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Kunal Salve
बे-नज़ीर तुम और तुम्हारा इश्क कभी मुझे बेदार नहीं होने देना नामुराद हूँ इश्क से सोचलो कही, इसे गम़दीदा तो नहीं ना करना ? #बेनजीर #बेदार #yqbaba #didiquote #yqdidi #ishq
Nakku
Insprational Qoute
//कफ़स(पिंजरा)// हुक़ूक़-ए-हयात अब मिट गया,एक बेनजीर कफ़स में तब्दील हो गया, दिल-ए-तम्मना मेरी आज़ाद परिंदा थी,अब इश्क़ में तबाह यूँ हो गया, चश्म-ए-तिश्नगी अब आँब-ए-रवाँ सी बहा अधूरा पैमाना झलकाना है, ए मुसाहिब तेरी मिल्कियत से आज़ाद न करना अब ये तेरा हो गया है। हुक़ूक़-ए-हयात:-जिंदगी का अधिकार, बेनजीर:-बेमिसाल चश्म-ए-तिश्नगी:-आँखो की तृष्णा आँब-ए-रवाँ:-बहता पानी मुसाहिब:-साथी मिल्कियत:-जागीर #sanjays
OMG INDIA WORLD
हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं, उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं... ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं, उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को कितनी सदियों से ग
Manku Allahabadi
Vote जो बेमिसाल, बेनजीर, बेलौस हो मुझे वो प्यास चाहिए मुझे प्यार नही, मुझे इश्क चाहिए बेबाक, बेखौफ, बेतकल्लुफ बंदिगी चाहिए मुझे प्यार नही, मुझे इश्क चाहिए !! ©Manku Allahabadi मुझे प्यार नही, इश्क चाहिए .............................................. जो बेमिसाल, बेनजीर, बेलौस हो मुझे वो प्यास चाहिए मुझे प्यार नही, म
Arun Kranti Kushwaha
- GAZAL E KRANTI लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख, तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख। लफ्जों के ----- नजीर नहीं कोई जिसका, तू वो बेनजीर है चल जाये तो हो घायल दुनिया, एक ऐसी तीर है। तू देखकर आँखें न चुरा, बस आँखें चुरा के देख। लफ्जों के ...... यूं तो हमदर्द कई हैं तेरे और हमसफर भी हैं नूर बेमिसाल तेरा, तू नूर ए नजर भी है। तू नजर भले न आ , बस नजर में आ के देख। लफ्जों के ------ पलकों के सामियाने में तुझे रखेंगे उम्र भर सँवारेंगे, निखारेंगे अपनी साँसे दे-देकर। तू बढाकर कदम न रूक, रूके कदम बढ़ा के देख। लफ्जों के ------ करेगा कौन मोहब्बत इतनी ऐ खुदा जरा बता भर लेंगे तुझे बाहों में कभी हुई जो कोई ख़ता। तू हार न दिल अपना , मेरे दिल को हरा के देख लफ्जों के ----- अरुण क्रांति कुशवाहा Copyright reserved - GAZAL E KRANTI लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख, तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख। लफ्जों के ----- नजीर नहीं को
Latika Chawda "लाली"
इश्क़ भी शायद तभी से शुरू हुआ हिंदी से मेरा..! ❤ (पढ़िए कैप्शन में..!) मुझे याद है जब मैं स्नातक की छात्रा थी जी.एस. कॉमर्स कॉलेज में, और जमनालाल बजाज वाद-विवाद प्रतियोगिता होती थी जिसमें देश भर से अँग्रेज़ी और ह