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AJAY NAYAK
अजय नायक वशिष्ठ ©AJAY NAYAK #मेरागांव गांव भाग जाऊंगा मुझे लुभलुभाती, चमकती, दमकती, इन शहरों की भीड़ में, फसकर नही मरना है! देखना, जब भी मौका देगी ये जिंदगी भागकर, मे
Naresh Chandra
आवाह्न भाव युक्त भावना बलिदान हो व्यर्थ सागर में पड़ा अभिमान हो क्या करोगे सोये हुए अभिमान का जब लुट रही कश्ती का न मान हो। उठो उठ खड़े हो,निज मृत देह छोड़ो व्यर्थ न हो जीवन तेरा, अभिमान छोड़ो भारती की अस्मिता पर,जो नज़र डाले छोड़ दो हाथों को,आंखें भी नोच ड़ालो। धर्म संसद में खड़ा, अब पार्थ है फिर फिरंगी ठोकता,अब ताल है भागकर अब जा न पाए,रण समय से अपने धर्म पार्थ का,जिसने किया अपमान है। स्वरचित ✍️ नरेश चन्द्र"लक्ष्मी" फरीदाबाद हरियाणा ©Naresh Chandra आवाह्न आवाह्न भाव युक्त भावना बलिदान हो व्यर्थ सागर में पड़ा अभिमान हो क्या करोगे सोये हुए अभिमान का जब लुट रही कश्ती का न मान हो। उठो
DK Chawla chawla
कोण अच्छा है कोण बुरा टाइम आने पर सबके के चहरे दिख गै ओर साळा शोक पूरे करने की उम्र में जिम्मेदारी निभाना सिख गै किसी इंसान के पीछे भागकर ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ ♥️ यामे आपणी ही #बदनामी च ♥️ 💔💔 𝑫.𝒌. 𝑪𝒉𝒂𝒘𝒍𝒂. 💔💔 ©DK Chawla chawla कोण अच्छा है कोण बुरा टाइम आने पर सबके के चहरे दिख गै ओर साळा शोक पूरे करने की
Pankaj Naag
भूख से भागकर किधर गया होगा गरीब था,गुजर गया होगा 🔹किशोर कुमार🔹 भूख से भागकर किधर गया होगा गरीब था,गुजर गया होगा 🔹किशोर कुमार🔹
Shivangi
कुदरत का ये खेल भी कितना विचित्र होता हैं, किसी को तोहफें में ये अनमोल जीवन दे देता है तो किसी को अकाल मृत्यु, हर कोई चाहे तोहफें में अनमोल जीवन ही ना चाहें अकाल मृत्यु, कुदरत के इस अनोखे खेल से बच नहीं पाया हैं कोई, कुदरत जब चाहे अपना कहर ढहाना तो कोई भाग कर जाये कहाँ।।।। सुप्रभात। जीवन से बचने की हर कोशिश नाकाम जाएगी। उसका हर रास्ता अंततः उसकी तरफ़ ही आता है। #जाओगेकहाँ #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaboratin
Kaushal Kaushik
भुख से भागकर किधर गया होगा। गरीब था मर गया होगा। ©Kaushal Kaushik भुख से भागकर किधर गया होगा। गरीब था मर गया होगा। #गरीब #याद #मर #मंजिल #भूख Dhruvpuri Goswami Ayush Yadav Riya Soni Ashutosh Tripathi theki
Maqbul Alam
नहीं कुछ भी छुपाना चाहिए था, हमें सब कुछ बताना चाहिए था, कसम मेरे उठा पाया नहीं वो, उसे तो नाज़ उठाना चाहिए था, मैं जल्दी भागकर आता वहां पर, तुम्हे आवाज़ लगाना चाहिए था, उसे बेचैन भी तुम देखते फिर, मेरा इक शेर सुनना चाहिए था, तुम्हे गर बारिशों से इश्क था तो, मेरी आंखों में आना चाहिए था !! ©Maqbul Alam नहीं कुछ भी छुपाना चाहिए था, हमें सब कुछ बताना चाहिए था, कसम मेरे उठा पाया नहीं वो, उसे तो नाज़ उठाना चाहिए था, मैं जल्दी भागकर आता वहां प