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Rajni Vijay singla
#गीत हमारे #अंदाज तुम्हारे #मोदी जी को वतन से# मोहब्बत #Narender से वतन को #जीत जश्न की# बधाई बार-बार जायेगी गाई ©Rajni Vijay singla #गीत हमारे #अंदाज तुम्हारे
Ghumnam Gautam
White मेरी साँसें चला करतीं हैं जिसको याद करने से उसी को भूल जाने के तरीक़े ढूँढ़ता हूँ मैं बशर जो गीत होने से किया परहेज़ करता है उसी को गुनगुनाने के तरीक़े ढूँढ़ता हूँ मैं ©Ghumnam Gautam #sad_shayari #भूल #गीत #ghumnamgautam #साँस
#sad_shayari #भूल #गीत #ghumnamgautam #साँस #शायरी
read moreArora PR
White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के लिए नए छंद . असमान से ऊतरे लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि उसे धरती के साथ. चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ ©Arora PR नया गीत
नया गीत #कविता
read moreJaymala Bharkade
White झाडे लावुनी जागवूया आपली माती उष्णतेच्या लाटेचे उभे थैमान माथी वर्षानुवर्ष खितपत पडली आपली माती तुटका पाऊस नि दुष्काळ हाती निवारण यावरी एकच आता झाडे लावूनी जगवूया आपली माती ज्या गावात नि शिवारावर झाडे हिरवी गाव आनंदाने ते सदा बहरे करा निश्चय मनात एकच आता नि उतरू द्या आपल्या कृतीत झाड लावुनी जगवूया आपली माती नाही तो दिवस लांब आता कृत्रिम हवा पाणी येईल बाजारी तव महाग होईल जीवनाची स्पंदने का ? संकट ओढवून घेता आपल्या हाताने झाड लावुनी चला जगवूया माती नको उशीर पुन्हा आता तू तू मै मै का करता ? ठरेल प्राणघाती हे आपणा उठा जन सहकार्याने शाश्वत जीवनासाठी झाड लावुनी चला जगवूया आपली माती ©Jaymala Bharkade #झाडे लावा झाडे जगवा
#झाडे लावा झाडे जगवा #मराठीकविता
read moreGurudeen Verma
White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीत