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New आदिकाल की परिस्थितियाँ Quotes, Status, Photo, Video

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    PopularLatestVideo

Saumitra Tiwari

परिस्थितियाँ..

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अगर अभी इस समय परिस्थितियाँ आपके खिलाफ है..
तो याद रखना आपकी वैल्यू बढ़ने वाली है.. परिस्थितियाँ..

Shiv Pratap Rav

परिस्थितियाँ..........

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परिस्थितियों के अनुसार सब चीजे सुंदर है, क्योंकि स्कूल मे सुबह के समय जो घंटी खराब लगती है वही शाम को अच्छी लगती है। परिस्थितियाँ..........

Nirupama Mishra

#बदलना_ज़रूरी_है परिस्थितियाँ  #विचार

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जीtendra

कभी कभी पुरुष 
बहुत असहाय हो जाता है, 
थक जाता है, 
खुद से, 
जीवन से, 
परिस्थितियों से, 
अपनों से, 
वो बस बचना चाहता है, 
कुछ पल अपने साथ 
रहना चाहता है, 
रोना चाहता है,
किसी से लिपटकर 
बिलख कर
गिड़गिड़ाना चाहता है,
और ऐसे में उसे कोई 
समझ नहीं पाता 
अंततः वो अकेलेपन में
घुटकर रह जाता है...
😭😭😭 #जीवन #परिस्थितियाँ

Dipti Singh Diya

 #परिस्थितियाँ 

#nojoto 
#nojotohindi

Dipti Singh Diya

 #परिस्थितियाँ 

#nojoto 
#nojotohindi

Ashok Topno

कठिन परिस्थितियाँ #viral #जानकारी

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अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "

अहवाल-ए-मज़ाहिब से यह साबित हुआ हमको
लोग गैरों कि लिखी तख़्तियाँ पढ़ाने में मसगुल हैं

©Anushi Ka Pitara #हालात #परिस्थितियाँ 

#Books

Pooja Singh Rajput 🎓

त्रैतायुग में धर्म के तीन पैर थे। इस युग में पाप की मात्रा 25% और 
पुण्य की मात्रा 75% थी। द्वापर में धर्म के दो पैर ही रहे। इस युग में 
पाप की मात्रा 50% और पुण्य की मात्रा 50% थी। कलिकाल में धर्म के 
पैरों का कोई नामोनिशान नहीं है। इस युग में पाप की मात्रा 75%
 और पुण्य की मात्रा 25% ही रह गए है।
-pooja singh rajput✍🍁 #वैदिककाल#भगवान#आनादीकाल#आदिकाल#कर्म#निशाचर#युग

Pushpvritiya

समय, समाज और परिस्थितियाँ

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वो चित्र मेरा बनाता हैं............     
            
              सीधी-वक्र लकीरों पर 
लकीरें चढ़ा, 
             रंग अपने मन वाले से 
                                              उन्हें सजाए जाता हैं...... 
                                                  वो चित्र मेरा बनाता हैं....... 

हंसती रोती आँखों में,                             
स्वप्न, रोष, आशाएं-निराशाएं, जिज्ञासाएं, 
        प्रेम, दया, मोह, हर्ष की परिपाटी दर्शाता हैं..... 
                                             वो चित्र मेरा बनाता हैं.......... 

आयु, विवशता,परिस्थिति, परिवेश का रंग सुर्ख गालो में मिला,  
         कुछ शांत, उदास कभी चटख मनहर रंग अधरों पर मलता जाता हैं.....
                                                                          वो चित्र मेरा बनाता हैं....... 
 
हथेली को, उंगलियों को कलाईयों को, बाहों को, 
           चाल को, लचक को, भिन्न भिन्न काया की भंगिमाओं को, 
रंगो के नए कलेवर के सीख सिखाये जाता हैं,       
मुझे मुझसे कितना भिन्न दिखाए जाता हैं........... 

फिर भी मुझसे कहता हैं, 
वो चित्र मेरा बनाता हैं....... 
                             वो चित्र मेरा बनाता हैं..................

                                           @पुष्पवृतियां.

©Pushpvritiya समय, समाज और परिस्थितियाँ
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