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Shravan Goud
स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात
कलीम शाहजहांपुरी (साहिल)
उसकी रंगत है जैसे कोई खिलता गुलाब, उसकी बातों से टपके इल्हाम की बारिश.! ©कलीम शाहजहांपुरी (साहिल) शायरी ( इल्हाम का अर्थ होता है अल्लाह,ईश्वर का शब्द)
Chetan Jaat
शब्द आत्मा है और उनके अर्थ उस आत्मा की अभिव्यक्ति, इसलिए शब्द और अर्थ दोनों का बोध अनिवार्य है । ©Chetan Jaat #notjo #शब्द #अर्थ #अभिव्यक्ति
Kavita jayesh Panot
शब्द वही होते है वर्ण माला के, लेकिन वक्त के बदलाव के साथ , तार बदल जाते है। कभी सुख ,एहसास खुशी का दिला जाता है तो कभी वही सु और ख से सूखापन बन जाता है। जो एक नकारात्मकता का बोध है। कविता जयेश पनोत ©Kavita jayesh Panot #शब्द#भेद#वक्त#अर्थ
Hasanand Chhatwani
*सीमित शब्द हो और* *असीमित अर्थ हो...* *लेकिन इतना ही हो कि* *शब्द से न कष्ट हो...* #सिमित शब्द #असीमित अर्थ #
Balkrishna Ashish
उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश भारत की मूल आबादी ,कहां-कहां का कहूं वृतांत मैं उत्तर प्रदेश का मूल निवासी।। सुना स्वर्ग है कश्मीर बर्पी है उस पर गोलियां ,लहूलुहान धरती हुई फिर भी अच्छी है बोलिया।। पंजाब-हरियाणा एक बगिया के माली राजस्थान बाटी चूरमें की थाली ।।असम में पीया ताजी चाय , गंगटोक में सर्दी रुलाय ।।ठंड पड़ इतनी वहां पर काप गए रूह मेरे, भागा आया बंगाल की ओर बिहार झारखंड दोनों चचेरे ।। मिजोरम ,मणिपुर नागालैंड ,तीनों अरूणांचल के फ्रेंड।।छत्तीसगढ़ उड़ीसा होते हुए आंध्रा को चला आया, सीमा पार किया आंध्रा की तमिलनाडु की दिखी मनोहर छाया ।।किया दर्शन रामेश्वरम में मन को बहुत लुभाया,पूरा केरल नारियल के वृक्षों से है लहराया।।कर्नाटक की कन्नड़ बोली ,मेरे मुंह की ताला खोली।।महाराष्ट्र में लौटा आया, फैसन की दुनिया का शाया।। बम्बई में बॉलीवुड की परचम थी लहराई,गुजरात के खाड़ियो में थी बहुत गहराई।। हिमाचल प्रदेश और उत्रांचल बर्फ की चादर आधी ओढ़ी,हरीद्वार में बहुत प्रसिद्ध गंगा तट का हरि की पौड़ी।।गोवा की राजधानी पड़जी, त्रिपुरा की अगरतल्ला घुमा 28 राज्य तो पड़ गया मुंह काला,,अंत में दिल्ली दिलवालो कि नगरी में लौटा चला आया, क्या पता जीवन आशीष का , सफ़र मन को बहुत लुभाया।।ashish,,jan,,,,i आशीष। का सफर