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बिमल तिवारी “आत्मबोध”
घर आंगन में खुशियों की राज बेटियाँ पपीहे के बोलीयों की आवाज़ बेटियाँ पापा के पगड़ी की हैं सरताज़ बेटीयां घर परिवार के मान की हैं बात बेटियाँ, बेटियाँ घर की लक्ष्मी हैं,ये बात जान लो इनसे सुघर गृहस्थी हैं ,ये बात मान लो रख कर ख़याल माँ बाप और सबका आँखों में सबकी बसती हैं,बस प्यार मांग लो, बन के वीरांगना सी तलवार बेटियाँ इज़्ज़त ख़ातिर अपनी हो,कटार बेटियाँ डूबती घर गृहस्थी की पतवार बेटियाँ पार लगा दे नैया,ओ खेवनहार बेटियाँ ।। ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #बालिकादिवस #balika #बालिकादिन #lightindark
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read moreInstagram id @kavi_neetesh
बेटी बचाओ यह उजालों सी बाहखड़ी बेटियां। देर तक खिल खिलाकर हंसी बेटियां।। दिन की परछाई सी अचानक बढ़ी। ना जाने कब बड़ी हुई बेटियां।। घर की आंगन में चिड़ियों सी चहककरी। देखते ही देखते उड़ी बेटियां।। मौसमों की तरह आती जाती रही। दूर परदेस में जा बसी बेटियां।। छोड़कर परछाई हल्दी भरे हाथ की। सिसकियां सिसकिया लो चली बेटियां।। बेटियां घर में आई हंसी गूंजती। कहकहों की सुबह सी लगी बेटियां।। बेटियां फूल सी बेटियां दूब सी बेटियां शुभ शगुन रोशनी बेटियां ✍️ कवि नीतेश राजकुमार गुप्ता सनातनी ©Instagram id @kavi_neetesh *विश्व विश्व बालिका दिवस पर कविता* : *बेटियां* #बालिकादिवस
*विश्व विश्व बालिका दिवस पर कविता* : *बेटियां* #बालिकादिवस #समाज
read moreRAVINANDAN Tiwari
बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! 🌼 🌹 🌼 🌹 🌼 ©RAVINANDAN Tiwari #बालिका_दिवस
हरिओम भोरण
अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2019 शुक्रवार,11अक्टूबर वृद्धाश्रम में मां को छोड़ कर वो पलटा ही था की मां ने आवाज देकर बुलाया और कहा-"बेटा,अपने मन में कोई बोझ मत पालना" चार बेटियों की भ्रूण हत्या करके तुम को पाया था। सज़ा तो मिलनी ही थी। ✍️Hariom Meena #बालिका_बचाओ #सृष्टि_बचाओ
Yogesh Ambawale
नावाप्रमाणेच गुणी असलेल्या "गुणिका"मुळे आणि एखाद्या प्रज्वलीत दीप प्रमाणे प्रकाश देणाऱ्या "दिपल" मुळे आमच्या आयुष्यात खूपच रंगत आहे. जरी भांडल्या अधूनमधून तरीही दोघींची एकमेकींना चांगलीच संगत आहे. माझ्या ह्या दोन्ही बालिकांसह इतर ही सर्व बालिकांना बालिका दिनाच्या खूप खूप शुभेच्छा, #बालिकादिन #माझ्यालेकी
Rajendrakumar Jagannath Bhosale
व्हय मी फुल्यांची। सावित्री बोलत्या आव बाई माणसानं फकस्त पोरं ढोर रांधा वाढा अन उष्ठी काढा एवढंच होत पण आमच्या शेटजी मूळ मी साळा शिकली एवढंच काय दीन दुबळ्या समाजातील लेकींना मी पुढं शिकवलं, पण इथल्या सनातन्यांना हे काय बघावतय होय आव साळला जातांना दोन लुगडी घिऊन जायची जाताना हे सवर्ण माझ्या अंगावर शेण चिखल टाकायचे पण मी कधी डगमगले नाही आमचे हे शेटजी असायचे मागे काठी घेऊन अन मी आनंदाने हे शिक्षणाचे रोपटे लावले अन ते फुलवल आता या सावित्री च्या लेकींनी शिक्षणाचा वटवृक्ष केलाय सर्वांना या बालिका दिनाच्या माझ्याकडून शुभेच्छा नमस्कार ©rajendrakumar bhosale #बालिकादिन #bye2020
yogesh atmaram ambawale
नावाप्रमाणेच गुणी असलेल्या "गुणिका"मुळे आणि एखाद्या प्रज्वलीत दीप प्रमाणे प्रकाश देणाऱ्या "दिपल" मुळे आमच्या आयुष्यात खूपच रंगत आहे. जरी भांडल्या अधूनमधून तरीही दोघींची एकमेकींना चांगलीच संगत आहे. माझ्या ह्या दोन्ही बालिकांसह इतर ही सर्व बालिकांना बालिका दिनाच्या खूप खूप शुभेच्छा, सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों स्त्रीशिक्षणाचा पाया रचणार्या, अनंत अडचणींवर मात करत मुलींसाठी पहिली शाळा सुरु करणार्या,पहिल्या शिक्षि
सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों स्त्रीशिक्षणाचा पाया रचणार्या, अनंत अडचणींवर मात करत मुलींसाठी पहिली शाळा सुरु करणार्या,पहिल्या शिक्षि #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai #बालिकादिन #बालिकादिन2020
read moreDeepika Vishal Shah
मेरी सासू मां ने मुझसे कहा कि वो बड़ी नवीनतम खयालों वाली हैं, क्योंकि वो अपनी जायदाद बेटे-बेटी में बराबर बाटेंगी.... मैंने कहा बहुत बड़ियां । हां बहुओं का हमारे समाज में कोई अस्तित्व नहीं, उन्हें कहीं गिना ही नहीं जाता !!! बेटी का मान, मां का सम्मान जैसी बातें तो सुनी है समाज में... पर बहु नाम कि इस प्राणी के तो आस्तित्व पर ही सवाल है ???? अब सोचना बालिकाओं को है कि बहु बनने से पहले अपने अस्तित्व को इस तरह स्थापित करें की कोई उनका अस्तित्व मिटा ना पाए । उस पद या रिशते के कोई मायने नहीं होते जहां आपका अस्तित्व ही खो जाए । #बालिका_दिवस #क्यों_बहू_बेटी_नहीं_होती #बहू_का_अस्तित्व #बालिकादिवस
Dee . . . . .चातक
नन्हे नन्हे कदमों से बड़े बड़े सपनो का बोझ उठाए चलती गुमसुम सी एक लड़की। लाचारी अपनों की या नियति उसकी कि बचपन अपना खोती गुमसुम सी एक लड़की। ना कोई मांग ना कोई जिद बस फर्ज अदा करती गुमसुम सी एक लड़की । ना कोई शौक ना कोई सहेली अपने ही अकेलेपन से बातें करती गुमसुम सी एक लड़की। ना माँ की ममता, ना पापा का लाड़ ना भाई बहनों से लड़ाई झगड़े, अपनों से दूर वक़्त से पहले समझदार होती गुमसुम सी एक लड़की।। dee pa #बालिकादिवस
Sanvi Sharma
ladkiyon ki zindagi se khelne walo tu ladka hai tho kuch bhi Karo tu ladka hai tho kuch bhi Karo par Masoom bachiyon ki Jaan na lo par Masoom bachiyon ki Jaan na lo teri bhi ye beti hain teri bhi ye Behan hain mardangi woh nahi jo balaat kare mardangi tho woh hain jo har ladki main maa ko dekho teri bhi ek maa hain tere liye bhi ek Behan hain sab main dekho maa ko na karo ye maha paap maaf kare tujhe ye insaan par maaf na kare tujhe ye Bhagwan 😢 बालिका बालिका बालिका बचाओ पेड़ों को बचाने से पहले बालिका बचाओ
बालिका बालिका बालिका बचाओ पेड़ों को बचाने से पहले बालिका बचाओ
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