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INDIA CORE NEWS
Vijay Kumar
अदनासा-
White पेट खाली हो और भूख बड़ा सवाली हो, तो सुखी रोटी भी शहद सा मीठा लगता है। लेकिन पेट भरा हो और जीभ मवाली हो, तो फ़ना मुर्गे में स्वाद थोड़ा नमक मांगता है। ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://clubparadis.prezly.com/koen-vanmechelen-lands-in-knokke-heist-with-the-major-exhibition-cosmopo
Yogi Sonu
ईश्वर बाहर भी है और भीतर भी बाहर खोजने वाला भटकता है भीतर खोजने वाला पाता है अतः है प्रिय अपने को सभी बंधनों से मुक्त जानो अष्टावक्र गीता। ©Yogi Sonu ईश्वर बाहर भी है और भीतर भी बाहर खोजने वाला भटकता है भीतर खोजने वाला पाता है अतः है प्रिय अपने को सभी बंधनों से मुक्त जानो अष्टावक्र गीता। #
Yogi Sonu
White प्रेम क्या है क्या मलकीयत जमाना ही प्रेम है क्या मांग ही प्रेम है या बंधन जो मुक्त हो वह प्रेम है जिसमें अपेक्षा मांग न हो वह प्रेम है ? ©Yogi Sonu #Friendship प्रेम क्या है क्या मलकीयत जमाना ही प्रेम है क्या मांग ही प्रेम है या बंधन जो मुक्त हो वह प्रेम है जिसमें अपेक्षा मांग न हो वह प्
अदनासा-
Mahadev Son
White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीवन फलता । लेकिन पग-पग आज , हमारा जीवन जलता ।। त्याग छोड़ व्यहवार , समय कहता है लाला । बुजदिल समझें लोग , देखकर मुँह पर ताला ।। १२/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव
अदनासा-
RAJ KP
अगर तू मेरी मौत होती तो तू मुझे मिल जाती ©RAJ KP अगर तू मेरी मौत होती तो तू मुझे मिल जाती, मैं जिंदगी के डर से मुक्त हो जाती।