Find the Latest Status about संगमरवरी देवघर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, संगमरवरी देवघर.
Beauty Kumari
मैं देवघर हूं। और,माननीय श्री प्रधानमंत्री जी का देवों के इस पावन भूमि पर स्वागत करता हूं।। 🙏 ©Beauty Kumari #देवघर #qutoes #thought
Ek villain
बैजनाथ धाम देवघर के ज्योतिर्लिंग की महिमा दशा विदेश में विख्यात है वही यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बीच देवघर का पेड़ भी अपने खास स्वाद की वजह से प्रसिद्ध है यहां आने वाले भक्तों प्रसाद और सौगात के रूप में यहां से पेड़ ले जाते हैं पेड़ पेड़ा देवघर की पहचान के साथ जोड़ा चुका है इसे g81 दिलाने और ब्रांडेड के साथ देश-विदेश में इसकी मार्केटिंग करने की योजना बनाई गई है मकसद यह है कि यहां का पेड़ा विश्वास को और ऊर्जा मिलेगी रोजगार बढ़ेंगे पेड़ा बनाने की यूनिटी अलग अलग हो सकती है लेकिन इन सब का नाम बाबा धाम पर पड़ा होगा इसकी नियत के रूप में कृषि और पुरस्कृत संस्कृत खाद उत्पादन करती विकास प्राधिकरण आगे आए होंगे यह निर्णय सरना सहयोग से है क्योंकि देश विदेश में देवघर और झारखंड को नहीं पहचान मिलेगी गौरव की भी बढ़ेगा बड़े बड़े पैमाने पर व्यवसाय दूर-दूर तक फैलाने से स्थिति अप रेरा इन नेताओं की आमदनी भी बढ़ेगी केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बाबा धाम पेड़ के नाम से ब्रांडिंग और नियति के प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है एटा के पूर्व क्षेत्र के इंचार्ज की मौजूदगी में देवघर के उपयुक्त ना यहां के व्यवसाय और कोलकाता के नियुक्त के शनिवार को बैठक भी की गई है ©Ek villain #देवघर का पेड़ा #VantinesDay
#देवघर का पेड़ा #VantinesDay #Society
read moreRavikesh Kumar Singh
शिव देव नगरी कहो या, बैद्यनाथ धाम देवघर ! शिवरात्रि के लिए देखो सज के हुआ सुंदर !! शिव से बड़ा नहीं कोई जग में सुंदर ! शिव हैं सत्य, सत्य है सुंदर !! शिव जी ब्याह रचाने चले, आया देखो पल यह सुंदर ! शिव बराती चले, दैत्य दानव, देव सुंदर !! शिव बाराती, लक्ष्मण की कलाकृति देखो कितना सुंदर ! शिव बाराती में झांकी है विशेष, पर्यावरण बचाना है, यह देगा रविकेश टीम संदेश !! ©Ravikesh Kumar Singh शिव देव नगरी कहो या, बैद्यनाथ धाम देवघर ! शिवरात्रि के लिए देखो सज के हुआ सुंदर !!
शिव देव नगरी कहो या, बैद्यनाथ धाम देवघर ! शिवरात्रि के लिए देखो सज के हुआ सुंदर !! #कविता
read moreAnita Gujar
नवपरिणीता नवपरिणिता तू विश्ववमोहिनी रंभा रतीहून अती देखणी नक्षत्रांचे तेज लोचनी जणू लाखाची हिरकणी । माझ्यासाठी तू माहेर सोडलं हिरव्या चुड्य
नवपरिणीता नवपरिणिता तू विश्ववमोहिनी रंभा रतीहून अती देखणी नक्षत्रांचे तेज लोचनी जणू लाखाची हिरकणी । माझ्यासाठी तू माहेर सोडलं हिरव्या चुड्य #poem
read moreWITH YOU
#covid_19 poem Corona के भय से भाग रहे, गांव शहर के वासी! कहां गए मेरे देवघर वाले, काशी के अविनाशी!! कर रहा विनाश जगत में, हाहाकार मचा है! सृष्टि के रचयिता तूने,गजब- गजब का जीव रचा हैं!! मंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारे की कृपा भी निराली है! नर - नारी से गूंजने वाला, Corona ने कर दी खाली है!! सेवा में लगे डॉक्टर - ड्राइवर ,नर्स भगवान के अवतार है! घर में रहो देश के बन्दों, पुलिस भी तैयार हैं!! दूर देश से आने वाले , तुमसे प्रेम का कहना है! पहले मिलो डॉक्टर से, घर में छुप कर नहीं रहना है!! ठीक हो तो ठीक से रहना, ये हम सब की लड़ाई है! घर में छुप कर रहने में ही, हम सब की भलाई हैं!! Corona की ना जात है, न धर्म और पहचान है! इसका दुश्मन गरीब अमीर, दुनिया का हर इंसान है झुका दिया है बड़े - बड़े को, चाहे अमेरिका चीन जापान हो!! तेरी क्या औकात है बंदे, न तू पैगम्बर न मशीहा न तुम भगवान हो!! कहता है प्रेम मेरा अपना, हर हिन्द देश का वाशी है! है तू कहां ओ देवघर वाले, कहां काशी के अविनाशी है!! विनाश लीला Corona की अब , कब तक थमने वाली है! क्या देवी - देवताओं की इसमें, कुछ न चलने वाली है!! मंदिर मस्ज़िद के द्वार पर, हमनें देखी पिटाई है! क्या अविनाशी तूने ही ये, यमदूत मंगवाई है!! सुख - दुःख में जहां माथा टेकते, Corona उसको भी छुड़वाई है! मिल नहीं सकते अपनों से ये, कैसी विपदा आई है!! हाथ साबुन से धोते है हम , कपड़ा से नाक - मुंह बंधवाई है! फिर भी क्या हम बच सकेंगे, इसकी चिंता छाई है!! हमारी नहीं तुम्हारी नहीं, ये हम सबकी लड़ाई है! नियम पूर्वक घर में ही रहना , जब तक Corona कि परछाई है!! Corona के डर से ,लोग भाग रहे है गांव शहर से! तू कौन जहर है या कोई असुर है, हम गरीब की इसमें क्या कसूर है!! तुझे तो अमीरों ने, विदेशों से लाई है! हम सब गरीबों को सिर्फ, डरने में भलाई है!! तुम क्या यम दूत के दूत हो, या कोई एजेंट हो! भेज रहे हो स्वर्गलोक में ऐसे, जैसे वहां काम कोई अर्जेंट हो!! ✍️ संजीव बिहार सीवान(बिहार) #covid_19 poem Corona के भय से भाग रहे, गांव शहर के वासी! कहां गए मेरे देवघर वाले, काशी के अविनाशी!! कर रहा विनाश जगत में, हाहाकार मचा है
#Covid_19 poem Corona के भय से भाग रहे, गांव शहर के वासी! कहां गए मेरे देवघर वाले, काशी के अविनाशी!! कर रहा विनाश जगत में, हाहाकार मचा है
read more