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Stories related to पतंगों की

    LatestPopularVideo

Rudresh Bechain

#InspireThroughWriting पतंगों की सोंच #बात

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पतंगे सोंचती हैं उन्हें मिलवाया जा रहा है, 
पतंगों को क्या पता कि उन्हें लड़वाया जा रहा है।। 

 # रूद्रेश बेचैन #InspireThroughWriting पतंगों की सोंच

Shan Poetry

#calm पतंगों की हेर फेर में पूरा साल गुजर गया #शायरी

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Dalip Kumar 'Deep'

😔🧡🍁 अब दिल नहीं मचलता आसमानी पतंगों की तरह🍂🍂 #शायरी

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Bisleri TARUN

वो पतंगों की तरह कट गई थी Talk shayari indianwriters writersofindia igwriters poetsoindia poetrycommunity nojotओ

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"उसके" पीछे 'मैं "भागा" बच्चों सा, "उसके" पीछे "भागा" 'मैं बच्चों सा,
 'वो "पतंगो" की 'तरह "कट गई"
      थी,,,,, वो पतंगों की तरह #कट #गई थी
#Talk #shayari #indianwriters #writersofindia #igwriters #poetsoindia #poetrycommunity #nojotओ

Himanshu Prajapati

#makarsankranti उड़ान पतग की तरह सिख मांझे की तरह जिंदगी आसमां की‌ तरह कठिनाई आसमां में उड़ते पतंगों की तरह होता है..! #विचार

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उड़ान पतग की तरह
सिख मांझे की तरह
जिंदगी आसमां की‌ तरह
कठिनाई आसमां में
उड़ते पतंगों की तरह होता है..!



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©Himanshu Prajapati #makarsankranti उड़ान पतग की तरह
सिख मांझे की तरह
जिंदगी आसमां की‌ तरह
कठिनाई आसमां में
उड़ते पतंगों की तरह होता है..!

Amit Srivastava

हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं डोर हमारे हाथ में रहती है, और पतंग कब कट जाती है पता ही नही चलता है ... मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की र

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हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं
डोर हमारे हाथ में रहती है,
और पतंग कब कट जाती है
पता  ही  नही  चलता  है ...
मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की रवायत,
गले मिलकर गला काटू मैं वो मांझा नही..... हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं
डोर हमारे हाथ में रहती है,
और पतंग कब कट जाती है
पता  ही  नही  चलता  है ...
मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की र

Amit Srivastava

हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं डोर हमारे हाथ में रहती है, और पतंग कब कट जाती है पता ही नही चलता है ... मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की र

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हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं
डोर हमारे हाथ में रहती है,
और पतंग कब कट जाती है
पता  ही  नही  चलता  है ...
मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की रवायत,
गले मिलकर गला काटू मैं वो मांझा नही..... हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं
डोर हमारे हाथ में रहती है,
और पतंग कब कट जाती है
पता  ही  नही  चलता  है ...
मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की र

Shivam Gupta

दही-चूड़े,तिलकुट से आज थाल सजी है हर घर मे एक गजब की शोर मची हुई है छत में पतंगों की झुंड उड़ रही है लगता है तिल संक्रांत की #Happy #Family #Be #make #MakarSankranti2021

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Makar Sankranti Messages  दही-चूड़े,तिलकुट से 
आज थाल सजी है 

हर घर मे एक गजब की शोर मची हुई है

छत में पतंगों की झुंड उड़ रही है

लगता है तिल संक्रांत की 
फिर से आगमन हुई है

Happy Makar Sankranti 

Shivam Gupta दही-चूड़े,तिलकुट से 
आज थाल सजी है 

हर घर मे एक गजब की शोर मची हुई है

छत में पतंगों की झुंड उड़ रही है

लगता है तिल संक्रांत की

Nêhal Jêêt

""..सिर्फ जरूरतें तराशनी हैं या खुशियों को पाना है.. ये फैसला तेरे हाथ में हैं के किस रास्ते जाना है.. थिरकना है अॉफिस में,

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किस रास्ते है जाना, ""..सिर्फ जरूरतें तराशनी हैं या खुशियों को  पाना  है..
ये  फैसला  तेरे  हाथ  में हैं  के  किस  रास्ते  जाना  है..

थिरकना  है  अॉफिस   में,   बॉस   के   आलापों   पर,
या बुलबुलों, कोयलों के संग, जंगलों का गीत गाना है..
ये  फैसला  तेरे  हाथ  में  हैं  के  किस  रास्ते  जाना है..

बैठे   कसते   रहना    है,  बढ़ती  उम्र  की  बेड़ियों  में,
या  जिंदगी  की  इक-इक  घड़ी  का  लुफ्त उठाना है..
ये  फैसला  तेरे  हाथ  में  है  के  किस  रास्ते जाना  है..

जिंदगी  जीनी   है, तूने   कठपुतली   या  पतंगों   की,
यह  फूलों  की   तरह   खिलना   और   मुरझाना   है..
ये  फैसला  तेरे  हाथ में है के किस रास्ते जाना है..!!"" ""..सिर्फ जरूरतें तराशनी हैं या खुशियों को  पाना  है..
ये  फैसला  तेरे  हाथ  में हैं  के  किस  रास्ते  जाना  है..

थिरकना  है  अॉफिस   में,

sheetal dabi

हां, मैं मनमौजी, चाहूं तो घुल जाऊं नदियों में, और मिल जाऊं, सागर में, चाहूं कभी रोक लूं इन का बहना, क्यूंकि मुझे मीठा नदियों का पानी, खारा न #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine

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हां, हां, मैं मनमौजी,
चाहूं तो घुल जाऊं नदियों में,
और मिल जाऊं, सागर में,
चाहूं कभी रोक लूं इन का बहना,
क्यूंकि मुझे मीठा नदियों का पानी,
खारा न
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