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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Meri Mati Mera Desh बाद मुद्दत के आ गए एक किस्से में, ना मिला कुछ भी जिन्हे बाप के विरसे में//१ छा गया सन्नाटा बंटवारे के किस्से में, जब कहा मां ने मैं आई किसके हिस्से में//२ मैं इस भरम में था केनेक है वालिद,माजिद, सन्न तो तब हुआ जब मैने अदल ना देखा//३ मारके हक भाई का जिस भाई ने विरसा रखा, उसके जैसा न"शमा" ने कमीना देखा//४ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #MeriMatiMeraDesh बाद मुद्दत के आ गए एक किस्से में, ना मिला कुछ भी जिन्हे बाप के*विरसे में//१ *विरसत छा गया सन्नाटा बंटवारे के किस्से में,जब
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Ravi Shankar Kumar Akela
30 जून को ही आजाद हो गया था देश लेकिन उसी समय नेहरू और जिन्ना के बीच भारत व पाकिस्तान के बंटवारे का मुद्दा शुरू हो गया। इस दौरान मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग कर दी। जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे की संभावना बढ़ गई। जिसके बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजादी करने का फैसला लिया गया। ©Ravi Shankar Kumar Akela #Yaari 30 जून को ही आजाद हो गया था देश लेकिन उसी समय नेहरू और जिन्ना के बीच भारत व पाकिस्तान के बंटवारे का मुद्दा शुरू हो गया। इस दौरान मोह
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Amjad Hussain
Mr.HARINARAYAN GURJAR
Ashutosh Bharti
हम जुदाई के दोराहे पर खड़े थे, वे किसी और हम महखाने के दरवाजे पे खड़े थे, जाते-जाते उन्होंने एक और फरमाइश रखी हमारे साथ बिताए लमहे के बंटवारे की ख्वाहिश रखी !! हम जुदाई के दोराहे पर खड़े थे, वे किसी और हम महखाने के दरवाजे पे खड़े थे, जाते-जाते उन्होंने एक और फरमाइश रखी हमारे साथ बिताए लमहे के बंटवार
Satish Chandra
कलह होते-होते अचानक एक खामोशी सी छाई जब बंटवारे के वक्त़ माँ ने पूछा, "मैं किसके हिस्से में आई?" #माँ #घर #बंटवारा P.C - Peabody Essex Museum (Sketch of a homeless woman, New Delhi) कलह होते-होते अचानक एक खामोशी सी छाई जब बंटवारे के व
Pravesh Kumar
Unfortunately it was to be... Unfortunately it was to be... So as... they were waiting for, Now the Gardner is no more, Inevitably the time came once, Has been broken up all the relations, Please read Full poetry in caption.... विभाजन, और इसका दंश वही समझ सकता है जो इससे गुज़रा है। हमारे संयुक्त परिवार और उस घर, जिसमे हमारा बचपन बीता है, के टूटने और बंटवारे पर एक कवि