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Madanmohan Thakur (मैत्रेय)
तू धङकन है,धङक जाए जिया,तू मेरा इश्क है तू ही तो मेरा पिया! मेरा इकरार सुनले,जरा इजहार सुनले,अब तो समझ ले जानिया!! मकसद तो मेरा पा लूं तूझे,लुभा लू तूझे,बांहों में अबतो समा लूं तुझे! तू तो सौ-सौ बार सुनले,दिले इजहार सुनले,अब समझ ले जानिया!! मुहब्बत है निगाहों में अभी दिल में उतरने दे,हमेंतो प्यार करने दे! तू जरा इकबार चुनले,मेरा इजहार सुनले,अब तो समझ ले जानिया!! मैं तेरी मुहब्बत हूं-तू मेरी इबादत है,यही तो दिल की मेरे वकालत है! मेरा एतबार सुनले,मेरा इजहार सुनले,अब तो समझ ले जानिया!! तू धङकन धङकने दे,जरा चाहत पनपने दे,जरा तो प्यार बढने दे! तू मेरी सरकार सुनले-मेरा इजहार सुनले,अब तो समझ ले जानिया!! कई-कई बार मैं दिल की किताब लेकर,बागोंमें तनहा तुमसे मिला हूं! वो मेरे पतवार सुनले-मेरा इजहार सुनले,अब तो समझ ले जानिया!! तू प्यार करनी लगी,मैं प्यार करने लगा,तुमसे सरोकार रखने लगा! तू मेरे हमराज सुनले-मेरा इजहार सुनले,अब तो समझ ले जानिया!! तू धङकन है Apurv jha Shah Vivek Khalid Waseem Abhishek Bhardwaj 'निर्मेय'
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
Deepak Namdev
बस देखते जाओ..... क्या - क्या होता है | #gif क्या क्या होता है
Mr.Duke
गुलाब, ख़्वाब, दवा, जहर,जाम,क्या~क्या है। मैं आ गया हूं महफ़िल में,बस बता ©Mr.Duck~AK Shayar क्या क्या है????? #ShahRukhKhan
Deepak Pandit
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है ©Deepak Pandit मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है
Vickram
काफी लम्बे अरसे से खुद को समझाते आया हुं मैं । कल जो समझ जाता था आज वो मानता ही नहीं । कौन सा राज है जो मुझे मे ही समझ नहीं आ सका । लगता है कि मैं खुद को कभी समझ पाया ही नहीं । ©Vickram बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,,
Sen Sahab Manish ji
वैसे तो रोज होती है नई सुबह उसमे नया क्या... वहीं रंगत है वहीं संगत है...... उसमें नया क्या है... गोधूलि भी वहीं है और सवेरा भी वहीं उसमे नया क्या है... पर....😏 रोज जिंदगी जीते आंसुओ को भी पीते है हटकर और उठकर जो जिया है एक एक पल वही तो असली जीवन है और जीवन का उद्घार करो फिर भी कुछ अच्छा न हो तो... उसमे नया क्या है... नया क्या है.. शुरुआत है भी नया क्या है...