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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C16t5O8sbG-/?igsh=aXllcnR3bnh3MWgz #हिंदी Films #हबीबपेंटर कव्व #Instagram #Facebook #समाज #जानकारी #कव्वाली #NojotoFilms #सूफ़ियाना #अदनासा #हिंदूमुस्लिम

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Sethi Ji

♥️🌟 चाय की प्याली 🌟♥️ ♥️🌟 दर्द की कव्वाली🌟♥️ ज़िन्दगी चाय की प्याली हैं जिसकी हर सुबह हर शाम निराली हैं ।। बहुत तड़पा हूँ उनके इश्क़ के लिए आ

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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C0_KZrkP8SY/?igsh=MWhlY2p6aHl2bG83eQ== #हिंदी #मुहम्मदरफ़ी #गीत #आवाज़ #Instagram #Facebook #संगीत #फ़िल्म #सुरताल #अदनासा

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Mahi Raj

मशहूर कव्वाली गायक चढ़ता सूरज धीरे-धीरे ढलता ही चल जाएगा "अजीज नाजा" का मुंबई के जेजे हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में निधन हो गया, मौत के वक्त उन #Life

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MDRubad

कव्वाली #स्पोर्ट्स

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Rj Suraj mishra

#कव्वाली #सॉन्ग नुसरत फतेह अली खान #शायरी

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Abhishek Dhagat

* इस कव्वाली के गायक जे जे के "अजीज नाज़ा" का कल अस्पताल के जनरल वार्ड में निधन हो गया । डेथ टेन की जेब में एक पैसा भी नहीं था* * उन्होंने #Shayari

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kumaarkikalamse

मेरी ग़ज़लों में तुम, मेरी नज्मों में तुम, तुमसे ही मेरी हर कव्वाली है, 
तुझे सोचूँ तो होली के रंग, तुझसे मिलके जगमग होती दीवाली है!!  P. S GOOGLE IMAGES 
#YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #she'r #kumaarsher #दीवाली #कव्वाली #होली #रंग

Himanshu Prajapati

#Oscar कितना भी प्यार से समझाओ उसको मेरी हर बात कव्वाली लगती है, मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता उसका क्योंकि वह मेरे भैया की साली लगती है.. #शायरी

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Vaseem Akhthar

زہرا کے چمن میں جو پھول کھلے تھے کربلا کی خاک میں آج بکھرے پڑے تھے کیسا سماں، کیسا ظلم و ستم ہوگا سسکیاں لیتے

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ज़हरा    के    चमन    में   जो   फूल   खिले   थे।
करबला  की   ख़ाक   में  आज  बिखरे  पड़े   थे।।

कैसा   समाँ,   कैसा    ज़ुल्म-ओ-सितम    होगा।
सिसकियाँ   लेते  बच्चों   में  जब  तीर  गढ़े   थे।।

सर  पे  सजाए   सेहरा,  चेहरे  पे  लिए  मुस्कान।
शहादत  के  लिए  क़ासिम,  दूल्हे   से  सजे   थे।।

करते  थे   प्यार   से   हुसैन   नाना   की  सवारी।
उनसे   गले   लगने   को  आज  तैयार   खड़े  थे।।

पहने नाना की पगड़ी, बाबा की थामे ज़ुलफ़िक़ार।
शहादत   को   हुसैन   मर्तबा  दिलवाने  चले   थे।।

जिन की अदब में सर-ए-ख़म उठने से था क़ासिर।
उनके ही सर-ए-अक़दस आज  नेज़ों  पे  चढ़े   थे।।

क्यूं ना बहाऊं आँसू, क्यूं ना  मनाऊं  सोग अख़्तर।
तुझ को पहुंचाने दीन-ए-हक़, अहल-ए-बैत कटे थे।। زہرا  کے  چمن  میں   جو   پھول  کھلے  تھے
کربلا  کی  خاک  میں  آج  بکھرے  پڑے  تھے
کیسا    سماں،   کیسا    ظلم   و   ستم   ہوگا
سسکیاں لیتے
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