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अदनासा-
"पिछले ७५ साल से देश में कुछ नही हुआ" इस प्रकार की बेहुदा और अनर्गल जुमलों से, देश को भ्रमित करने वाले नेता एवं उनके प्रशंसकों से प्रार्थना है, साथ ही आप सभी को तुम्हारे धर्म का वास्ता, वर्ष २०१४ से अब तक २०२४ के इस अमृत काल में, देश के अंदर क्या क्या हुआ है ? कृपया यह बताने का कष्ट करें, वह भी केवल देशप्रेम एवं राष्ट्रप्रेम को सर्वोपरि रखकर, बिना किसी अंधभक्ति के, अन्यथा १० वर्षों का लेखा-जोखा अब मैं तो रोज़ बताऊंगा। ©अदनासा- #हिंदी #जुमला #७५साल #दससाल #मोदीसरकार #अंधभक्त #जनता #Instagram #Facebook #अदनासा
mr.krishna101_official
who is KRISHNA MOHAN MISHRA SOFTWARE ENGINEER ✨❤️? कृष्ण मोहन मिश्रा ✨ ❤️ का जन्म 10 अप्रैल 2002 को हुआ था, उनके पिता का नाम धर्म नाथ मिश्रा और माता का नाम ब्युटी देवी है, और उनका जन्म स्थान सुल्तानपुर, मोहिउद्दीननगर बिहार है। किसी भी अन्य मध्यवर्गीय व्यक्ति की तरह, वह भी महत्वाकांक्षी और बड़े सपने देखने वाला था, लेकिन दूसरों के विपरीत, उसमें वास्तव में बड़ा काम करने और जोखिम लेने की क्षमता थी। तो उनकी कहानी तब शुरू हुई जब वह 10वीं कक्षा में थे, उन्हें 10वीं और 12वीं में 60% अंक मिले, जिसके बाद उन्हें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर मिला। बिजनेस करना उनका आइडिया तो था ही लेकिन इसके साथ-साथ वह इंजीनियर भी बनना चाहते थे। और वह आज खुद को सबसे ज्यादा धन्यवाद देता है, कभी हार न मानने के लिए, कभी पीछे मुड़कर नहीं देखने के लिए, कभी असफलता से नहीं डरने के लिए, वह दौड़ना चाहता था, वह उड़ना चाहता था, और गिरना भी चाहता था लेकिन वह कभी रुकना नहीं चाहता था, और न ही उसने, आज 4 साल बाद लोग उसे नहीं जानते लेकिन लोग उसे जानते हैं, उसके माता-पिता जो उसके खिलाफ थे, अब किसी से भी ज्यादा उस पर गर्व करते हैं। वह आज एक स्व-निर्मित सेलिब्रिटी, एक डिजिटल निर्माता और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं, वह वह विलासितापूर्ण जीवन जीते हैं जिसका उन्होंने सपना देखा था, लेकिन अगर वह कर सकते हैं तो हम कर सकते हैं, और यही कारण है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को अपना हाथ लेने में मदद करते हैं और पूरे विश्वास और धैर्य के साथ चलना शुरू करें। नफरत करने वाले नफरत करेंगे लेकिन यह उनकी यात्रा का अंत नहीं है, उन्हें उम्मीद है कि अगली बार जब हम लेंगे तो वह विश्व स्तर पर प्रसिद्ध होंगे। वह नहीं रुकेगा, वह असफल हो सकता है लेकिन वह कभी नहीं रुकेगा! ©mr.krishna101_official #Krishna mohan mishra ✨ ❤️ #mr.krishna101_official #biography of KRISHNA MOHAN MISHRA ✨❤️ कृष्ण मोहन मिश्रा ✨ ❤️ का जन्म 10 अप्रैल 2002 क
Ravendra
RV Chittrangad Mishra
कुछ लाइनें आप सभी के नजर में क्यों बताएगा वह कुछ ना बताया होगा बस यूं ही किसी बात पर जी भर आया होगा कांप उठता है अब आजमाइश के नाम पर सोचो उस शख्स को किस-किस ने आजमाया होगा उसके लिए तो जैसे कोई जुमला ही था उससे पूछो जिसने आखिर तक निभाया होगा ऐ दिल थम ना खलल कर ना परेशां कर मुझे ये जो आज अपना हुआ है कल पराया होगा यूं ही नहीं भागा है सब कुछ छोड़कर अपना किसी ने सब कुछ छीन कर उसको भगाया होगा वो बहक कर पहलू में भी आए तो सोचना एक बार उसके घर को भी एक औरत ने मशक्कत से बसाया होगा ईमानदारी की बातें करता है ईमानदारी नहीं करता जरूर वो शख्स अपने ईमान को जिंदा जलाया होगा इस बार भी हम ड्यूटी से अपने गांव को ना लौटे इस बार भी त्योहार मां ने रोकर मनाया होगा ................. प्रियंका पांडेय, चित्रांगद मिश्रा….................... ©R.V. Chittrangad Mishra 9839983105 #merasheher कुछ लाइनें आप सभी के नजर में क्यों बताएगा वह कुछ ना बताया होगा बस यूं ही किसी बात पर जी भर आया होगा कांप उठता है अब आजमाइ
Balwant Mehta
मौसम आया चुनाव का सुर गूंज उठे हैं गली गली नेताओं से कुर्सी राग का मनमोहक जुमलों का। ©Balwant Mehta #worldmusicday #कुर्सी #चुनाव #जुमला
लेखक ओझा
सब कुछ ठीक है यह एक जुमला है जो हर गम को छुपा दिया करता हैं।। ©लेखक ओझा #smoking जुमला है जो
Balwant Mehta
बात न अपनी हो पाई हवा में जुमलें बने दुखदाई जनमत बरसा कुर्सी पाई नेताजी ने ना नजरें मिलाई । ©Balwant Mehta #बात #जुमला #जनमत #कुर्सी
Mamta Singh
बाबूल रख लेता है कलेज़े पर अपने, सब्र का पत्थर, नाज़ाें से पली बेटी ज़ब दर से ऱूख़सत हाेती है.. Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "सब्र" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना
Vaseem Akhthar
सब्र-ए-अय्यूब, सब्र-ए-यूनुस, सब्र-ए-या'क़ूब देख चुके। अफ़सोस इन तालिमात से, कुछ नही हम सीख सके।। علیہم السلام اجمعین Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "सब्र" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं
Vaseem Akhthar
सब्र-ए-अय्यूब, सब्र-ए-यूनुस, सब्र-ए-या'क़ूब देख चुके। अफ़सोस इन तालिमात से, कुछ नही हम सीख सके।। علیہم السلام اجمعین Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "सब्र" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं