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Dr Mahesh Kumar White
बड़ा "नाटक बाज" है वो जनाब। हंसते हंसते रुला दिया करता है।। ©Dr Mahesh Kumar White #नाटकबाज
Parasram Arora
इस नाटकीय हंसी के प्रदर्शन ने तुम्हारी शक्ल को विजातीय बना दिया हैँ क्योंकि तुम्हारा अब तक अभ्यास और इतिहास रोदन का ही रहा हैँ और नहीं रहा कभी तुम्हारा परिचय हंसी की गली से अगर तुम गलती से भी कभी हँसे होंगे तो तुम्हारी उस हंसी के पाशर्व मे रूदन की छाया अवश्य रही होंगी क्योंकि उस हंसी मे न रही होंगी स्वछंदता कभी क्योंकि तुम्हारी वो हंसी कभी तुम्हारे ह्रदय की गहराइयों से न निकली होंगी नाटकीय हंसी
लेखक ओझा
नाटक से नाटकी मंच जीत लेते है लेकिन नाटकी का कोई भरोसा नहीं उसे जहां अधिक पैसे मिलेंगे मंच को नीलम कर देगा क्योंकि उसका उद्देश्य धन अर्जित करना होता है इसलिए नाटकी से बचे।। ©लेखक ओझा #standout नाटकी से बचे
Arora PR
स्वप्नलोको के प्रलोबन मुझे कभी सममोहित नहीं कर सकते क्योकि मैं हर स्वप्न कोबन्द आँखों का नाटक ही समझता हूँ ©Arora PR नाटक
Vrishali G
जीवनाच्या नाटकात सहभाग सगळ्यांचा असतो पण आपली भुमिका नाही वठली तर सारा तमाशा होऊन जातो नाटक
अज़नबी किताब
नाटक.. रंगमंच... कलाकार... कला... दर्शक.. कुछ ऐसा हुआ, में रंगमंच पे खड़ी थी, और मेरी कला मेरा हाथ थामे | दर्शक मेरी कला से मुझे पहचानते थे.. क्या खूब कला थी, खुदा की देख हुआ करती थी | एक बार बोली बात, में जमी को ख़त्म हो ने पर भी निभाती थी, कला थी.. वचन निभाने की, नाटक बन गयी.. रंगमंच पे उस खुदा के, में आज एक कटपुतली बन गयी... वचन निभाती नहीं, ऐसा सुना है मेने, दर्शकों से | क्या कहु, कला खो गयी, पर ये कला उनके लिए कायम है, जो सही में आज भी वचन को समझते है | कला खुदा की देन होती है, खुदा भी ख़ुश होते होंगे मेरे वचन ना निभाने से.. -अज़नबी किताब नाटक..
Babli BhatiBaisla
झूठे और ओछे मक्कार महात्मा को कोई नहीं पूछता काले पड़ गए मैले मनको को कोई नहीं पूजता आर्यो की धरती पर शास्त्रों का ऊंचा स्थान है भारत मां के शास्त्रियों की विश्व में अलग पहचान है लाल बहादुर शास्त्री हो या धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री दोनों ने साबित कर दिखाया गरीबी नहीं पिछाड़ती महानता में पिछड़ जाते हैं धनाढ्य भी नीयत से बहुत मूर्ख लगते हैं भूख हड़ताल का नाटक करते हष्ट-पुष्ट काटा है लम्बा सफ़र आंखें मूंद कर अनपढ बहुत थे पढ़ कर समझ गए सभी जयचंद और शकुनि कौन थे बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla नाटक