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khubsurat
Sk
प्रभु आपको सुबह की पहली किरण से शुरु होने वाले नये साल में सुख , शांति, शक्ति, सम्पति, स्वरुप, संयम, सादगी, सफलता, समृध्दि, साधना, संस्कार, और स्वास्थ्य दे। नये साल की ढेरों शुभकामनाओं के साथ आप और आपके परिवार को मेरी तरफ से नऐ साल कि हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। " 🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹 ©Sk प्रभु आपको सुबह की पहली किरण से शुरु होने वाले नये साल में सुख , शांति, शक्ति, सम्पति, स्वरुप, संयम, सादगी, सफलता, समृध्दि, साधना, संस्कार,
Rishika Srivastava "Rishnit"
Rajesh Arora
........... ©Rajesh Arora किरण उम्मीद की #nojotohindi #nojotoenglish #शायरी #poem #Shayar #Poet
Dil galti kr baitha h
बस 🤔 एक हा के इंतेज़ार में रात 🌃 यू ही गुज़र जाएगी !! अब 🤔 तो उलझन है साथ 👸 मेरे नींद कहा आएगी !! सुबह 🌞 की किरण ना जाने कौन 🤔 सा संदेश लाएगी !! रिमझिम ⛈️ सी गुनगुनाएगी या हमारी 💔 अधूरी कहानी रह जाएगी !! ©Dil galti kr baitha h बस 🤔 एक हा के इंतेज़ार में रात 🌃 यू ही गुज़र जाएगी !! अब 🤔 तो उलझन है साथ 👸 मेरे नींद कहा आएगी !! सुबह 🌞 की किरण ना जाने कौन 🤔 सा संदेश लाएग
Sudha Tripathi
मुझे नहीं पता मुझे अंधेरे से इतना डर क्यों लगता है शहर में नाइट कर्फ्यू था 3:00 बजे रात को स्टेशन छोड़ने जाना था कोई और वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी ट्रेन दूसरे दूरवाले नए स्टेशन पे आने वाली थी पहली बार वो स्टेशन जाना हुआ बड़ी हिम्मत करके तैयार तो हो गई लेकिन आते समय अपने याददाश्त शक्ति के क्षमता अनुसार रास्ता भूल गई एक तो इतने सारे निर्माणाधीन फ्लाईओवर की वजह से सारे रास्ते को ब्लॉक किया हुआ था सब कुछ बंद होने की वजह से मुझे समझ नहीं आ रहा था किस एरिया में हूँ केवल कुत्ते की भौंकने की डरावनी आवाज हर ओर से आ रही थी मोबाइल में नेट नहीं पेट्रोल देखा तो वह भी रिजर्व..... नाइट कर्फ्यू की वजह से एक इंसान कहीं नहीं अब पूँछू भी तो किससे परिस्थितियां कुछ ऐसी थी आगे जाँऊ या पीछे जाँऊ कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं रुक कर हर पोस्टर पर एरिया का नाम ढूंढने का प्रयास करने लगी तभी पीछे से आवाज आई क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूं मेरी स्थिति क्या थी वो मैं बता नहीं सकती बहुत हिम्मत करके पीछे देखा पूरी तरह से कवर केवल आँखे दिख रही थी दोनों स्थितियां चल रही थी एक ओर आशा की किरण तो दूसरी ओर........ मैंने कहा भाई साहब रेस कोर्स अभी कितनी दूर है यहां से उन्होंने कहा बेन बहुत आगे आ गए हो आप उन्होंने मुझे समझाया मुझे नहीं पता नाईट कर्फ्यू में वो कहां से आये मैं इतनी अधिक डरी हुई थी कि जल्दी जल्दी मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और उनके बताए गए रास्ते से जब रेसकोर्स के आसपास आई तो मेरी जान में जान आई घर पहुंच कर आधे घंटे लगे होंगे मेरी धड़कनों को सामान्य होने में और उस दिन समझ में आया अंधेरा क्या होता है? सन्नाटा क्या होता हैं?कुत्तों का भौंकना कितना भयानक होता है? अनजान रास्ते पर अकेले इंसान का मिलना क्या होता है? रास्ता भूल जाना क्या होता है? और भी बहुत सारी बातें.... ©Sudha Tripathi मुझे नहीं पता मुझे अंधेरे से इतना डर क्यों लगता है शहर में नाइट कर्फ्यू था 3:00 बजे रात को स्टेशन छोड़ने जाना था कोई और वैकल्पिक व्यवस्था नह
Nisheeth pandey
कवि राहुल पाल 🔵