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Manoj Kumar
White ना इश्क करो झूठा ना प्यार करो फर्जी वाह वाह वाह......... ना इश्क करो झूठा ना प्यार करो फर्जी आगे नहीं बताया गया क्योंकि मेरा फ़ोन मेरे मर्ज़ी ©Manoj Kumar ना इश्क करो झूठा ना प्यार करो फ़र्ज़ी
ना इश्क करो झूठा ना प्यार करो फ़र्ज़ी #शायरी
read moremalay_28
White मेरे सपने वही हैं पर मेरे सपनों में तुम ना हो पराये हो गये अपने मेरे अपनों में तुम ना हो. ©malay_28 #तुम ना हो
अमित कुमार
White प्यार नहीं होता तो ये जहान क्या होता ये जमीं और ये आसमान क्या होता। इंसान क्या खुदा तक हैवान बन जाते तब अमन और शांति का निशान क्या होता।। ©Amit प्यार ना होता
प्यार ना होता #शायरी
read moreRazzj D
White ना जाने कब सब कुछ खत्म हो जाए ना जाने कब हम इन हवाओ में मिल जाए ... ©Razzj D #SunSet ना जाने
#SunSet ना जाने #hunarbaaz
read moreArora PR
White नहीं रही मेरी "ना * कहने की वो पुरानी आदत और "हाँ " कहने पर मुझे किसी न रोका है न टोका है कभी फिर भी ये "हाँ " " ना "कहने की गुथी कभी सुलझी नहीं कभी ©Arora PR "हां " "ना "
"हां " "ना " #कविता
read moreRaju Kumar
तू चाहता हैँ किसी को पता ना लगे, मे बीमार रहु और मुझे दवा ना लगे, बहत दिल दुखा के तुमतक पंहुचा हु, दुआ करो की मुझे कोई बदुआ ना लगे, तेरे बाद तेरे जैसा ढूढ़ता हु, जो बेवफाई करे और बेवफा ना लगे ©Raju Kumar बेवफा ना लगे
बेवफा ना लगे #Shayari
read moreRishika Srivastava "Rishnit"
शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अंग रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे...! थोड़ा सा ग़ुलाल मैं लगाऊं, थोड़ा तुम लगाना.. लपक-झपक ग़ुलाल के रंगों से, रंगे दोनों संग रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..! ना जाने कहाँ होंगे अगले बरस, एक दूसरे को देखने को नजरें जाएगी तरस.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..! आगे की चिंता की शिकन ना आने दे हमारे दरमियान, तू और इस रंग-बिरंगे रंगों संग जिंदगी में भरे हर रंग रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..! बरस-बरस भीगेंगे आँचल, भिगोए जलते तन-मन रे.. आओ सखी, बुझा दे प्रेम से हर पीड़ा की चुभन रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अ
शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अ #Holi
read moreMonika Gera jindagi. A poetess, writer, lyricist, singer,motivational speaker,Handwriting expert for three languages as to training + language teacher ( three languages).
वैर ना भई! #Life
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