Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सायली छंद Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सायली छंद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सायली छंद.

Bharat Bhushan pathak

#jaishriram#मंगलमंगना छंद hindi poetry poetry poetry lovers Hinduism poetry in hindi

read more
Jai Shri Ram १११ २,११ १२१ १२१ १२,१ २


भज रहे,निशि दिवा सब हैं वह नाम जी।

 जप सदा,जप सदा मनसे तुम राम जी।।

 मन रमे,तन रमे सुख की बरखा गिरे।

 सब रटें,सब सुनें प्रभु पीर सभी हरें।।

©Bharat Bhushan pathak #jaishriram#मंगलमंगना छंद  hindi poetry poetry poetry lovers Hinduism poetry in hindi

Ramji Tiwari

White 
विधा-मनहरण घनाक्षरी छंद 

    *मधुमास आ गया*

कूके कोयलिया बाग,गाती सुमधुर राग।
हुई धरा हरी- भरी, मधुमास आ गया।
खिले बहु सुमन हैं,भए रम्य चमन हैं। 
 लौट फिर से सुखद, अहसास आ गया।
सारे जग की स्वामिनी, वर मंगल दायिनी।
शारदा भवानी माँ का, पर्व खास आ गया।
लेके पूजा थाल हाथ,टेक तेरे दर माथ।
तुमको मनाने माता,"राम" दास आ गया।।

हर दिन करें पूजा,और नहीं काम दूजा।
मेरे प्यासे नयनों को ,दरश दिखाइए।
तप सिद्धियों की खान, अतुलित बलवान।
देके हमें वरदान,सबल बनाइए।
दे दो हमें वरदान,वाणी करें गुणगान।
निज भक्ति भाव प्रीति,हृदय जगाइए।
फैला तम चहुँ ओर,दिखे नहीं कोई छोर।
फैला पाप जग घोर,तमस मिटाइए।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #छंद
#मनहरण_घनाक्षरी_छंद 
#poem
#Spring

Ramji Tiwari

White  

 मनहरण घनाक्षरी छंद-

घर- घर उल्लास है, कोई नहीं उदास है।
बह रही चहुँ ओर,फागुनी बयार है।।
आम फूली अमराई,छाँव लगे सुखदाई।
छाया हर तन पर, रंगों का खुमार है।।
देख चहुँ हरियाली,कूँजे पिक मतवाली।
कल- कल बह रही,गंगा नदी धार है।।
झूम रहे नर नारी,देख खेत बाग- बारी।
धरा ने भी कर लिया,सोलह श्रृंगार है।।

घूम-घूम खग वृंद,गा रहे हैं गीत छंद।
खिल गई हर कली, झूम रही डाली है।।
चम-चम करें तारे, लगें मन अति प्यारे।
जगमग होती अब,रात काली-काली है।।
यौवन उमंग भरे,चोली बहु तंग करे।
इठलाती फिर रही,गोरी मतवाली है।।
मल गई रंग गाल,आई न समझ चाल।
बड़ी नटखट मेरे,भैया जी की साली है।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Spring 
#poem
#छंद 
#Festival 
#Nature 
#Friend

Ramji Tiwari

Book poem छंद कविता भक्ति भक्ति भजन

read more
Unsplash जय माँ शारदा 
विधा-सरसी छंद १६/११ पदान्त २१

भगवत गीता में मिलता है,सब ग्रंथों का सार।
मानव जीवन की खातिर है,जीवन का आधार।
जो गीता प्रतिदिन पढ़ते हैं, कभी न खाते खार।
गीता ज्ञान बिन नहीं होगा, मानव का उद्धार।।

      स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                            उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Book 
#poem
#छंद
#कविता
#भक्ति  भक्ति भजन

BANDHETIYA OFFICIAL

White पसंद आ रही हैं आती नापसंद चीजें,
कल को आदी न कर दें जो पाबंद चीजें,
राह खोल सकती हैं मुझतक जैसे बंद चीजें,
डर है, क्या करूं लेकिन गीत के वे छंद चीजें,
फिर भी दूर रहें मुझसे लत के नाम पे चंद चीजें।

©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_quotes #छंद

Anuj Ray

# मुक्त छंद कविता"

read more
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मुक्त छंद कविता 

कोहरा ठिठुर रहा कब से सर्दी में,
सूरज के रथ का पहिया ढीला 
जंगल जलता धू धू कर 
हिमशिखर बना  सरिता का पानी।

चलती पगडंडी मुड़ मुड़ कर देखें। 
नारी मंडवा बैठ निहारे पक्षी
खड़ी फसल चौपट कर डाली 
कृषक का दुश्मन पाला नरभक्षी।

©Anuj Ray # मुक्त छंद कविता"

Bharat Bhushan pathak

सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ

read more
बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला।
इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।।
पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया।
प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।।
आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना।
जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।।

©Bharat Bhushan pathak सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त ।

16 मात्रिक पद ठ

Bharat Bhushan pathak

poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi इस छंद में विशेष :-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

read more
दिग्पाल (या मृदुगति) छंद 
मापनी- 221 2122 221 2122 
लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा 
छंदाधारित फिल्मी गाने- 
1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 
2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा 


मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं।
संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।।
पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता।
सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।।

©Bharat Bhushan pathak  poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi
इस छंद में विशेष
:-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

Bharat Bhushan pathak

#छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry loversमत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास

read more
Unsplash नाथ अनाथ सनाथहि हो जब माता पिता अरु संगन भ्राता।
क्लेश नहीं जब द्वेष नहीं तब दृश्य अतीव मनोरम छाता।।

©Bharat Bhushan pathak #छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो  hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry lovers#मत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास

Bharat Bhushan pathak

#मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे

read more
मण्डूक दोहे
पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़।
जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१

माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार।
देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२

रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार।
पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३


कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात।
वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४

 मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर।
 भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५

इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu

मण्डूक दोहे
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile