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Jupiter and its moon
अपनी रूसवाई की ख़ुद हीं गुनहगार हूं मैं। अपनी लाचारी की वज़ह अपनी हीं कर्ज़दार हूं मैं। अपने आप को गिराया है इतनी ऊंचाई से मैंने अपने ज़ख्मों की सब़ब इनकी पूरी हक़दार हूं मैं। ©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी) बेज़ार
Rajeev Pandey
मुझे याद ना आओ कि अब बेजार है दिल शम्मे महफ़िल न जलाओ कि बेजार है दिल अब कि बस मर के मै आज़ाद होना चाहता हूं कोई खंजर तो घुसाओ कि बेजार है दिल मुद्दतों एक लफ्ज़ जिनके सुनने को तरसा हूं उनकी ग़ज़ल ही सुनाओ कि बेजार है दिल आज रुसवा हैं वो जो लख्ते जिगर होते थे उनके शिकवे ही सुनाओ कि बेजार है दिल चाहता हूं कि उनके जानों पे मेरा सर हो कहीं से उनको बुलाओ की बेजार है दिल लुत्फ़- ए- ज़िन्दगी में अब नहीं कटती रातें मौत की शाम ही लाओ की बेजार है दिल.. #nojoto #बेज़ार
Ankit Mishra
शम्मा-ए-पीर बस इतनी ही थी, अन्धेरो के डर से चॉद मायूस बैठा था। बेज़ार सा
Anuj Ray
White ए दिले बेज़ार जिस मुहूर्त के लिए, बरसों से कर रहा था, इस दिन का इन्तज़ार। मेरी आंखों के सामने ही, किसी और पे कुर्बान हो गया है मेरा प्यार। वफ़ा यकीन भरोसा, किसी बात का, अब कोई अर्थ ही न रहा, ऐ दिले बेज़ार। ©Anuj Ray # ऐ दिले बेज़ार "
Amit Singhal "Aseemit"
जीवन साथी के चले जाने के बाद, अकेले साथी के हो जाते हैं बेज़ार से दिन। जीवन में खुशियाँ न रहती आबाद, मगर हिम्मत से जीना होता है उसके बिन। ©Amit Singhal "Aseemit" #बेज़ार #से #दिन
Anand Dadhich
#जिंदगी #बेज़ार #ananddahich #dadhichanand #
शुभी
मुस्कान से ग़म छुपाने का हुनर आता है, मुझे तूफ़ान से लड़ने का हुनर आता है। बेख़याली में यूँ गुज़रती हैं रातें कई, सुकून आता है जब तू नज़र आता है। बेज़ार हूँ बैठा तिरे इन्तज़ार में आज भी, मंज़िल हो कोई, हर रस्ते तिरा शजर आता है। ज़िन्दगी ख़ाक होने से बचा लेता हूँ अक्सर, लफ़्ज़ माँ आते ही दुआओं में असर आता है। बिख़र के यूँ अक्सर सिमट जाता हूँ ख़ुद में, हर मर्तबा मेरे हिस्से में क्यों समर आता है। बेज़ार- अप्रसन्न समर- युद्ध
Niraj Srivastava
बेज़ार से दिन यूंही कल, कुछ तेरी कहानी कह गए झील सी आंखों में, दरिया सी बहती रवानी दे गए इस जालिम मुक्कदर ने भी, तुम्हें क्या छीना हमसे जिंदा होकर भी सनम हम, जिंदगी को तरस गए। नीरज श्रीवास्तव मोतिहारी, बिहार ©Niraj Srivastava बेज़ार #niraj #niraj_srivastava #niraj_srivastava_motihari #niraj_motihari #नीरज_श्रीवास्तव
Aafia khan
ज़माने की नज़रों में जो खुशहाल नज़र आते है, ग़म छुपाए वो बेहतरीन अदाकार नज़र आते है। नुस्खा मांगा करती है ये दुनिया जिस हकीम से, कहीं ना कहीं अब वो भी बेज़ार नज़र आते है। बेज़ार=sick PC: pinterest #yqdidi #hindishayari #newwritersclub #shayari