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GiRlSLiNeS190*
White 03:00 AM सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं. बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है. या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....? क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...? जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं. या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....? ©GiRlSLiNeS190* #GoodNight poetry in hindi hindi poetry #Reality #Relatable #poem #nojohindi #nojotahindi
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read moreSandeep Dhwaria
White उसके चाहने वालों की जब बात होगी,,,, मेरा पहली स्फ़ में पहला पायदान होगा।।। पर जब उससे पूछोगे उसकी चाहत,,, तो आखिरी पन्ने पर कहीं पड़ा मिलूंगा।।। ढूंढने दो उसको कोई शरीफ बेहतरीन,,, लौट कर आएगी तो मैं सिरफिरा यहीं खड़ा मिलूंगा।।। *#I_THE_SOUL* ©Sandeep Dhwaria #love_shayari poetry in hindi #nojohindi #poem #Trending #viral
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read moreRamji Tiwari
White आप सभी को बसंत पंचमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। *भक्ति अंतस में जगा दो* दूर कर अज्ञानता को, ज्ञान की ज्योति जला दो ले शरण माँ शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो ज्ञान की देवी तुम्हीं,सुर साधकों की मीत हो गूँजते हर कंठ का,माँ तुम्हीं तो संगीत हो हाथ रख मेरे सर, माँ मेरा जीवन सजा दो ले शरण माँ शारदा ,भक्ति अंतस में जगा दो करुणा कर करुणामयी,हम सब बालक तुम्हारे छाया उर तमस घना, दिखते न हमको किनारे दे वर वरदायिनी, हम सब को काबिल बना दो ले शरण माँ शारदा ,भक्ति अंतस में जगा दो आपकी साधना माँ, करता सकल संसार है आपकी दया से सारी, सृष्टि में उजियार है भक्ति का वरदान दे ,प्रीत चरणों से लगा दो ले शरण माँ शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो कर में सोहे वीणा,कमल आसन पे विराजे शीश सोहे मुकुटमणि, श्वेतवस्त्र तन पे साजे सुरों की सम्राज्ञी ,हमें भी माँ कुछ सुर सिखा दो ले शरण में शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो देव,मुनि,मानव, तेरी महिमा गाते सभी हैं ज्ञान प्राप्ति हेतु दर पे, सर झुकाते सभी हैं छेड़ वीणा के मधुर स्वर ,तान कोई सुना दो ले शरण में शारदा, भक्ति अंतस में जगा दो स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #बसंतपंचमी #holyfestival #poem #Devotional भक्ति गीत
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read moreVijay Vidrohi
White #भाई# भाई के जैसा दुनिया में कोई यार नहीं होता सागी भाई जितना कोई वफादार नहीं होता जिस घर में ना बणती हो आपस में भाईयां की उजड़वासा होज्या वो घरबार नहीं होता भाईचारे का असली मतलब मैं तामनै समझाऊं भाईयां के बिन ना कोये चारा, सागी अर्थ बताऊं। अर कल्ले कल्ले नै दुनिया पीटै कहगे काका ताऊ अर भाईया में जो ब्हेड़ भिड़ादें हों सै फैदा ठाऊ। ©Vijay Vidrohi ||भाई|| #love_shayari #Brother #my #new #shayri #poem # #life #love #Trending hindi on love love in hindi in hindi motivational th
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read moreShital Prajapati
White बात तो ये तुम भी जानते हो, कि जब तक ज़िंदगी है, फ़ुर्सत मिलना तो मुश्किल ही रहेगा। फिर भी, अगर तुम चाहो, तो थोड़ा वक्त निकाल सकते हो। उन कसमकश में उलझे रिश्तों के लिए, जो सुलझने का नाम ही नहीं ले रहे है। थोड़ा वक़्त अपने परिवार के लिए भी निकाल लेना, जो बस तुम्हारे साथ कुछ पल बिताने की आस लगाए बैठे हैं। उस दिन ना तुम घड़ी की तरह देखना, और ही कोई गिनती करना, बस उन लम्हों को जीते जाना, उन प्यारे किस्सों की बात करना, जो वक़्त की धूल में कहीं दब गए हैं। उन पुराने हंसी के पलों को फिर से जगाना, जो कभी तुम्हारी खुशी की वजह थे। क्योंकि काम का क्या है वो तो चलता ही रहेगा, लेकिन उसमें ठहराव लाना बस तुम्हारे हाथ में ही है। ज़िंदगी को सिर्फ जीने के लिए मत जियो, की बस ये गुजरती रहे, बल्कि हर दिन ऐसा बनाओ, जो सिर्फ यादों में ही नहीं, दिल में ठहर जाए। ©Shital Prajapati #sad_quotes #Life #Love #New #Nojoto #Hindi #poem #Stories #Quote #viral reality life quotes in hindi life quotes in hindi life shayari in
Ramji Tiwari
White *प्रयागराज में जले सहस्त्र दिव्य दीप हैं* भक्तिभाव से हृदय भरे अनमोल सीप हैं प्रयागराज में जले सहस्त्र दिव्य दीप हैं सत्य धर्म का प्रचार है सनातन का विस्तार है समस्त सृष्टि की चेतना मनुज जीवन आधार है जम्बूद्वीप से दिव्य न अन्य महाद्वीप हैं प्रयागराज में जले सहस्त्र दिव्य दीप है पावन नदियों का संगम महाकुंभ दृश्य विहंगम सजे अखाड़े अति सुन्दर यहां मिटे सबका हर गम त्रिवेणी के तट पर झुकते सभी महीप हैं प्रयागराज में जले सहस्त्र दिव्य दीप हैं यह सनातन का अभिमान है हम सभी की पहचान है अमृत बूँद यहीं पर गिरी भगवान का वरदान है ज्ञान पुंज के समान आए बहु प्रदीप हैं प्रयागराज में जले सहस्त्र दिव्य दीप हैं त्रिवेणी में करने स्नान आते सभी संत महान त्रिवेणी में डुबकी लगा मोक्ष का पाते वरदान शिविर संतों के लगे कगार के समीप हैं प्रयागराज में जले सहस्त्र दिव्य दीप हैं। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Devotional #poem✍🧡🧡💛 #महाकुंभ2025 #प्रयागराज #भक्तिगीत
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read morejashu
White “He who has no attachments can really love others, for his life is pure and divine ©ammu nani devotional
devotional
read moreAkash Kedia
अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे, इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे, हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता, है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे। जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो, एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती, नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो, अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती। कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे, बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे, हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई, देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे। चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की, अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी, हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह, मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी। मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर, अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर, राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था, ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर। इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे, हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे, जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं, के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे। ©Akash Kedia #wallpaper poetry in hindi love poetry in hindi #writerscommunity #writing #poem #Hindi #yqbaba #yqdidi
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