #Sawera कामयाबीन आहार दरवाजाकडे#
Vandana Rana
White हमने सहकर जो कहा, फिर कहकर वो सहा! ©Vandana Rana हमने सहकर जो कहा, फिर कहकर वो सहा!
Anuradha T Gautam 6280
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} यह एक रणक्षेत्र है, हम सबका शरीर, जिसने बहुत कुछ सहा है. ओर जब सांस् है, भगवान श्री कृष्ण की कृपादृष्टि से सहना होगा, चाहे रोकर, चाहे भगवान की कृपा समझ कर, भोगना सभी को अवश्य होता है।। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} यह एक रणक्षेत्र है, हम सबका शरीर, जिसने बहुत कुछ सहा है. ओर जब सांस् है, भगवान श्री कृष्ण की कृपादृष्टि
Ak.writer_2.0
बिना तुमसे बात किए मुझसे रहा नहीं जाता और, अगर तुमसे कोई और बात करे मुझसे सहा नहीं जाता.. ©Ak.writer_2.0 बिना तुमसे बात किए मुझसे रहा नहीं जाता और अगर तुमसे कोई और बात करे मुझसे सहा नहीं जाता... #Love #miss_u Munni Masoom Ruhi purva Tannu Sinha
BROKENBOY
छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे, ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे, दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है, जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे, मेरे जज़्बातों को मेरी इन आंखों में पढ़ो, अब तेरे सामने मैं आंसू भी बहाऊं कैसे, इश्क तुमसे किया, जमाने का सितम भी सहा, फिर भी तुम दूर हो हमसे, ये जताऊं कैसे. ©BROKENBOY #mountainsnearme छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे, ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे, दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है, जख़्म से टीस उठ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके , उपजे हृदय विकार ।। प्रभु का चिंतन जो करे , सुखी रखे परिवार । आपस में सदभाव हो , सदा बढ़े मनुहार ।। प्रभु चिंतन में व्याधि जो , बनते सदा कपूत । त्याग उसे आगे बढ़े , वह है रावण दूत ।। प्रभु की महिमा देखिए , हर जीव विद्यमान् । मानव की मति है मरी , चखता उसे जुबान ।। पारण करना छोडिए , विषमय मान पदार्थ । उससे बस उत्पन्न हो , मन में अनुचित अर्थ ।। २९/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके ,
राजकारण
आईनेच पोटच्या लेकरांचं मुंडकं धडावेगळं केलं ©राजकारण सोलापूर/कुईवाडी : घरात सर्वांनी एकत्रितपणे जेवण केले.. आजी-आजोबा एका नातेवाइकांच्या लग्नाला गेले.. सहा वर्षीय चिमुरड्याचे पप्पाही कामानिमित्
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रखकर खुला , कहता ऊँची शान ।। बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , हमसे सब अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली आस ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव