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Deep Aviral
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. वो सुनते हैं उनको सुनाते रहना पेड़ों को अपना दुख बताते रहना घटती हो इज़्जत तो घटे मगर तुम उसकी गली से आते जाते रहना ये समझो इक उत्सुक्ता है मुहब्बत तुमने की है सबको कराते रहना हमको मुहब्बत के ये मानी हैं बस चट्टानों को मखमल बनाते रहना ©Deep Aviral #ग़ज़ल
Jashvant
White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़' उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले ©Jashvant ग़ज़ल ( माँ )
श्याम कौशिक
क्या कुछ हम में कमी है अभी इन चिराग़ों में रौशनी है अभी छोड़ो मुझ को लुटना खसोटना चंद लम्हों की जिन्दगी है अभी रात के बाद सबेरा आयेगा नया आहट ऐसी ही आ रही है अभी बात तो पते की ही कहीं उस ने क्या कोई गुंजाइश बची है अभी हिम्मत जो बची है कैसे छोड़ दे आस दिल में ऐसी लगी है अभी श्याम कौशिक ©श्याम कौशिक #snowpark ग़ज़ल
Prakash Vidyarthi
hanuman jayanti 2024 ।।।।।।। घर घर श्री राम।।।।।।। भजन -गीत :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: हे तात/नाथ प्रभू श्री रामा।। रघुनंदन,करू वन्दन, अभिनंदन,तुम्हरौ प्रणमा।। हे नाथ................२ अपनी रीत का मीत बनालो , तुम्हरी सरना रहना हैं। सेवक बन संघ रही शरण में ,आपकी सेवा करना हैं।। भजूं भजन गान करू कीर्तन भी रमें रहूं सुबह शमा। हे नाथ...........२ त्याग तपोबल सीखे मानवबल ,भाव प्रीति पिता माता से। निश्छल न्याय दया विधानम , हुआ बोध तेनु भ्राता से।। सिया स्वयंवर लक्ष्मी नारायणी नमोस्तुते रहूं धामा हे नाथ..........२ श्री पति रघुवर अजानबाहु , बहुत ही सुमिराऊ नाम तिहारो। हनुमत वीरा जपहि जो डर ,भय मुक्त भई सब काम सम्हारौ।। करू कृपा मोहि कृपा निधान जपूं हरि रोज नामा। हे नाथ.........२ विश्व पटल पर हों प्रतिबिंबित, सारा श्रृष्टि के आप चालक। तन मन कण कण में हो व्याप्त , गाए सद्गुण सब सेवक।। स्वाभिमानी पुरुषोंतम प्रतापी लवकुश लाल बखाना। हे नाथ............२ मित्रता का पाठ पढ़ा दो , हे राघव हे कमलनयन। सत्य-धर्म का ध्वजा सदा , अमर रहें जन- जन।। भक्त विधार्थी को देहूँ अशिषम करो जग कल्याणा,। हे नाथ...........२ @विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #hanumanjayanti24 #भक्ति #राममंदिर #shreekrishna #राम #भजन #भक्तिसागर