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Anamika

     शास्त्रार्थ आता तुमको
तर्क वितर्क में दोषी ठहराए मुझको। #cinemagraph
#ब्लॉक #अनब्लॉक 
#तर्क_वितर्क 
#शास्त्रार्थ 
#तूलिका

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *शास्त्रार्थ में क्रोध आने का अर्थ है – हार मान लेना* *जैसा कि #समाज

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Sanjeev Prajapati

5 वक्त की हनुमान चालीसा बाद में पढ़ लेना । अगर सच्चे सनातनी हो तो हर रोज 5 प्रश्न खुद से जरूर करना । 1. राम चंद्र जी ने भरत को राजा (सत्त #hanumanjayanti #सस्पेंस

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5 वक्त की हनुमान चालीसा बाद में पढ़ लेना । 
अगर सच्चे सनातनी हो तो हर रोज 5 प्रश्न खुद से जरूर करना । 
1. राम चंद्र जी ने भरत को राजा (सत्ता) का धर्म क्या बताया था ?
2. शंकराचार्य का मंडन मिश्र के साथ शास्त्रार्थ किस मूल बिंदु पर हुआ ?
3. बाल गंगाधर तिलक की देश की परिभाषा क्या थी ? 
4. भगत सिंह ने कैसे कानून के खिलाफ असेम्बली में बम फेंका था ?
और आखिरी 
5. अगर धर्म के मूल में अर्थ है तो देश की बैंकिंग और 
मौद्रिक व्यवस्था कहां से नियंत्रित है ?

©Sanjeev Prajapati 5 वक्त की हनुमान चालीसा बाद में पढ़ लेना । 
अगर सच्चे सनातनी हो तो हर रोज 5 प्रश्न खुद से जरूर करना । 

1. राम चंद्र जी ने भरत को राजा (सत्त

Ankit Pathak

मैं राम हूँ, मैं श्याम हूँ मैं वेद और पुराण हूँ मैं पितृ हूँ, मैं मातृ हूँ मैं ही तो शास्त्रार्थ हूँ मैं मान हूँ, अभिमान हूँ मैं स्त्री का #Shiva #yqdidi #yqhindi #qybaba

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मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ
मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ

(Read caption)  मैं राम हूँ, मैं श्याम हूँ
मैं वेद और पुराण हूँ

मैं पितृ हूँ, मैं मातृ हूँ
मैं ही तो शास्त्रार्थ हूँ

मैं मान हूँ, अभिमान हूँ
मैं स्त्री का

Sanjeev Prajapati

5 वक्त की हनुमान चालीसा बाद में पढ़ लेना । अगर सच्चे सनातनी हो तो हर रोज 5 प्रश्न खुद से जरूर करना । 1. राम चंद्र जी ने भरत को राजा (सत्ता #ramadan #जानकारी

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5 वक्त की हनुमान चालीसा बाद में पढ़ लेना । 
अगर सच्चे सनातनी हो तो हर रोज 5 प्रश्न खुद से जरूर करना । 
1. राम चंद्र जी ने भरत को राजा (सत्ता) का धर्म क्या बताया था ?
2. शंकराचार्य का मंडन मिश्र के साथ शास्त्रार्थ किस मूल बिंदु पर हुआ ?
3. बाल गंगाधर तिलक की देश की परिभाषा क्या थी ? 
4. भगत सिंह ने कैसे कानून के खिलाफ असेम्बली में बम फेंका था ? और आखिरी 
5. अगर धर्म के मूल में अर्थ है तो देश की बैंकिंग और मौद्रिक व्यवस्था कहां से नियंत्रित है ?

©Sanjeev Prajapati 5 वक्त की हनुमान चालीसा बाद में पढ़ लेना । 
अगर सच्चे सनातनी हो तो हर रोज 5 प्रश्न खुद से जरूर करना । 
1. राम चंद्र जी ने भरत को राजा (सत्ता

RockShayar

बे-क़ुसूर को सज़ा सुनाई, गुनहगार को माफ़ किया माशा अल्लाह ! आपने क्या ख़ूब इंसाफ़ किया। वकील भी आपका, मुंसिफ़ भी आपका हमने तो मानो अदालत आक

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बे-क़ुसूर को सज़ा सुनाई, गुनहगार को माफ़ किया
माशा अल्लाह ! आपने क्या ख़ूब इंसाफ़ किया।

वकील भी आपका, मुंसिफ़ भी आपका
हमने तो मानो अदालत आक

Divyanshu Pathak

देवियों और सज्जनों, आज चर्चा विशेष प्रयोजन के साथ है। आज समाज में धर्म को लेकर एक संकीर्ण दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है, कुछ लोग धर्म के मर् #YourQuoteAndMine #सगुण #निर्गुण #शास्त्रार्थ #आदि_शंकराचार्य #मंडन_मिश्र

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सत सत नमन...
हमें शंकराचार्य को पढ़ना चाहिए। देवियों और सज्जनों, आज चर्चा विशेष प्रयोजन के साथ है। आज समाज में धर्म को लेकर एक संकीर्ण दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है, कुछ लोग धर्म के मर्

abhishek manoguru

चहारदीवारी को बिना लांघे , किताबों से दूरी बनाकर , खुद को एक दायरे में समेटकर , गुण और विचारों से मेल खाते चंद लोगों से मिलकर , कुछ नया सीखन #God #story #Thoughts #Reality #spiritual #Knowledge #kahani #gyan #IndiaFightsCorona

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#IndiaFightsCorona चहारदीवारी को बिना लांघे , किताबों से दूरी बनाकर , खुद को एक दायरे में समेटकर , गुण और विचारों से मेल खाते चंद लोगों से मिलकर , कुछ नया सीखने-जानने के अनुभव की लालसा खत्म कर , एक निश्चित दिनचर्या में स्वयं को पिरोकर , पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर रूढ़ियों में बांधकर भी यदि आप खुद को सूक्ष्म मुद्दों पर बहस के योग्य समझते हैं , देश दुनिया वेद पुराण धर्म धार्मिक-ग्रन्थों पर शास्त्रार्थ , तर्क-कुतर्क भी कर लेते हैं और आपको सर्वज्ञता का अनुभव हो रहा है तो ,

निश्चित ही कलयुग में ईश्वर ने अवतार ले लिया है और वो आप ही हैं क्योंकि ये आत्मज्ञान नहीं तो क्या जो आपको बिना मेहनत मिल गया है , एक कमरे के अंदर ही  पीपल के पेड़ की छाँव में बिना बैठे 😂

© मनोगुरु

©abhishek manoguru चहारदीवारी को बिना लांघे , किताबों से दूरी बनाकर , खुद को एक दायरे में समेटकर , गुण और विचारों से मेल खाते चंद लोगों से मिलकर , कुछ नया सीखन

Pushpvritiya

#दानकीवस्तु कहते हैं पिता उस दानी को समसुप ही हृदय होगा, प्राण प्रिय सुता बिन उसका, कैसा अरूणोदय होगा...... कि बीज दिया और लहू भी

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Anita Saini

घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था #yqdidi #YourQuoteAndMine #wotd #yqrestzone #collabwithrestzone #rzhindi #rzhwotd31

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घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था
स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था

स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था
लोक लाज का घूँघट से वांछित संबंध न था

स्त्री को भी शिक्षा शास्त्रार्थ का समान अधिकार था
मनवांछित जीवन साथी, वर चुनने का अधिकार था

योग्य वर की खोज में पिता पुत्री का स्वयंवर करते थे
देश परदेश के विशिष्ट अतिथियों में से श्रेष्ठ वर चुनते थे

तब यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः जीवन का आधार था
उस समय पुरूष को स्त्री का स्वतंत्र रूप स्वीकार था

शनै शनै विदेशी आक्रांताओं के अधीन होते गए
मन कर्म के साथ बुद्धि विवेक भी मलिन होते गए।

तुर्कों की कुदृष्टि से बचाने को स्त्री को घूँघट ओढ़ाने लगे
विचार बदलते गए स्त्री स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने लगे!

बाद इसके ये हिंदू संस्कृति संस्कार का अभिन्न अंग बन गया
स्त्री के  गुण अवगुणों को परखने का समाज का ढंग बन गया

अगर स्त्री वेशभूषा पर तर्क दे वो मुँहफट निर्लज्ज होती है
हाँ! पर पुरूष के भद्दे कटाक्ष सही व नीयत स्वच्छ होती है घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था
स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था

स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था
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