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seema patidar
White कभी कभी किसी से कुछ ना कहकर भी हम कितना कुछ कह जाते है और लोग हमारी बातों को होठों पर ढूंढते रह जाते है बाते तो चुप्पी में थी, आखों मे थी, हंसी में थी बाते बातों की कमी में थी,बाते आखों की नमी में थी मैने कितना कुछ कहा तुमसे,सब ठीक तुम्हारे आगे था सच बताना.......... क्या तुमने कुछ नहीं सुना ..........। ©seema patidar अल्फाज़ दिल के ❣️
seema patidar
White मेरे आने से कुछ महका था कही ,यह भ्रम मन में पल रहा था। मुझसे भी है खुशी किसी की , एक भाव जहन में चल रहा था । कुछ पन्ने पलटके देखे जीवन के , तब मुझे समझ आया। यहां कुछ भी ऐसा नहीं था ,जो अब तक मैने खुद को बताया। मुझसे पहले भी वो कदम उसी रफ्तार से चल रहे थे। गम और खुशी के सारे पल, साथ साथ तब भी पल रहे थे। मुझसे पहले और बाद के अल्फाजों की कहानी एक थी। किरदार बदल गए थे पर जुबानी एक थी। ऐसे ही नए किरदारों के साथ शायद बदलती है । नए रंगो को भर ,हर रोज सुबह की शाम ढलती है। जिंदगी है जनाब ,किसी के लिए कहा रुकती है। बस अपने हिसाब से चलती है......... । ©seema patidar अल्फाज़ दिल के ❣️
Anuj Ray
लुटा लुटा सा दिखाई देता है, आज हर कोई यहां, दिल के बाजार में। अब वो सादगी ना रही मोहब्बत में, ज़िन्दगी भर के लिए, किसी के प्यार में। ©Anuj Ray # दिल के बाजार में"
K L MAHOBIA
White प्यार तुमको निभाना नए साल में।इश्क का वो दिवाना नए साल में। लोग मिलने लगे फिर बड़े चाल में।भूलकर दिल खिलाना नये साल में रोज बहने लगी यूं फिजा आप हीबाग खिलने लगाना नए साल में। शोर में दिल जमें है बचा आदमी मौत से खुद बचाना नए साल में। आशिकी आदमी की पड़ी है खफा ख़ास कहना यहां ना नए साल में। खूब महफ़िल जमी है खबर वक्त मेंलोग करते बहाना नए साल में। बात करना नहीं जो निभा ना सकोभूल करना बताना नए साल में। शाम का दौर जारी रहा रात भरगैर तो को भुलाना नए साल में। भूल सकता नहीं दर्द जो है दियालौटकर आज़ आना नये साल में। जो बसर में नहीं फिर वो गये कहां ढूंढ कर फिर बसाना नए साल में। खौफ में जीत जाते सदा ही वहीरात करवट कराना नए साल में। लोग मिलते हमेशा खुशी के लिए छोड़ देना सताना नये साल में। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
White कह दो मगरूर हवाओं से बदल ले राह अपने। चलकर फिर रूह में उतर जाते रहे चाह सपने। देखा है राह पर ढुलके पड़े नशे में चूर आदमी। देखकर मुझे रास्ते बदले जमाने में रहे कितने। के एल महोबिया 🙏 ©K L MAHOBIA #दिल से :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
White आशिकी के गीत गाता क्यों नहीं। प्यार है तो फिर बताता क्यों नहीं। इश्क में पड़कर जलेगा ये शहर बेवफा को भूल पाता क्यों नहीं । खूब असली में नकल बढ़ता चला आदमी असली दिखाता क्यों नहीं। पीर हमको इश्क की जबसे मिली प्यार प्याले में समाता क्यों नहीं। भोर था लेकिन मुझे किनारा किया बस सितम का दर्द जाता क्यों नहीं। के एल महोबिया ✍️🙏 ©K L MAHOBIA #दिल से :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
White ज़ालिमों ने जिसको लूटा जाकर मयखाने में। गुजारी है सारी उमर बेशक उसको बचाने में। माली ने सिद्दत से सींचा गुलाब गुलशन को। कमबख्तों ने तोड़ा उसे सेजों को महकाने में। ज़ालिम ने जहर बोया है बुजदिल वजन को। जिंदगी भर मेहनत की कलियां को बसाने में। मौत का सौदा किया जिसने उसके लिए क्या। हकीकत दफ़न करने लगे चुपचाप दबाने में। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #दिल से:- के एल महोबिया
Anuj Ray
बिना मोहब्बत के चाहे और कुछ भी कर लो, दिल के एहसास बताए बिना, जिया नहीं जाता। ©Anuj Ray दिल के एहसास "
Ganesh Din Pal
इस बंजर दिल पर गुमनामी की वसीयत मत लिख यहां भी कभी दिल के दरख्तों का बगीचा था। ©Ganesh Din Pal #दरख्तों के दिल