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Ravindra Singh
हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बेटा समझ कर । उठाया ज़मीन से ,इस लायक़ बनाया , ज़रूरतें हुई पूरी, माँ तूने रास्ता दिखाया । टूट गया था एक रोज़ मैं माँ , थे दरवाज़े सभी के, मेरे लिये बंद यहाँ । एक तू ही थी जो मेरे साथ खड़ी थी , थामी मेरी अंगुली जब मेरी कठिन घड़ी थी । तेरा उपकार माँ मैं सदैव याद रखूँगा , तेरे बुलाने पर तेरे दरबार आऊँगा ,मैंने है ठानी । हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा, दिल की बात मेरी जानी । ©Ravindra Singh #navratri हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बे
neelu
Beautiful Moon Night क्या क्या काम करके जाने चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या बात कह कर जानी चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या सोच रख कर जानी चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार मरना चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार जीना चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार रोना चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार हंसना चाहिए हमको मरने के पहले मरने के पहले ©neelu #beautifulmoon क्या क्या काम करके जाने चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या बात कह कर जानी चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या सोच रख कर जानी च
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है
Manya Parmar
N S Yadav GoldMine
जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभारत: स्त्री पर्व पन्चर्विंष अध्याय: श्लोक 32-50 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📜 जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे, वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं; यह काल का उलट-फेर तो देखो। माधव। निश्चय ही दैव के लिये कोई भी कार्य अधिक कठिन नहीं है; क्योंकि उसने क्षत्रियों द्वारा ही इन शूरवीर क्षत्रिय षिरोमणियों का संहार कर डाला है। 📜 श्रीकृष्ण मेरे वेगशाली पुत्र तो उसी दिन मारे डाले गये, जबकि तुम अपूर्ण मनोरथ होकर पुनः उपप्लव्य को लौट गये थे। मुझे तो शान्तनुनन्दन भीष्म तथा ज्ञानी विदुर ने उसी दिन कह दिया था, कि अब तुम अपने पुत्रों पर स्नेह न करो। है जनार्दन। उन दोनों की यह दृष्टि मिथ्या नहीं हो सकती थी, अतः थोड़े ही समय में मेरे सारे पुत्र युद्ध की आग में जल कर भस्म हो गये। 📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- भारत। ऐसा कहकर शोक से मूर्छित हुई गान्धारी धैर्य छोड़कर पृथ्वी पर गिर पड़ीं, दु:ख से उनकी विवेकषक्ति नष्ठ हो गयी। तदन्तर उनके सारे अंगों में क्रोध व्याप्त हो गया। पुत्र शोक में डूब जाने के कारण उनकी सारी इन्द्रियां व्याकुल हो उठीं। 📜 उस समय गान्धारी ने सारा दोष श्रीकृष्ण के ही माथे मढ दिया। गान्धारी ने कहा- श्रीकृष्ण। है जनार्दन। पाण्डव और धृतराष्ट्र के पुत्र आपस में लड़कर भस्म हो गये। तुमने इन्हें नष्ट होते देखकर भी इनकी उपेक्षा कैसे कर दी? महाबाहु मधुसूदन। तुम शक्तिशाली थे। तुम्हारे पास बहुत से सेवक और सैनिक थे। 📜 तुम महान् बल में प्रतिष्ठित थे। दोनों पक्षों से अपनी बात मनवा लेने की सामथ्र्य तुम में मौजूद थी। तुमने वेद-षास्त्रों और महात्माओं की बातें सुनी और जानी थीं। यह सब होते हुए भी तुमने स्वेच्छा से कुरू कुल के नाश की उपेक्षा की- जान-बूझकर इस वंष का विनाश होने दिया। 📜 यह तुम्हारा महान् दोष है, अतः तुम इसका फल प्राप्त करो। चक्र और गदा धारण करने वाले है केशव। मैंने पति की सेवा से कुछ भी तप प्राप्त किया है, उस दुर्लभ तपोबल से तुम्हें शाप दे रही हूं। गोविन्द। 📜 तुमने आपस में मार-काट मचाते हुए कुटुम्बी कौरवों ओर पाण्डवों की उपेक्षा की है; इसलिये तुम अपने भाई-बन्धुओं का भी विनाश कर डालोगे। हैं मधुसूदन। आज से छत्तीसवां वर्ष उपस्थित होने पर तुम्हारे कुटुम्बी, मन्त्री और पुत्र सभी आपस में लड़कर मर जायेंगे। 📜 तुम सबसे अपरिचित और लोगों की आंखों से ओझल होकर अनाथ के समान वन में विचरोगे, और किसी निन्दित उपाय से मृत्यु को प्राप्त होओगे। इन भरतवंषी स्त्रियों के समान तुम्हारे कुल की स्त्रियां भी पुत्रों तथा भाई-बन्धुओं के मारे जाने पर इसी प्रकार सगे-सम्बन्धियों की लाशों पर गिरेगी। 📜 वैशम्पयानजी कहते हैं- राजन। वह घोर वचन सुनकर माहमनस्वी वसुदेव नन्दन श्रीकृष्ण ने कुछ मुस्कराते हुए से गान्धारी से कहा- क्षत्राणी। मैं जानता हूं, यह ऐसा ही होने वाला है। तुम तो किये हुए को ही कह रही हो। इसमें संदेह नहीं कि वृष्णिवंष के यादव देव से ही नष्ट होंगे। 📜 शुभे। वृष्णिकुल का संहार करने वाला मेरे सिवा दूसरा कोई नहीं है। यादव दूसरे मनुष्यों तथा देवताओं और दानवों के लिये भी अवध्य हैं; अतः अपस में ही लड़कर नष्ट होंगे। श्रीकृष्ण के ऐसा कहने पर पाण्डव मन-ही-मन भयभीत हो उठे। उन्हें बड़ा उद्वेग हुआ। ये सब-के-सब अपने जीवन से निराष हो गये। एन एस यादव।। ©N S Yadav GoldMine #traintrack जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभार
Internet Jockey
तेरा सफ़र ही तो तेरी कहानी है मंज़िल तो हर कदम आनी जानी है ©Internet Jockey तेरा सफ़र ही तो तेरी कहानी है मंज़िल तो हर कदम आनी जानी है
Shalu Sharma
AJAY NAYAK
बातें बातें हैं कि खत्म होती ही नहीं है यही तो वो एक चीज है जो दोस्त से और दोस्ती मजबूत करती है दो जानी दुश्मन को और क़रीब लाती है –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Talk बातें बातें हैं कि खत्म होती ही नहीं है यही तो वो एक चीज है जो दोस्त से और दोस्ती मजबूत करती है दो जानी दुश्मन को और क़रीब लाती है
हरिओम सुल्तानपुरी
बहुत ही बेहतरीन कहानी... आप सभी के लिए.. नीचे कैप्शन में पढ़िए और कमेंट कीजिए 👇👇👇 ©हरिओम सुल्तानपुरी #GateLight #कहानी- मतवाला समय मॉल में ज़रूरी ख़रीदारी करती हुई टीना ने एक जानी-पहचानी सी आवाज़ सुनकर एक बार देखा फिर दोबारा पीछे देखा और सन्न
pramod malakar
जीवन आनी और जानी है *********************** कुछ पल की कहानी है, जीवन आनी और जानी है। जादुगर है दुनिया सारी , सब की एक कहानी है। भीड़ भरा है जीवन हमारा, कुछ पल खाली भी बितानी है। सुनापन में शांति दे दो मन को, देना थकान की कुर्बानी है। जीवन बहुत अनमोल है, जीवन को खुशियों से सजानी है। वक्त बेवक्त कुछ सिखा जाता हूं अपनो को, प्रमोद का अग्रसर यही तो मनमानी है। कुछ पल की कहानी है, जीवन आनी और जानी है।। 000000000000000 प्रमोद मालाकार कि पेशकश 11.11.2023 ©pramod malakar #जीवन आनी और जानी है।