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Stories related to justice arshad malik

virat sumit

#Thinking bhagvan mere malik

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White राम राम सबको

©virat sumit #Thinking bhagvan mere malik

MSA RAMZANI

गजल #गजल #गज़ल #gazal #ghazal Anupriya Tushar Yadav Bizzy Boyfire Aabid Khan Malik Malik

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White दिन तुम्हारा है शब तुम्हारी है 
उम्र जिवनी है सब तुम्हारी है।

क्यों न रश्क अपनी जिदगी में करूं 
पहले मेरी थी अब तुम्हारी है।

यह हमे और वह तुम्हे हासिल 
गम हमारा तरब तुम्हारी है।

अपनी समझो न कोई दूर की चीज 
हाथ आ जाये तब तुम्हारी है।

हर तमन्ना चनी गई दिल से 
है अगर, वो तलब तुम्हारी है।

तुम मिले हो न मिल सकोगे हमे 
आरजू बेसबब तुम्हारी है।

अपनी दुनिया बसाओ यह दुनिया 
कब हमारी है कब तुम्हारी है।

क्या करें कोई चारा साज रमजानी 
कैफियत ही अजब तुम्हारी है।
20/10/15

©MSA RAMZANI
  गजल
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kirla

#justice

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.                                  .

©kirla #justice

Kunal Maheswari

Zayn Malik 🥵

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Kunal Maheswari

zayn Malik

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Ankitaishika

#justice

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Har galiti ki saja hoti hai..
Phir galti kisiki bhi kyu n ho.

©Ankitaishika #justice

Ravi Gupta

#justice

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“जो वकील अपने मुवक्किल की उम्मीदों को व्यापार समझे, वह न्याय की मर्यादा को ठेस पहुंचाता है।”

©Ravi Gupta #justice

Khushi_ bhaliyan31

अदनासा- tanurawat33 Munna Arshad Siddiqui Madhusudan Shrivastava

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Ravi Yadav

#Malik ki ichchha aapke liye hai

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C2

इन दिनों कुछ शब्द है जो गूंज रहे है देश में 
असल में चुभ रहे है भविष्य के कानों में
मॉब लिंचिंग से मौत और दंगे,अब हैरान नहीं करते
खौंफ जगाते हैं बहुतों को अपने आज और कल के होने में
कभी संभल तो कभी अजमेर, मणिपुर का तो अभी जिक्र भी नहीं
आग की लपटें, चारों और धुआं ही धुआं और पथराव
ये तस्वीरे हर रोज की खबर है, जिसे मैं देखना नहीं चाहता
मैं भविष्य आज खड़ा हूं इस असीम शोर-नहीं-बवाल में
शिमला कितना ठंडा है... फिर उसमें ऊबाल क्यों 
कुछ तो गलत है शायद सही सुझाव सोच से परे है 
क्या किसी को शांति पसंद नहीं जिस पर अमल हो
क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं चाहता 
मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता 
वक्त रहते इसका अंत हो, समस्या का निदान हो
ये सूरज की लालिमा का रंग सूरज से ही निकले तो अच्छा है
धरती से सूरज को जाएगा तो सब कुछ जलना  ही है 
मुझे तो कल में जीना है और ज्वलंत लपटें चुभ रही है
मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता 
क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं जानता।।
 -C2


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©C2 #protest #peace #justice #harmony #poem
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