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ANSARI ANSARI
White भारत है जगतजननी जो हर। जग से निराली है। यहां बरसता खुदा की नेमत। हर जग से खुशहाली हैं। ©ANSARI ANSARI खुशहाली।
Dr.Vinay kumar Verma
Shailendra Anand
White रचना दिनांक 7,,,,,4,,,,2024 वार,,, रविवार समयकाल,,,सुबह पांच बजे ््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती हुई घटनाओं से अवगत नवयुगल दम्पत्ति आकृति चिन्हित दिलों में जगह दिल और दिमाग और देश प्रेम है््््् ्््देश दिल दिमाग दिवाना जूनून जोश और उत्साह में आकर सब कुछ है,, है वो वन्दना है या इतिहास में देखने वाले आत्ममंथन करना ही जिंदगी है्््् ््््जो मैं जिंदगी का आयना नजरिया बदल रहे परिवेश परिवर्तन अपने आप में एक क़ान्तिकारी कदम साबित हो रहे है ्् जो विनाश काले विपरीत बुद्धि साबित हो सकते है ,, क्योंकि मन में भय खौफ दहशत का बोलबाला है,,।। चाहे जो भी हो सकता है,, लेकिन तंत्र लोकतंत्र की रक्षा में नींव की तरह संघर्ष जरुरी है,।। आज चेहरे पर और नीतियों पर सवाल कटाक्ष कथन सच्चाई से असल मुद्दे से कोसों दूर भागते नजर आ रहे है,, आज कितने ही मतदाता जागरूकता अभियान संवाद से और हकीकत से दिग्भ्रमित है ,, र और आधारहीन जनसंवाद तर्कसंगत अभिव्यक्ति अनुवाद अन्तर्मन केपरिद़ष्य से दूर है।। आज जनचेतना अभियान में भारतीय नागरिक वोट मुल्याकन में आगे बढ़ो बुद्धिजीवियों में मानवता और इंसानियत और भारत प्रजातांत्रिक व्यवस्था और संविधान की रक्षा संस्कृति को सुरक्षा प्रदान करना ही आज की स्वतंत्रता की दुसरी लड़ाई का शंखनाद हो चुका है।। यही आम नागरिक की आजादी का एक स्वतंत्रता संग़ाम का रणभूमि आजादी है अभिमत की रक्षा करना ही जिंदगी है।। ््््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््् 7,,,,,, अप्रैल,,,,2024,,,,,, अब जागो भारत जागो भारतियों जागो देश को आगे बढ़ाया जाना ही असली आज़ादी है।। ©Shailendra Anand #Couple देश और समाज दिल की आवाज सुनकर देश में अवाम में खुशहाली लाना ही असली आज़ादी है ्््निजधिचार मतदाता जागरूकता अभियान कवि शैलेंद्र आनंद ्
Jk
'मन चंगा तो कठोती में गंगा' संत रोहिदासांचा हा प्रसिद्ध दोहा आपण प्रत्येकवेळी ऐकत असतो. ते एक उत्तम कवी सुद्धा होते. संत रोहिदासांनी गुण-निर्गुण, एकता, सामाजिक न्याय समानतेची, एकतेची शिकवण दिली. संत रोहिदास यांना जयंती दिनानिमित्त विनम्र अभिवादन 🙏 ©Jk #gururavidas 'मन चंगा तो कठोती में गंगा' संत रोहिदासांचा हा प्रसिद्ध दोहा आपण प्रत्येकवेळी ऐकत असतो. ते एक उत्तम कवी सुद्धा होते. संत रोहिद
Dhanraj Gamare
Dhanraj Gamare
nsnsnsnsnsnsnsnsnsns ©Dhanraj Gamare *संगमेश्वरच्या सुपूत्राची* D.B.A.च्या ठाणे *जिल्हाध्यक्षापदी निवड* *मा.धनराज गमरे* यांचे *हार्दिक ! अभि
Ravendra
Ravendra
N S Yadav GoldMine
ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी की माला पहनने से शरीर निर्मल होता है, और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है 🌎🌎 🌷 शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा, बल्कि लक्ष्मी माता की भी आप पर कृपा बनी रहेगी। साथ ही शिवलिंग की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के ग्रह-दोष से शांति मिलती है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। 🌷 शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव की लिंग स्वरूप में पूजा करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं, और आपको मन चाहे फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ज्योतिष अनुसार, सोमवार यानी सौम्य शीतल चंद्रमा का दिन माना गया है। सफेद शिवलिंग का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए इस दिन सफेद कपड़े पहनने से और शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है. 🌷 यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा न करवाएं। लेकिन नियमित रूप से उसकी पूजा और अभिषेक जरूर करें। शिवपुराण में कहा गया है,bकि घर में कभी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखे जाने चाहिए। 🌷 शिवलिंग को हमेशा खुले स्थान पर रखा जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ चूंकि शिवलिंग से हर वक़्त ऊर्जा का संचार हो रहा होता है, इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए, जो ऊर्जा को शांत रखता है। कुछ लोग शिव लिंग पर हप्ते भर में या फिर प्रतिदिन जल अर्पित करते हैं, वह प्रयाप्त नहीं होता है। 🌷 भगवान शिव की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, इससे घर में खुशहाली बनी रहती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का लिंग रूप शिवलिंग कहलाता है। शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग की पूजा करना बहुत लाभदायक माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग की पूजा निरंतर करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । 🌷 भगवान शिव की दिशा उत्तर दिशा की मानी गयी है, इसलिए शिवलिंग का मुख उत्तर की दिशा की ओर रखें। उनके साथ आपने नंदी जी भी रखे हैं, तो उनका मुख शिवलिंग या भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की ओर रखें। पूजा करते समय यदि आप की पश्चिम की तरफ पीठ हो और पूर्व की ओर मुँह करके आप पूजा करें तो यह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 🌷 हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें। यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए। पुराणों के अनुसार खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य प्राप्त नहीं होता है। {Bolo Ji Radhey Radhey} ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी
N S Yadav GoldMine
White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Radhey Radhey} चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं। मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं। वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है। धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है. 👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है। चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। ©N S Yadav GoldMine #mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra