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Bazirao Ashish
"पर्दा प्रथा" आक्रांताओं से हिफ़ाज़त के लिये एक नुस्ख़ा अपनाया गया। सनातन धर्म में तब से पर्दा प्रथा अपनाया गया। मलेक्षों की न पड़े बुरी नजर उन पर बहू बेटियों को पर्दे में रहना सीखाया गया। मलेक्ष = मुस्लिम, ईसाई आक्रांता(भविष्य पुराण) ©Bazirao Ashish मलेक्षों का वर्णन भविष्य पुराण में मिलता है। #Books
मलेक्षों का वर्णन भविष्य पुराण में मिलता है। #Books
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भविष्य पुराण श्राद्ध के 96 अवसर बताता है। श्राद्ध में विधान कम श्रद्धा अधिक महत्वपूर्ण है। श्रद्धा से यदि सूर्योदय के समय नहा-धोकर काले तिल के साथ सूर्य को जल दें, अथवा गीता के सातवें अध्याय का संकल्प सहित पाठ कर उसके पुण्य को पितरों को अर्पित कर दें तो भी पितर संतुष्ट हो जाते हैं और धन-धान्य, यश-कीर्त, पुत्र-पौत्रादि में वृद्धि करते हैं। ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey} पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भव
{Bolo Ji Radhey Radhey} पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भव #समाज
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{Bolo Ji Radhey Radhey} भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार एक बार देवता और दैत्यों (दानवों ) में बारह वर्षों तक युद्ध हुआ परन्तु देवता विजयी नहीं हुए। इंद्र हार के भय से दु:खी होकर देवगुरु बृहस्पति के पास विमर्श हेतु गए। गुरु बृहस्पति के सुझाव पर इंद्र की पत्नी महारानी शची ने श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से व्रत करके रक्षासूत्र तैयार किए और स्वास्तिवाचन के साथ ब्राह्मण की उपस्थिति में इंद्राणी ने वह सूत्र इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधा जिसके फलस्वरुप इन्द्र सहित समस्त देवताओं की दानवों पर विजय हुई। रक्षा विधान के समय निम्न लिखित मंत्रोच्चार किया गया था जिसका आज भी विधिवत पालन किया जाता है: "येन बद्धोबली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। दानवेन्द्रो मा चल मा चल।।" इस मंत्र का भावार्थ है कि दानवों के महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी से तुम्हें बांधता हूँ। हे रक्षे! (रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो। यह रक्षा विधान श्रवण मास की पूर्णिमा को प्रातः काल संपन्न किया गया यथा रक्षा-बंधन अस्तित्व में आया और श्रवण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने लगा। ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey} भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार एक बार देवता और दैत्यों (दानवों ) में बारह वर्षों तक युद्ध हुआ परन्तु देवता विजयी
{Bolo Ji Radhey Radhey} भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार एक बार देवता और दैत्यों (दानवों ) में बारह वर्षों तक युद्ध हुआ परन्तु देवता विजयी #पौराणिककथा
read moreआयुष पंचोली
सनातन धर्म की देन "ग्रंथ" जिनमे छुपा हैं, ब्रह्मांड का हर राज। 4 वेद, 4 उपवेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, 108 उपनिषद, 2 महाकाव्य, और 1 भगवद् वाणी का संकलन श्रीमद भगवद् गीता..!!!
4 वेद, 4 उपवेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, 108 उपनिषद, 2 महाकाव्य, और 1 भगवद् वाणी का संकलन श्रीमद भगवद् गीता..!!! #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #sanatandharm
read moreआयुष पंचोली
"दशावतार" जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चि
जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चि #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #dashavtaar
read moreHarvinder Ahuja
हमारे शरीर और मन में गहरे सम्बन्ध हैं। हमारी मानसिकता हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के संदेशों का प्रसार करती है। दूसरी ओर हमारा मन अपनी मानसिक तंरगो से विभिन्न संदेशों का प्रसारण करता है और उनको ग्रहण भी करता है। कभी आंख का फड़कना, कभी दिल का अजीब तरह से धड़कना विभिन्न प्रकार की आने वाली विपत्तियों की सुचना देता है। कभी हमें जाने अनजाने छींक आती है तो मन व्याकुल हो उठता है कि ना जाने कौन याद कर रहा है। छींक क्या कहती है,उस पर भी ज़रा गौर फरमाइए। • एक छींक आए तो कोई आपको याद कर रहा है। • दो छींक आए तो कोई आपको बहुत याद कर रहा है। • तीन छींक आए तो जो आपको याद कर रहा है, आपसे मिलने को व्याकुल है। • चार छींक आए तो जो आपको याद कर रहा है,आपसे मिलने को बहुत ज्यादा व्याकुल है। • अगर पांच छींक आए तो ........... किसी डॉक्टर की सलाह लें। ©Harvinder Ahuja #छींक पुराण