Nojoto: Largest Storytelling Platform

New फातिमा की चादर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about फातिमा की चादर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फातिमा की चादर.

its_tezmi

#love_shayari #ओढ़ कर झूठ की चादर चले है सच से पर्दा करने😏

read more
White ओढ़ कर झूठ की चादर 
चले है सच से परदा करने ....

©its_tezmi #love_shayari #ओढ़ कर झूठ की चादर चले है सच से पर्दा करने😏

Bhupendra Uikey

बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में

read more
बारिश की एक
 बूंद सागर की तलाश में
🌺👰

©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में

Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]

White 
✍️["बरसों की तन्हाई"]✍️
"आज मैं उस शख़्स से मिला,
जिससे मिलने की बचपन से ख़्वाहिश थी।
बातें हुईं कुछ यूँ कि लगा,
जैसे बरसों की तन्हाई थी।"
💕💕 💕💕 💕💕
✍️["चाँदनी की आरज़ू"]✍️
"ऐ काश, चाँद की बाहों में
एक चाँदनी भी होती,
रात की ख़ामोशी में
बस उसी की रोशनी होती।"

©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #Moon ["#चाँदनी की #आरज़ू"]
["#बरसों की #तन्हाई_और_.....# #shayari love

काली स्याही डिटेक्टिव

रसोई की सफाई.. उम्र की बड़ाई..

read more

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#snow ओढ़कर चादर कोहरे की देखो जनवरी आ गई प्यार के उमंगों को जवान बनाने की देखो आज घड़ी आ गई

read more
Unsplash ओढ़कर चादर कोहरे की
 देखो जनवरी आ गई 
प्यार के उमंगों को जवान बनाने 
की देखो आज घड़ी आ गई

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #snow ओढ़कर चादर कोहरे की
 देखो जनवरी आ गई 
प्यार के उमंगों को जवान बनाने 
की देखो आज घड़ी आ गई

Anjali Singhal

"तेरी यादों को चैन कहाँ! इश्क़ की चादर ओढ़े, चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ। सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।" #SAD #Dard whatsapp

read more
Unsplash "तेरी यादों को चैन कहाँ!
इश्क़ की चादर ओढ़े,
चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ।
सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।"

©Anjali Singhal "तेरी यादों को चैन कहाँ!
इश्क़ की चादर ओढ़े,
चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ।
सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।"

#sad #dard #whatsapp

chadni dahiya

पापा की पारियों की शादी वीडियो कॉमेडी

read more

आधुनिक कवयित्री

बचपन की यादें......

read more

theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

read more
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter 
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे

RUPESH Kr SINHA

#बुलनदी की कहानी खुद की

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile