Find the Latest Status about पैरों में जकड़न from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पैरों में जकड़न.
Deepak Kushwaha
नाज़ुक से हाथों को शायद कसके थामा था मैंने... दर्द होता होगा मेरी जकड़न से जो वो छुड़ा कर चले गए... #उल्टा पेज #जकड़न...
Swakeeya ..
जकड़न.. जकड़ रखा है , हर ओर से मुझे श्वास अवरोधक अदृश्य पाश ने हृदय बेधी दृष्टिपात से काश ये जकड़न प्रेम की होती तो मैं ज़िन्दगी जी जाती........ जकड़न....
sonal
चलो ना मुझे तुमको भूल जाने दो, तुम तो कब के चले गए हो, मुझे भी आगे बढ़ जाने दो, बड़ा मजबूत हैं, तेरा जकड़न... जरा तो सांस आने दो, अब मौत कि गोद में सोया हु अब तो मुझे तुमको भूल जाने दो। ©sonal #apart #pain जकड़न
Amit Singhal "Aseemit"
पैरों में बंधकर सुंदर लगते जब हैं बजते, अंतर नहीं कि देह के निचले अंग हैं सजते। विनम्रता सीखनी हो तो सीखिए नुपुर से, कर्णप्रिय रहे वाणी और शब्द रहें मधुर से। ©Amit Singhal "Aseemit" #पैरों #में #बंधकर
Mo k sh K an
आज अदब के काबे पर, रब भी राज़ी हो गया चूम मुनव्वर के पैरो को, मैं भी हाज़ी हो गया चेहरे पर चमकें सात सहर, साया भी उसका नूर चलें कदम जो उसके जा़निब, जन्नत कितनी दूर जाहिल था अल्हड़ बंजारा, मैं भी काज़ी हो गया चूम मुनव्वर के पैरो को, मैं भी हाज़ी हो गया अल्फाज़ों की खरी चासनी, मिट्टी के दो तार अज़ानों से जड़े रूह में, सलत किया हर बार मैं काफिर अल्हड़ बंजारा, आज नमाज़ी हो गया चूम मुनव्वर के पैरो को, मैं भी हाज़ी हो गया आज अदब के काबे पर, रब भी राज़ी हो गया चूम मुनव्वर के पैरो को, मैं भी हाज़ी हो गया मुनव्वर के पैरों में
Abhi
माँ के पैरों में जन्नत ****************** माँ के पैरों में होती जन्नत है, पूरी करती माँ हमारी मन्नत है, छू कर माँ के पैरों को , मिलती हमें शोहरत है। उम्र के हर मोड़ पर, रहती माँ की रहमत है, जुड़ा है जो माँ के पैरों से, रूह भी उसकी रहती सलामत है। बचपन हो या हो फिर जवानी, बदलती नही कभी माँ की दुआओं की कहानी, होती नही कभी भी माँ की दुआओं को फुर्सत है, सायद इसीलिए होती है माँ की पैरों में जन्नत है । आती चाहे कितनी भी माँ पर कोई आफत, देख माँ हमारें चेहरे को मुस्कुराती है, और जा कर फिर कहीं अकेले में, माँ आँखों को अपने खूब रुलाती है । हम सफल हो या हो फिर असफल, हर हालातों में माँ हमें गले अपने लगाती है, क्या कहूँ मैं माँ के बारे में, माँ तो हमेशा ही पीठ थपथपाती है । खाली पेट ना कहीं जाने देती, भूखे पेट ना कभी सोने देती, सुबह हो या हो फिर चाहे शाम, चूल्हें के पास माँ खुद को तपाती है। झाड़ू,बर्तन,पोछा चाहे कुछ भी हो, किसी भी काम से माँ जी नही चुराती है, देखा है मैंने माँ को ऐसे भी, कड़ी धूप में माँ खुद को जलाती है । नींद ना आती है जो कभी हमें, बीते रात माँ लोरी गुनगुनाती है, देख जरा सी तकलीफों में हमें, माँ सीने से लगा हमें सुलाती है । माँ के पैरों में होती जन्नत है, पूरी करती माँ हमारी मन्नत है, छू कर माँ के पैरों को , मिलती हमें शोहरत है। माँ के पैरों में होती जन्नत है... माँ के पैरों में होती जन्नत है... ©Abhinay kr. माँ के पैरों में जन्नत.. #dryleaf