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'लेख' R@√|
Autumn मोहब्बत ढूंढती है अक्सर जिसके पास वक्त और दौलत बेशुमार हो वो दरकिनार किया करती है उसे जो इश्क निभाने में वफादार हो ©Writes_Kingdom #autumn
'ਲਾਲੀ ਬਸੀ'
Autumn ਜਿੰਨਾ ਚਿਰ ਜਿਉਂਦੇ ਹੋ ਸਬਰ ਨਾ ਛੱਡੋ ਕਰਨਾ ਮੇਹਨਤ ਦਾ ਸਫਰ ਨਾ ਛੱਡੋ ਕਿਉਂਕਿ ਜਿੰਦਗੀ ਇੱਕ ਮ੍ਰਿਗ ਤ੍ਰਿਸ਼ਨਾ ਹੈ ਕਸਤੂਰੀ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਹੈ ਲੱਭ ਅਸੀਂ ਬਾਹਰ ਰਹੇ ਹਾਂ ਲਿਖਤੁਮ ਲਾਲੀ ਬਸੀ Whatsap9814852972 ©'ਲਾਲੀ ਬਸੀ' #autumn
Rina
कड़वी सी लगने लगी हूँ अब मैं.... अब रही न वैसी मैं ,जैसा लोगो ने देखा था एक समय था वो, जो शायद मेरा अपना ही था छुई मुई,अधरों पर मिठास लिए,कोमलांगी सी ऐसा मैं नहीं कहती हूँ ,अपनों ने कहा था मुझसे फिर अब ऐसा क्या हुआ, जो चुभने लगी हूँ मैं चटक मिर्च सा तेज़ है मेरे हर एक शब्द में जुबां से निकलकर, कानों मे जब ये पड़ते हैँ तब शब्दों के कम्पन से, ह्रदय डोल सा जाता है ऐसा मैं नहीं कहती हूँ, अपनों ने राग अलापा है मेरी तेज़ जुबां अब शायद, दिल पर जख्म सा करते हैँ पर ये विचार नहीं करते हैँ लोग , क्यों ऐसी हो गई हूँ मैं मेरे इस बदलाव मे, लोगो का बड़ा हाथ हैँ मासूमियत को मेरी, कमजोरी समझा लोगो ने धैर्य और शांतपन का, ख़ूब उपहास उड़ाया है देखा है मैंने वक्त वक्त पर लोगों को बदलते तब जाकर बदला मैंने भी, अपने हर एक शब्द का लहज़ा इसलिए तो मैं ,कड़वी सी लगने लगी हूँ अब.... ©Rina #autumn
इक _अल्फाज़@air
Autumn तुझे नज़र भर देख लेने से सुकून मिलता है.. मिट जाती है प्यास मानो बेचैनी को करार मिलता है.. और जो तू न दिखे तो बिन पानी मछली सा छटपटाता हूं.. देख तुझे खिल जाता है चेहरा और ख़ुशी से झूम उठता हूं.. मेरी चाहत तो बरकरार है ये कोई व्यापार थोड़ी है.. और मेरे पास तो बास सिर्फ़ तु ही है यहां और कोई कतार थोड़ी है.. मेरे देने की हद इतनी है कि.. मैंने ख़ुद को हद से भी़ ज्यादा दे दिया तुझे.. अब मुझमें मेरा कुछ भी न रहा.. सब तेरा.. और ये जो मेरी खुशियों का जो सिलसिला शुरू हुआ.. तेरे साथ की वजह से ही हुआ.. बस बस मैं और मेरी तन्हाई इतना ही बचा था.. बेहद अनमोल है तु इसलिए ख़याल रखा कर अपना क्यूंकि तेरे जैसा सिर्फ़ तु ही है... एंटीक पीस.. तु कुछ भी़ कहे कभी बूरा नही लगता पर तेरी ख़ामोशी और एकाकीपन मेरी जान ले लेता है @IMYTMI@ बस यही जरिया है तुझसे मिलने का.. तेरी बातें करने का कैसे हो चैंप 🏆🏆 GO GREAT..... बस तेरी खुशी तेरी बातें M Y T M ©इक _अल्फाज़@airs #autumn
Anchal
Autumn "Sadness is not a sign of weakness, but rather a testament to the depth of our capacity to feel." ©Anchal #autumn
Bhawana Pathak
Autumn The Most Precious Gift You Can Give Someone Is Your Time And Attention. ©Bhawana Pathak #autumn
qais majaz,pheonix
Autumn दो कदम जो साथ आप चल गए हैं! ज़िन्दगी के रंग ही बदल गए हैं! महताब बनकर अंधेरों को निगल गए हैं! इक अर्से से पथरीली थी राहें, अब राह के पत्थर पिघल गए हैं! खुशनुमा,खूबसूरत ये बहार ऐसे ना थी! आज से पहले धड़कने बेकरार ऐसे ना थी! मोहबत से नफरत की गिरी जो दिवार ऐसे ना थी! साँसे ये मुश्क बार ऐसे ना थी! बाम से चाँद का आज दीदार हो गया! हर सितारा करता है इशारा तुम्हें प्यार हो गया! इश्क़ से रूह का श्रंगार हो गया! आईने में अक्स मेरा रुख ए यार हो गया! नाम उनका लिखा ही था फ़िर खुमार हो गया! दबे लफ्ज़ो में इकरार हो गया! रानाईयो का नूर वो हुआ के दिल मेरा खो गया! क़ैस आज उनकी यादो में गिरफ्तार हो गया! हिंदी में हो या उर्दू में नाम आने लगा है उनका गुफ़्तगू में! पहलु में उनके लगता है हम हैं सुकूँ में! उनकी तमन्ना उनका ज़िक्र हर आरज़ू में! इस ज़िन्दगी के रंग बदले हैं जबसे दो कदम आप साथ चले हैं Khud se roz jhagadta tha mai Pehle tere jaisa tha किसे यकीं था फीकी ज़िन्दगी में रंग हो जाएंगे जो जुदा थे कभी किसी रोज़ संग हो जाएंगे आता नहीं यकीं मुझे हैरान है दिल भी ऐसे मंज़र देख कर हम दंग हो जाएंगे ©qais majaz, आईना #autumn
qais majaz,pheonix
Autumn Itna jo aazma rahi hai duniya Koyla zarur kohinoor banega Kitni hi talkhiyo se Rang ud gaye hai titliyo ke Ae qais abhi aur imtehan se aguzarna hai tujhe. In kaanto bhari rah pe chalkar hi ubharna hai tujhe ज़िन्दगी ने ये कौन सा रंग दे दिया है मांगे थे रंग मुकद्दर ने रंज दे दिया है परवाने जल गए हैं बुझा हुआ दिया है शायद किसी ने दुआ में कुछ कह दिया है शाख से परिंदा उदास है दिल में एक हूक है इक यास है तिजोरी रह गई खज़ाने लुट गए हैं शाख से गुल भी तो टूट गए हैं हर सम्त ख़ाक ए ख्वाब का धुँआ है फलक तक क्यों जाती नहीं दुआ है उकता के ज़िन्दगी से ग़म अपना लिया ख़ुशी से तन्हा ही रहा महफ़िल से कहा कुछ न किसी से भंवर आए बहुत उतरा ही नहीं कश्ती से जाने कहाँ गया गुमशुदा रहता है बस्ती से हर कोई सुनाने उसे लगे ज़हर भरे सारे निशांने उसे लगे वो भी खुद को आज़मा गया जब अपने आज़माने उसे लगे क्या करोगे पढ़कर अफसुर्दा एक शायरी को आबदीदा हो जाओगे जब कभी खोलोगे डायरी को हैं उसी वीराने में कहीं रहता होगा तहखाने में किसी ने कसर ना छोड़ी इस ज़माने में दिल को देहकाने में अब रहने दो जाने भी दो तुम्हारी आँखें भी भार आएँगी उसे मनाने में ©qais majaz, आईना #autumn