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निशब्द
AJAY NAYAK
आओ हम उड़ना सीखें मंजिल को जीतना सीखें दूर गगन तक उड़कर जाएं अपने बल पर, अपनी खुद की एक अलग शख्शियत बनाए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #retro आओ हम उड़ना सीखें मंजिल को जीतना सीखें दूर गगन तक उड़कर जाएं अपने बल पर, अपनी खुद की एक अलग शख्शियत बनाए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ Shilp
N S Yadav GoldMine
ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी की माला पहनने से शरीर निर्मल होता है, और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है 🌎🌎 🌷 शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा, बल्कि लक्ष्मी माता की भी आप पर कृपा बनी रहेगी। साथ ही शिवलिंग की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के ग्रह-दोष से शांति मिलती है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। 🌷 शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव की लिंग स्वरूप में पूजा करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं, और आपको मन चाहे फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ज्योतिष अनुसार, सोमवार यानी सौम्य शीतल चंद्रमा का दिन माना गया है। सफेद शिवलिंग का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए इस दिन सफेद कपड़े पहनने से और शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है. 🌷 यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा न करवाएं। लेकिन नियमित रूप से उसकी पूजा और अभिषेक जरूर करें। शिवपुराण में कहा गया है,bकि घर में कभी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखे जाने चाहिए। 🌷 शिवलिंग को हमेशा खुले स्थान पर रखा जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ चूंकि शिवलिंग से हर वक़्त ऊर्जा का संचार हो रहा होता है, इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए, जो ऊर्जा को शांत रखता है। कुछ लोग शिव लिंग पर हप्ते भर में या फिर प्रतिदिन जल अर्पित करते हैं, वह प्रयाप्त नहीं होता है। 🌷 भगवान शिव की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, इससे घर में खुशहाली बनी रहती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का लिंग रूप शिवलिंग कहलाता है। शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग की पूजा करना बहुत लाभदायक माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग की पूजा निरंतर करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । 🌷 भगवान शिव की दिशा उत्तर दिशा की मानी गयी है, इसलिए शिवलिंग का मुख उत्तर की दिशा की ओर रखें। उनके साथ आपने नंदी जी भी रखे हैं, तो उनका मुख शिवलिंग या भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की ओर रखें। पूजा करते समय यदि आप की पश्चिम की तरफ पीठ हो और पूर्व की ओर मुँह करके आप पूजा करें तो यह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 🌷 हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें। यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए। पुराणों के अनुसार खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य प्राप्त नहीं होता है। {Bolo Ji Radhey Radhey} ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। हम बच्चे इतना तो सीखें... तुम भी मानों साथी मेरे , गुरुवर की सब बातें प्यारी । मन की इच्छा शक्ति बढ़ाओ , और कर्म के बनो पुजारी ।। क्यों की गली-गली में भैय्या , अब तो बल्ला बैट चला है । हम बच्चे इतना तो सीखें .... जीवन में मीठी बातें तो , करते अपने और पराये । लेकिन राह तुम्हें जीवन की , सुन लो कोई नहीं बताये ।। एक माँ और दूजे गुरुवर , नहीं मार्ग तुमको भटकाये । हम बच्चे तो इतना सीखें..... सच्चा शिष्य वही धरती पे , मन जिसके मत लोभ रहा है । विद्या धन वह करता अर्जित , जो गुरुवर के शरण रहा है ।। यही विनय है मातु-पिता की , तुझसे ही अभिमान मिला है । हम बच्चे तो इतना सीखें ...... हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR हम बच्चे इतना तो सीखें , जीवन में संकल्प बड़ा है । जिसने भी इसको अपनाया , वही शिखर पे आज खड़ा है ।। हम बच्चे इतना तो सीखें... तुम भी मानों
Vickram
जब आप अपनो के कहने में गलत फैसला लेते हैं और बाद में खुद ही गलत साबित हो जाते हैं यहां तब पता चलता है कि आपका सोचना सही था फिर आप दुबारा किसी पर यक़ीन नहीं कर पाते फिर अफसोस के शिवा और कुछ नहीं रह जाता और वो निर्णय शायद आंखरी भी हो ज़िंदगी का उदाहरण,,,, जैसे अपनो के कहने पर गलत जगह शादी कर लेना,, या फिर अपनो के कहने पर गलत राह पकड़ लेना हो सकता है किसी के अपने गलत कार्य में लिप्त हो ©Vickram #beautifulhouse ज्यादातर अपने ही फंसा देते हैं बुरी तरह ,,, इसलिए अपनी ख्वाहिश का भी ख्याल रखें,, क्या पता आपके अपनो को ज्यादा knowledge न
Astro Shashwat sharma
# राहु केतु और शनि से कुंडली में क्या समस्या हो सकती है और राहु केतु और शनि जड़ित समस्याओं का एक साथ निवारण कैसे करें ज्योतिष शास्त्र में राहु, केतु और शनि को पापी ग्रह कहा जाता है, क्योंकि ये हमारी बुद्धि, तर्कशक्ति, ज्ञान और भाग्य को प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों के प्रकोप से हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे घटना-दुर्घटनाएं, दुश्मन, बीमारियां, भय, कुविचार, बेईमानी, धोखा, अत्याचार, मद्यपान, संभोग, पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द, सन्तान उत्पति में रुकावट, गृहकलह, नींद न आना, रात के समय डरना, भूत-प्रेत से संबंधित बातें, अजीब-अजीब सपने देखना, अनाजाने लोगों से लड़ना, धर्म से दूर होना, कर्म, धन, व्यापार, नौकरी, पद, प्रतिष्ठा, शिक्षा, विवाह, संतान, स्वास्थ्य, उम्र, बाल, दांत, हड्डी, कनपटी, भवें आदि की समस्याएं। इन समस्याओं से बचने और इन ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए हमें कुछ उपायों का पालन करना चाहिए, जो हमारे जीवन को सुखी और शांत बनाने में मदद करेंगे। इन उपायों में शामिल हैं: शनि, राहु और केतु ग्रह जातक को अलग-अलग प्रकार से पीड़ित करते हैं। इन ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय सुझाए जाते हैं। इनमें से एक उपाय है कि आप अपने आस-पास एक ऐसी जगह देखें जहां पानी में मछलियां हों। अब आप मंगलवार की रात को एक काले कपड़े में 150 ग्राम काले तिल और 150 ग्राम काले उड़द की साबुत दाल को मिलाकर बांधकर रख लें। अब इस काले कपड़े को रात को सोते समय अपने सिरहाने रख कर सोयें। सुबह-सुबह उठकर उस स्थान पर जाएँ जहां आपने मछलियों को देखा है। अब इस कपड़े में से काले तिल और उड़द की दाल को थोड़ा-थोड़ा करके पानी में डाल दें। जैसे ही मछलियों इस सामग्री को खाने लगेंगी समझो आपके दोष निवारण होने लग गया है। इस प्रयोग को आप तीन मंगलवार को करें।¹ इसके अलावा आप इन ग्रहों के मंत्रों का जप भी कर सकते हैं। राहु मंत्र का जप 8 बार किया जाता है।² राहु मंत्र- ।। ह्रीं अर्धकायं महावीर्य चंद्रादित्य विमर्दनम्। सिंहिका गर्भ संभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।। ।। ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:। ।।ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु प्रचोदयात्।। केतु मंत्र का जप 8 बार किया जाता है।² केतु मंत्र- केतु मंत्र का जप 8 बार किया जाता है। ।।ॐ पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रह मस्तकम्।। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम।। ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:। ।।ॐ पद्मपुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात्। आशा करता हूँ कि ये उपाय आपको लाभ पहुंचाएंगे। अगर आपको और कुछ पूछना हो तो मुझसे बात कर सकते हैं। ©Astro Shashwat sharma #शनिवार #राहु #केतु #वैदिक #ज्योतिष
Niaz (Harf)
26 jan republic day 75वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं! आज सिर्फ एक दिन की छुट्टी या देशभक्ति का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह सोचने का समय है कि हमारे देश को महान क्या बनाता है। यह वह दिन है जब हमने अपना संविधान अपनाया था, नियमों का एक सेट जो दर्शाता है कि एक स्वतंत्र भारत का सपना क्या है। तीन रंगों वाला झंडा दिखाता है कि कैसे हम सभी अलग-अलग हैं लेकिन फिर भी एक साथ हैं, हमारी आजादी के लिए लड़ने वाले लोगों को धन्यवाद। एक भारतीय के रूप में, हमें अपने संविधान में महत्वपूर्ण विचारों का पालन करना चाहिए: निष्पक्षता, स्वतंत्रता, समानता और एकजुटता। आइए उन लोगों से सीखें जिन्होंने हमारे भविष्य की योजना बनाई और एक ऐसा देश बनाने का वादा किया जहां सभी के अधिकार और सम्मान सुरक्षित हों। जय हिन्द! गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं! ©Niaz (Harf) 75वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं! आज सिर्फ एक दिन की छुट्टी या देशभक्ति का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह सोचने का समय है कि हमारे देश को महान