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Icharaj kanwar
#FourLinePoetry प्यार से लबालब अपनों के दो मीठे बोल, मिठाई से भी मीठे होते हैं, मिठाई जब खाते हैं तो मुंह मीठा उसके बाद फीका, पर मीठे बोल तो जिंदगी भर अपनी मिठास घोलते हैं।। ©Icharaj kanwar भर सकता है घाव तलवार का बोली का घाव कभी नहीं भरता अत: मीठे ओर अच्छे बोलिए, और मिठाई की तरह अपनी बोली का मिठास घोलते रहिए,,, 🙏🙏🙏🙏🙏, #fourlin
ajay chauhan ichchadhari
Suyash
" कौआ कई लोगों के लिए अप्रिय है ,💔 पर कोयल कई लोगो को वह प्रिय है , ❤️ फर्क सिर्फ मीठी बोली का है 🗣️ जिससे सब अपने बन जाते है ।। "☺️🙂 " कौआ कई लोगों के लिए अप्रिय है , पर कोयल कई लोगो को वह प्रिय है , फर्क सिर्फ मीठी बोली का है जिससे सब अपने बन जाते है ।। "☺️🙂 ऐसी
Er.ABHISHEK SHUKLA
कौवा किसी का धन नहीं चुराता। फिर भी वह किसी का प्रिय नहीं होता। कोयल किसी को धन नहीं देती। फिर भी वह सब की प्रिय होती है। फर्क सिर्फ मीठी बोली का है जनाब जो सबको अपना बना लेती है और अपनों को गैर बना देती है। ©Er.ABHISHEK SHUKLA कौवा किसी का धन नहीं चुराता। फिर भी वह किसी का प्रिय नहीं होता। कोयल किसी को धन नहीं देती। फिर भी वह सब की प्रिय होती है। फर्क सिर्फ
Divyanshu Pathak
लड्डू ले लेते पेड़ा ले ले ते काई उठ बैठे और ले लेते .... अपनी 'जीजी' को दान कर देते हे हे बृज अपनी कुंजगलियों और प्यारी प्यारी 'गालियों' के लिए प्रसिद्ध है... गलियों का प्रचलन फाल्गुन माह से शुरू हो लगभग अंतिम विवाह मुहूर्त तक चलत
Divyanshu Pathak
हम तो जितनो होगो हमसे उतनों ही करेंगे मोठ ना तुलाई तोते जो तेरी हम सुनेंगे ! जबते तेरी चबर चबर बन्दै नाइ है रही चुप हैजा अब नई तो लट्ठ परेंगे ! :💕🍧good evening ji 🍫🍫☕☕☕☕☕☕☕☕💕🐒🍧😊 : ना काऊ काम कौ ना काऊ धाम कौ उल्लू को पट्ठा दुश्मन अनाज कौ ! मम्मी को बनि कें पिट्ठू बाप की लात ते भलैं
अभिलाष सोनी
कोरा काग़ज़ विशेष प्रतियोगिता-28 विषय :- प्रकृति का सौंदर्य प्रकृति हमारी सबसे प्यारी, रूप इसका सुहाना है। कल-कल करते बहते झरनों का दिल मेरा दीवाना है। हर तरफ फैली हरियाली, सौंदर्य इसका लुभावना है। दुल्हन सी सजी इस धरती का दिल मेरा दीवाना है। मद्धम बहती शीतल हवा में, मन को आज बहकाना है। चहुँओर फैली इस खुशबू का, दिल मेरा दीवाना है। ऊँचे पर्वत बादलों को चूमते, नज़ारा ये भी सुहाना है। इंद्रधनुष के इन सात रंगों का, दिल मेरा दीवाना है। साँझ सबेरे सूरज की लालिमा, प्रकृति का खज़ाना है। पूनम की रात में पूरे चाँद का दिल मेरा दीवाना है। बूँद बूँद गिरता है अमृत, बारिश तो एक बहाना है। इन घनघोर काले बादलों का दिल मेरा दीवाना है। पंछियों की मीठी बोली का, गीत यही गुनगुनाना है। इनकी मीठी चहचहाहट का, दिल मेरा दीवाना है। फूलों की भीनी खुशबू में, हमको आज खो जाना है। रंग-बिरंगे ख़ूबसूरत फूलों का, दिल मेरा दीवाना है। कोरा काग़ज़ विशेष प्रतियोगिता-28 विषय :- प्रकृति का सौंदर्य प्रकृति हमारी सबसे प्यारी, रूप इसका सुहाना है। कल-कल करते बहते झरनों का दिल मेरा
Archana Tiwari Tanuja
(1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान इनसे मिल कर बना मेरा देश महान इसके जैसी कोमलता और मधुरता इसके जैसी भाव मृदुलता कही नहीं। (2)-हिंदी भाषा के है रुप अनेक हर शहर,जिला,गाँँव और कस्बा सब की भाषा में ही निहित है ..... अलग - अलग बोली का अंदाज..। (3)-देवो की इस पावन धरती पर निस दिन हिंदी की निर्मल धार बहे गंगा सी पतित पावनी हिंदी भाषा गोदावरी,यमुना,सरस्वती सी निर्मल। (4)-हिंदी से ही बना हिन्दुस्तान..... यूं तो हर भाषा का है अपना मोल पर हिंदी हमारी सबसे है अनमोल.. पहचान है मेरी हिंदी से ही..........। (5)-अनगिनत रसो,छंदों, अलंकारों दोहों, सन्धि,समास,पर्यायवाची शब्दों से मिलकर और जाने कितनी ही विधाओं से मिल बना हिंदी का स्वरूप। (6)-कंठ से निकला हर शब्द हिंदी है हिंदी के बगैर हमारा कोई वजूद नहीं हर भाव को मैं जानू और पहचानू.... भाषा सिर्फ एक ही !!!!.....हिंदी है। (7)-मेरे मन की एक वेदना............ अपने ही देश मे हिंदी हुई पराई है.. गिटपिट-गिटपिट सब अंग्रेजी बोले हिंदी भाषा का दर्द जाने नहि कोई । (8)-अन्य भाषा का ज्ञान बुरा नहीं... पर ऐसे ज्ञान का क्या है मोल????? जो अपनी भाषा का मान घटनाएं है गर्व हमें हम हिंदी भाषी है......। (9)-चाँद पर परचम लहराने वाले... सब जग मे अपनी क्षमता मनवाने वाले अपनी मातृभाषा को तुम भूल गए.... हिंदी को उसका खोया सम्मान दिलाओं। (10)-"जब तक है हिंदी हिन्दुस्तान मेंं तब तक है हिन्दू सभ्यता और संस्कार गर चाहते हो अपना अस्तित्व बचाना तो फिर से हिंदी भाषा का उत्थान करों। 19/09/2020 @archanatiwari_tanuj #हिंदीदिवस2020 (1)-हिंद.... हिंदी.....हिन्दुस्तान इनसे मिल कर बना मेरा देश महान इसके जैसी कोमलता और मधुरता इसके जैसी भाव मृदुलता कही नहीं।
Divyanshu Pathak
मैं घमण्डो में भरा ऐंठा हुआ एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा ! आ अचानक दूर से उड़ता हुआ एक तिनका आँख में मेरी पड़ा ! मैं जिझक उठा हुआ बेचैन सा लाल होकर आँख भी दुखने लगी ! मूठ देने लोग कपङे की लगे ऐंठ बेचारी दबे पांवों भगी ! जब किसी ढब से निकल तिनका गया तब "समझ" ने यों मुझे ताने दिए ! ऐंठता तू किसलिए इतना रहा एक तिनका है बहुत तेरे लिए ! :💕👨 Good morning ji 😊☕☕☕🍉🍉🍉🍫🍫🍫🍫🍧🍧🍨😊💕💕🐒💕☕☕🍫🍧 : ईश्वर ने हमें रेगिस्तान का वरदान दिया। हमने इसे अभिशाप घोषित कर दिया। देश के श्रेष्ठतम पशुधन क