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Trilok Yadav Atwei
में मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना , लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना । @TTrilok_Writes चिठ्ठी ना कोई सन्देश कहाँ तुम चले गए #nojoto #sosad #rahatIndori @Trilok_writes #RIPRahatIndori
Kapil Kumbhare
#WorldPostDay, चिट्ठी न कोई सन्देश, ना आया उन्हका, चलो हम ही लिख देते है, तूम अपना खयाल रखना!! #nojoto #hindi चिट्टी न कोई सन्देश
ankit saraswat
#WorldPostDay, चिट्ठी न कोई सन्देश, अब लौट आ अपने देश, तुझे तेरे अपने पुकारे, माँ की आँखे धुंधला सी गयी हैं, झुक गयी बापू की कमर भी, छत घर की टपक रही है, तुमसे मिलन को प्रेयसी तड़प रही है, फर्ज किये तूने पूरे सारे, मेरे प्यार का कर्ज भी अब उतरे, थक गई आँखें आँसू भी सूख चले हैं, बच्चों का बचपन खोया तुमने, खोया अपना देश, पिया अब लौट आ अपने देश।। #अंकित सारस्वत# #चिठ्ठी ना कोई संदेश
Gudiya Gupta (kavyatri).....
तुम्हारे नाम की एक चिट्ठी लिख रहा हूं कलम की जगह पेंसिल चुन रहा हूं मेरी गलतियां मिटाकर तुम माफ करती हो बच्चे सा दिल है मेरा साफ कहती हों... मेरी लिखावट में छलकते हैं तेरे काले काजल सफेद पन्नों की तरह तेरी सादगी के बादल डालूंगा जज्बातों को भर दूंगा एहसासों को जो लबों पर हंसी के साथ उड़ाएंगे आंचल अब आगे मैं चुप हूं ना तुम कुछ बताना लफ्ज़ों के पीछे पर्दों को धीरे से हटाना धड़कन की रफ्तार भेज नहीं सकता तेरे अंदर जो धड़क रहा है वह कैसा है बताना..। ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #चिठ्ठी
गौरव उपाध्याय 'एक तलाश'
चिठ्ठियाँ खो गई हैं, हम डिजिटल हो गए हैं। चिठ्ठियों में होता था फिक्र और जिक्र घर के हर छोटे बड़े सदस्य का पूछते थे और बताते थे खेत-खलिहान, पशु-पक्षियों के बारें में हर छोटी बातों को हँसते और रुलाते थे अड़ोस-पड़ोस के बातों से पर जब से डिजिटल हो गए हैं सब कुछ खोने लगा है एकाकी होने लगें हैं बातें तो बहुत होती है पर जिक्र फिक्र अपनापन खतम होने लगा है एक तलाश करते हैं अपनापन पाने की पर तलाश ही रह जाती है। चिठ्ठियाँ खो गई हैं, हम डिजिटल हो गए हैं। #चिठ्ठी
Prakhar trivedi
दूर पड़ी मेरी अलमारी में से तेरी मेरी यादो की महक आ जाती है, इक तेरे बाद तेरी चिट्ठीयां ही है मेरे पास, जो अकसर होंटो रो गुलजार और आंखों को जार जार कर जाती है, जिस्म बंधा करते है लोगो रे, रूहे नही बंधा करती, मुट्ठी बंद कर लेने भर से, न वक्त और न ही यादे थमा करती, चला जाता है इंसान बडी आसानी से मुंह फेर कर, यादे इतनी आसानी से हाथ झटका नही करती निकाल कर पढ लेता हूँ जब तब उन दिल फरेब बातो को, कभी दिल ना दुखाने,राह मे अकेला न कर जाने के वादो को, कुछ यूं महसूस होता है तेरा वजूद, हर शब्द मे तेरी खुशबू हो बसती.. चिठ्ठी