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Stories related to रैशनल नंबर्स क्लास ८

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- हाथ आते नही निवाले हैं । दाने-दाने के अब तो लाले हैं ।।१ आज बाज़ार हो गये मँहगें । रूल सरकार के निराले हैं ।।२ किसलिए आप खोजते इंसा । #शायरी

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White ग़ज़ल :-
हाथ आते नही निवाले हैं ।
दाने-दाने के अब तो लाले हैं ।।१
आज बाज़ार हो गये मँहगें ।
रूल सरकार के निराले हैं ।।२
किसलिए आप खोजते इंसा ।
भेड़िये आप हमने पाले हैं ।।३
आप जिनपे किए यकीं बैठे ।
लोग दिल के वो कितने काले हैं ।।४
सच के होते नही नुमाये भी।
इस लिए सब लगाये ताले हैं ।।५
खामियां पा दहेज में अब वह ।
पगडिय़ां देख लो उछाले हैं ।।६
राम के नाम से यहाँ सब ही ।
पा रहे आज सब  उजाले हैं ।।७
राम का नाम ही भजो सारे ।
क्या हुआ जो जुबाँ पे छाले हैं ।।८
चोट खाकर प्रखर वफ़ा में भी ।
दिल को अपने अभी सँभाले हैं ।।९
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
हाथ आते नही निवाले हैं ।
दाने-दाने के अब तो लाले हैं ।।१
आज बाज़ार हो गये मँहगें ।
रूल सरकार के निराले हैं ।।२
किसलिए आप खोजते इंसा ।

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#neet एक विशेष महत्त्वपूर्ण सूचना Neet 2023 वालों के लिए सुनहरा अवसर MBBS From Bangladesh 2023_24 Batch एक विशेष महत्वपूर्ण सूचना य #writersofindia #mbbs #shamawritesBebaak

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Sarfaraj idrishi

हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa #Life

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India Vs Bangladesh Asia Cup Final  हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं

जहां अनार का जूस 
सिर्फ़ तबियत खराब होने पर 
पिया जाता है।

©Sarfaraj idrishi हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं

जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१ #शायरी

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ग़ज़ल :-
नज़्म हम आपसे उठाते हैं ।
आपको देख मुस्कराते हैं ।।१
आज बरसो हुए लिए फेरे ।
गिफ्ट तुमको चलो दिलाते हैं ।।२
प्यार कब बाँटते यहाँ बच्चे ।
प्यार तो और ये बढाते हैं ।।३
हाथ जब भी लगा तेरे आटा ।
रुख से लट तब हमीं हटाते हैं ।।४
जब भी आयी विवाह तारीखें ।
घर को खुशियों से हम सजाते हैं ।।५
घर के बाहर कभी न थी खुशियाँ ।
सोचकर शाम घर बिताते हैं ।।६
दीप बुझने न दूँ मुहब्बत का ।
नाम का तेरे सुर लगाते हैं ।।७
है खुशी का महौल घर में अब ।
बच्चे किलकारियां लगाते हैं ।।८
हाथ मेरा न छोड देना कल ।
जी न पाये प्रखर बताते हैं ।।९
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-


नज़्म हम आपसे उठाते हैं ।

आपको देख मुस्कराते हैं ।।१

INDIA CORE NEWS

कानपुर ब्रेकिंग_ यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट हुआ घोषित रिजल्ट आने के बाद छात्र-छात्राओं के बीच दिख रहा खुशी का माहौल रिजल्ट #viral #Videos

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Shaarang Deepak

Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (07 & 08) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan

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Shaarang Deepak

Shri Ram Chandra kripalu Bhajman (श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन) shlok [08 with Hindi meaning जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मं #समाज #Rammandir #JaiShreeRam #jaishriram #Ayodhya #shriramstuti #rammandirayodhya #rammandir2024 #ShriRamChandraKripaluBhajman #श्रीरामचंद्रकृपालुभजमन

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बिना घर के भी हम डटकर खड़े हैं कहें किससे कि अब मर कर खड़े हैं ।।१ हमारे सामने गिरधर खड़े हैं । #शायरी

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ग़ज़ल :-
बिना घर के भी हम डटकर खड़े हैं
कहें किससे कि अब मर कर खड़े हैं ।।१
हमारे सामने गिरधर खड़े हैं ।
सकल संसार के रहबर खड़े हैं ।।२
करें कैसे तुम्हारा मान अब हम ।
पलटकर देखिए झुककर खड़े हैं ।३
डरूँ क्यूँ आँधियों को देखकर मैं ।
अभी पीछे मेरे गुरुवर खड़े हैं ।।४
मसीहा जो बताते थे खुदी को ।
वही अब देख बुत बनकर खड़े हैं ।।५
अभी तुम बात मत करना कोई भी ।
हमारे साथ सब सहचर खड़े हैं ।।६
मिली है योग्यता से नौकरी यह ।
तभी तो सामने तन कर खड़े हैं ।।७
पकड़ लो हाथ तुम अब तो किसी का ।
तुम्हारे योग्य इतने वर खड़े हैं ।।८
निभाओ तो प्रखर वादा कभी अब ।
अभी तक देखिए छत पर खड़े हैं ।।
२६/०३/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

बिना घर के भी हम डटकर खड़े हैं

कहें किससे कि अब मर कर खड़े हैं ।।१


हमारे सामने गिरधर खड़े हैं ।

Bharat Bhushan pathak

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Dhanraj Gamare

जागतिक महिला दिनाच्या निमित्ताने गझल काव्य संध्या व बुककट्टा टीम ( पिंपरी चिंचवड) यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित दुसरे कवी संमेलन २०२४ #hunarbaaz

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