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Nova Changmai
दर क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है, और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening
bipin mishra
हैरान जिंदगी तेरे पैंतरों से हूं छोड़ा नहीं तूने तेरे अपने रहबरों को भी सीखा कहां से तूने जो सिखाया मुझे इतना छोड़ा नही आलिम क्या जमाने भर का कोई भी ? जिंदगी के पैंतरे.... #yqquotes #yqdidi #yqbaba #yqhindi
Vickram
दिखावे के लिए प्यार क्या करना किसी से,, मतलब तो वैसे भी निकल आते हैं आजकल कल खुदतेरे साथ भी ये नाटक हो सकता है चल तूने आज किसी के जज्बातों की धज्जियां उड़ा दी,, ©Vickram आज अपनों से भी पैंतरे आजमाता है हर कोई,,
Baljit Singh
थोड़ा हंसते ओर नजरें मिलाते रहिए हम पर यह पैंतरे आजमाते रहिए अच्छा लगा, इस बार चोट खाकर आप बस नजरों से तीर चलाते रहिए हम पर यह पैंतरे आजमाते रहिए आप की बातों में इक मिठास सी है आप की अदाएं भी बहुत खास सी है दूर होकर भी आप पास सी है दिल से दूरी को यू ही मिटाते रहिए हम पर यह पैंतरे आजमाते रहिए आपका रूप तो एक गुलाब सा है आप का दिल तो मेरे पंजाब सा हैं आपकी चाल मे नशा शराब सा है बस कदमों को थोड़ा बहकाते रहिए हम पर यह पैंतरे आजमाते रहिए ©Baljit Singh Buttar हम पर यह पैंतरे आजमाते रहिए J P Lodhi. Arzooo 😍😍 Anshu writer कवि राहुल पाल Hisamuddeen Khan 'hisam'
Anjali Sharma
Deepak Aggarwal
चाकू, छूरी, खंजर, तलवार सिख रखे थे सब पैंतरे खिलाड़ी ने, वो नजरो से वार कर बैठी होश उड़ गए खिलाड़ी के।
Deepak Aggarwal
चाकू, छूरी, खंजर, तलवार सिख रखे थे सब पैंतरे खिलाड़ी ने, वो नजरो से वार कर बैठी होश उड़ गए खिलाड़ी के।
prashant Singh rajput
Call Drop मीनिंग इन हिंदी क्या है कॉल ड्रॉप जानिये हिंदी मे ? पूरा पढ़े नीचे दिए गए लिंक पर तुरंत क्लीक करें 👇👇👇👇👇👇👇 https://techadvicesps0
Irshad
बहरी सी जनता और अंधा सा कानून, कहीं खून जैसा पानी, कहीं पानी जैसा खून । हर रोज़ नए पैंतरे, हर रोज़ नया कानून गुब्बारे से दिल हैं जनाब, आज नहीं तो कल फटेंगे जरूर इरशाद बहरी सी जनता और अंधा सा कानून, कहीं खून जैसा पानी, कहीं पानी जैसा खून । हर रोज़ नए पैंतरे, हर रोज़ नया कानून गुब्बारे से दिल हैं जनाब, आज न