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maihar rankaj chaurasia
माँ ने आंसुओं से मोहब्बत कर ली और मैं ने माँ के बदौलत खुशियों की झोली भर ली #माँ #बदोलत
Singh Manpreet
चल रही है सांसे बदोलत है उसकी. जिस पर कर रहा हूँ ऐश वो दौलत है उसकी. फ़ितरत नहीं हमारी के हराम करे उसको. सब कुछ दिया उस खुदा ने क्यूँ बदनाम करे उसको. ©Singh Manpreet बदोलत है उसकी #Prayers
RAVAN
#OpenPoetry मैं लाजवाब लिखना चाहता हू मैं बेमिशाल लिखना चाहता हू मैं तुझे लिखना चाहता हू मैं खुद को लिखना चाहता हू मैं ये उम्र लिखना चाहता हू वस यही मत पूछना मुझ से की मैं ये क्यू चाहता हू? 😌🤫 #मेरे #शव्दो की बदोलत मे हू....
SACHIN PRAJAPATI
मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है, मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है , पापा किसी खुदा से कम नही क्योकि मेरी ज़िन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है ! मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है, मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है , पापा किसी खुदा से कम नही क्योकि मेरी ज़िन्दगी की सारी ख
cloud33
जब लड़े थे वो आजादी के लिए, आसमान रोया था, अकेले थे वो इस राह पर, जब सब्र सबने खोया था, जो वादों से घिरे थे वो, कभी टूटे नहीं, जो यादों से मिले थे वो, आज भी छूटे नहीं, बलिदान आपका हर लम्हा हिन्दुस्तान के रहेगा, आपके नाम का एक जहाँ, हमारे दिलों मेें जिंदा रहेगा, ऐ दुनिया बताना अनजानों को इनकी कहानी मुह जबानी, हवा सी बहती इनकी हर कुर्बानी #yqbaba #yqdidi #merikalamse #yqhindiurdu #bhagatsingh #shaheeddiwas #india #deep, शहीद दिवस पर उनको शत शत नमन, जिनकी बदोलत आज जिंदगी जी रहे
SUNIL MADAAN
कर रहा हूँ बसर यह ज़िन्दगी ख़ाना-बदोशी की मुसाफिर हूँ लेकिन बेघर नहीं जिस शजर की भी छाँव में रहता हूँ हाँ, उसे काट कर कभी घरोंदा बनाया नहीं बसर=live घरौंदा=habitat ख़ाना-बदोश=nomads (जिसके रहने का कोई ठिकाना न हो) #anupamsongs #aamirshaikh #urduhindi_poetry #lifelessons #homeless
Vaseem Akhthar
जिंदगी में ग़मों का अलग ही फ़साना होता है भूख का वार प्यार के ख़ंजर से नुकीला होता है तन्हाई में रो लेते हैं मोहब्ब्त करने वाले उस से पूछो जो भीड़ में भी अकेला होता है जिसके हाथों में हो जहााँ, पर हो अपनों से दूर वो शख़्स मुकम्मल होके भी अधूरा होता है तीरगी से लड़ते, पहुंच भी जाएं गर उजालों तक चलते चलते राह-ए-जवानी से बुढ़ापा होता है ख़ाना-बदोशयों में कट रही यूं ही उम्र हमारी जहां इक शाख़ दिख जाए, वहीं पे बसेरा होता है अब और कितने धक्के खाता रहेगा अख़्तर जिसे तू हक़ीक़ी समझता है, वो छलावा होता है 03 तीरगी= अंधेरा ख़ाना-बदोश= जिसका कोई ठिकाना ना हो, इधर उधर फिरने वाला। #life #urdupoetry #urdushayeri #vaseemakhthar #ownthought #yqbhaija
Vaseem Akhthar
जिंदगी में ग़मों का अलग ही फ़साना होता है भूख का वार प्यार के ख़ंजर से नुकीला होता है तन्हाई में रो लेते हैं मोहब्ब्त करने वाले उस से पूछो जो भीड़ में भी अकेला होता है जिसके हाथों में हो जहााँ, पर हो अपनों से दूर वो शख़्स मुकम्मल होके भी अधूरा होता है तीरगी से लड़ते, पहुंच भी जाएं गर उजालों तक चलते चलते राह-ए-जवानी से बुढ़ापा होता है ख़ाना-बदोशयों में कट रही यूं ही उम्र हमारी जहां इक शाख़ दिख जाए, वहीं पे बसेरा होता है अब और कितने धक्के खाता रहेगा अख़्तर जिसे तू हक़ीक़ी समझता है, वो छलावा होता है 03 तीरगी= अंधेरा ख़ाना-बदोश= जिसका कोई ठिकाना ना हो, इधर उधर फिरने वाला। #life #urdupoetry #urdushayeri #vaseemakhthar #ownthought #yqbhaija
Palsi(पल सी)
मोहब्बत नामुकम्मल सही फैसला मेरा, ज़िद भी मेरी तुझ तक जो कभी पहुंची नहीं वो वफ़ा भी मेरी आदत मेरी, इबादत तेरी मैं पत्थर जो हुई है बदोलत तेरी! मोहब्बत नामुकम्मल सही फैसला मेरा, ज़िद भी मेरी तुझ तक जो कभी पहुंची नहीं वो वफ़ा भी मेरी आदत मेरी, इबादत तेरी मैं पत्थर जो हुई है बदोलत तेरी!