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ANOOP PANDEY
पत्र तुमको लिखा यह खता थी मेरी तुम जो समझे नहीँ वो वफा थी मेरी रात को जागकर मैंने उसको लिखा नीर- नयनों में भरकर उसको है रचा उसने अक्षर नहीँ मेरे अहसास थे जिन्हें समझे ना तुम वो ख्यालात थे तुमको सबही है यारा ओ झूठा लगा कौन कितना है टूटा ये भी ना दिखा आज आती हँसी तेरी हर सोच पर तूने जो भी किया उस हसीं खेल पर मैंने जैसा था सोचा तू वैसा ना मिला साथ रहकर मेरे ही तू दगा कर गया क्या कहूँ मैं सनम उस अजब खेल पे जिसमें खंजर अनौखा मुझी पे चला दर्द को सह गया मैंने उफ्फ भी न की ना ही आँसू बहाए ना मिन्नत ही की तू मेरी थी चाहत बस इतना हीं सुन ना मैं हर्गिज कहूँ कि मुझॆ ही तू चुन मैं वफा ,इश्क, यारा और अहसास हूँ जिस तलक तू न पहुंचे वो ख्वाब हूँ दिल यह अपना हवाले अब कान्हा के उनको चरणों में रहता मैं इक दास हूँ ©ANOOP PANDEY #पत्र💚
Divuu.writes
हमें मोहब्बत तो अब तभी होगी गालिब जब ज़माना प्रेम पत्र वाला लौटेगा ©Divuu.writes #wholegrain प्रेम पत्र
Bulbul varshney
प्रेम पत्र जब लिखा था हमने जब उनसे पहली बार पहली मुलाकात और पहली मोहब्बत का एहसास हुआ था। ©Bulbul varshney #Likho #love प्रेम पत्र लिखा है हमने।
Ravendra
Ravendra
Ravendra
Devesh Dixit
कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इससे काँपते, होती सम तलवार। एक बार की चोट में, घायल कई हजार।। उत्तम लेखन भी करे, सबको होती आस। यही कलम की जिंदगी, है सबकी यह खास।। बिना कलम के जिंदगी, है बिलकुल वीरान। इससे ही रचना बने, और करे ऐलान।। शब्दों से मन मोहती, यह इसकी पहचान। अकसर देती है खुशी, करती भी हैरान।। यही कलम औजार भी, और पुष्प की माल। कहती है सद्भावना, करती बड़ा कमाल।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कलम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इ
Shivkumar
White 🥀 मै किसी अजनबी के उस सफर का राही तो बन सकता हुँ पर किसी मुसाफिर की मंजिल नही मै किसी शायर की वो आखिरी पंक्ति सा हुँ जिसे समझ पाना हर किसी के बस में नही मै किसी का लिखा गया प्रेम पत्र सा हुँ शायद, जिसे पढ़ने वाले के उनके आंखो में कभी आशु नही मै उस चांद सा हुँ बिल्कुल जिसे मोहब्बत है उस रात से , उजाले से मेरी कभी भी बनी नही मै कोई ख्वाब हुँ जिसे देखने वाले ने मुझे अधूरा सा छोड़ दिया क्योकि मै कोई ख्वाब सा लगा नही 🥀 🥀 S.K 🥀 ©Shivkumar #Moon 🥀 मै किसी #अजनबी के उस #सफर का राही तो बन सकता हुँ पर किसी #मुसाफिर की #मंजिल नही
Ravendra
Ravendra