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Ashtvinayak
BROKENBOY
White ज़िंदगी से यही गिला है मुझे, तू बहुत देर से मिला है मुझे, तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल, हार जाने का हौसला है मुझे, दिल धड़कता नहीं टपकता है, कल जो ख़्वाहिश थी आबला है मुझे, हम-सफ़र चाहिए हुजूम नहीं, इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे, कोहकन हो कि क़ैस हो कि 'फ़राज़', सब में इक शख़्स ही मिला है मुझे !! ©BROKENBOY #Thinking ज़िंदगी से यही गिला है मुझे, तू बहुत देर से मिला है मुझे, तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल, हार जाने का हौसला है मुझे, दिल धड़कता नह
#Thinking ज़िंदगी से यही गिला है मुझे, तू बहुत देर से मिला है मुझे, तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल, हार जाने का हौसला है मुझे, दिल धड़कता नह
read moreJashvant
White मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँ नहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है न ख़ाल-ओ-ख़द का जमाल उस में न ज़िंदगी का कमाल कोई जो कोई उस में हुनर भी होगा तो मुझ को इस की ख़बर नहीं है न जाने फिर क्यूँ! मैं वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा हूँ ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़ मिरा लहू अपनी गर्दिशों में उसी की तस्बीह पढ़ रहा है जो मेरी चाहत से बे-ख़बर है कभी कभी वो नज़र चुरा कर क़रीब से मेरे यूँ भी गुज़रा कि जैसे वो बा-ख़बर है मेरी मोहब्बतों से दिल ओ नज़र की हिकायतें सुन रखी हैं उस ने मिरी ही सूरत वो वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा है ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़ वो जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता है मगर नहीं जानता ये वो भी कि ऐसा क्यूँ है मैं सोचता हूँ वो सोचता है कभी मिले हम तो आईनों के तमाम बातिन अयाँ करेंगे हक़ीक़तों का सफ़र करेंगे ©Jashvant एक नज़्म और
एक नज़्म और #Life
read moreRabindra Kumar Ram
" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न
Rabindra Kumar Ram
" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न
Ravendra
मोहर्रम के दिन घटित घटना मे पंजीकृत अभियोग में 11 अभियुक्तगण मय आलाकत्ल के उपकरण के साथ गिरफ्तार *विवरण-* पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद बहराइ #वीडियो
read moreRavendra
गोवंश की हत्या करने वाले 05 अभियुक्त गिरफ्तार मु0अ0सं0 354/2024 धारा 3/5/8 गोवध निवारण अधिनियम* पुलिस अधीक्षक महोदया श्रीमती वृन्दा शुक्ला #वीडियो
read moreViraaj Sisodiya
ज़िन्दगी के कुछ जज़्बात ख़यालों में बदलते है बंद लबों से निकलती आवाज़ जब एक क़लम की अयानत से उन्हें लफ़्ज़ों में पेश करती है तो बन जाती है फिर वो शायरी या कोई नज़्म ©Viraaj Sisodiya #जज़्बात #आवाज़ #क़लम #लफ़्ज़ों #शायरी #नज़्म #अयानत = सहायता, मदद #Viraaj