Find the Latest Status about जनसंख्या वृद्धि पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जनसंख्या वृद्धि पर कविता.
Siddh Hansraj Manda
हम अगर इसी तरह चलते रहे तो बहुत जल्दी चाइना को पीछे छोड़ देंगे ©Siddh Hansraj Manda #जनसंख्या #वृद्धि
Pushpendra Pankaj
जनसंख्या वृद्धि विस्फोटक है, कब फट जाए,सबको खतरा है। फल फूल रही बेकारी,बेग़ौरी, इंसानियत हुई कतरा-कतरा है।। ऐसे हो रहे असहिष्णु मंजर, दृश्य देख मानवता काँपती । आगे की कहानी कैसा होगी पारखी आँखें भविष्य भाँपती ।। दाने-दाने पर होंगे रण, इंच-इंच पर रक्त बहेंगे । एक-एक ,दो-दो नौनिहाल , अति का प्रहार कैसे सह लेंगे।। जागो-जागो सत्ता दीवानों , समय रहते कोई नीति बनालो। अनियंत्रित बहता जन-लावा रोको, कुछ करो और अस्तित्व बचालो ।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश जरूरी हैं
जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश जरूरी हैं #कविता
read moreShradha Rajput
जनसंख्या वृद्धि तुम कहते हो महंगाई है तुम कहते रोजगार नहीं जनसंख्या से बड़ा दिया है बार पृथ्वी का शायद पृथ्वी पर इससे बड़ा कोई अत्याचार नहीं कर लिया है कब्जा बनो पर देखें कहीं दिखता अब मैदान नहीं भूखमरी बढ़ रही है देखो खाने को फसल 4 नहीं जनसंख्या का विस्फोट हो रहा शायद पृथ्वी पर अब बचा कुछ खास नहीं वह दिन अब दो नहीं जब इंसान इंसान को खाएगा जनसंख्या ऐसे बढ़ने से एक दिन महा प्रलय आ जाएगा ना होंगे संसाधन कुछ कैसे जीवन यापन हो पाएगा जनसंख्या अगर रुकी नहीं तो धरती का विनाश हो जाएगा अगर रुकी नहीं जनसंख्या वृद्धि तो एक दिन सचमुच खत्म हो जाएगी पूरी सृष्टि।। शारदा राजपूत जनसंख्या वृद्धि# #BoneFire
जनसंख्या वृद्धि# #BoneFire
read moreAnjali Jain
जहाँ जाओ, भीड़ ही भीड़, सड़कों पर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, स्कूल, मंदिर, पर्यटन स्थल....कहाँ नहीं है भीड़?... और देख - देख कर दांतो तले उंगली दब ही जाती है कि कितनी जनसंख्या है देश की! गली - मोहल्ले में जाओ तो भीड़! जनसंख्या का भयंकर विस्फोट है! जो बुद्धिमान और विवेकवान है वे तो परिवार को सीमित रखते हैं और दो बच्चे... दो क्या वे तो एक बच्चे तक ही परिवार को रखने लगे हैं लेकिन उनका क्या जो कीड़े - मकोड़े की तरह रेंगते हुए जीना चाहते हैं वे ही देश में भीड़ बढ़ा रहे हैं, उनके घरों में जाओ तो वहां भी भीड़! देखा जाए तो जिनके घरों में भीड़ है उनकी ही आर्थिक हालत भी दयनीय है! जो सीमित परिवार रखते हैं वे खुशहाल जीवन जीते हैं इसलिए व्यक्तिशः तो व्यक्ति स्वयं सोचे कि वह स्वयं को और बच्चों को कैसा जीवन देना चाहता है - स्वर्ग से सुंदर या नारकीय कीड़ों सा जीवन! सरकारी स्तर पर जरूर अब कड़ा कानून बनना चाहिए P. T. O. #जनसंख्या वृद्धि #12. 07.20 #StreetNight
#जनसंख्या वृद्धि 12. 07.20 #StreetNight
read moreAnjali Jain
उन्हें सरकारी सुविधाओं, नौकरियों, लाभकारी योजनाओं से वंचित किया जाना चाहिए क्योंकि ऎसे लोग देश को दीमक की तरह अंदर ही अंदर खाए जा रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था, अन्य देशों की तुलना में पिछड़ी ही रह जाती है! जो परिवार भी सीमित रखते हैं अपनी कमाई का बहुत बड़ा अंश टैक्स के रूप में चुकाते हैं वे हर तरफ से अन्याय का शिकार होते हैं और बड़े परिवार वाले सरकार से भीख ही माँगते रहते हैं इनका अब इलाज होना ही चाहिए! इसलिए इन स्थितियों को सुधारने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए,, कानून बनना ही चाहिए और प्रशासन को सख्ती से पालन भी करवाना चाहिए अन्यथा देश की हालत कभी नहीं सुधरने वाली!! जय हिंद! जय भारत! वन्दे मातरम्!! #जनसंख्या वृद्धि #12. 07.20 #StreetNight
#जनसंख्या वृद्धि 12. 07.20 #StreetNight
read moreAnkit dhakad
रोजगार कहा से लाओगे अगर जनसंख्या ऐसे ही बढाओगे। बढ़ती आबादी हैं बर्बादी इसे रोकोगे तो होगी खुशहाली। ©Ankit dhakad जनसंख्या वृद्धि #Trending #sayari #Original #Nojoto
Shradha Rajput
#PopulationDay ,#जनसंख्या वृद्धि दिवस के उपलक्ष में मैं आपके सामने एक कविता प्रस्तुत करना चाहती हूं जिसका शीर्षक है जनसंख्या वृद्धि उम्मीद क
read morebajpaimahanand@gmail.com
संकट मे आजादी, यह बढ़ती आबादी/ जीवन सुलभ साधनों की अब न रही ज्यातादी/ बिस्फोटक उन्मादी, यह बढ़ती आबादी// कुछ कहते हैं हम क्या उसने खुद दी, यह उसकी है मरजी. यह कहना ज्यतादी// संकट में आजादी/ ©bajpaimahanand@gmail.com जनसंख्या दिवस पर
जनसंख्या दिवस पर
read moreDr Poonam Dwivedi
📢📢📢📢📢📢मीत न आबादी बुरी पर रखे परिवारों पर सामंजस्य भरपूर,, हर घर में दो तीन बच्चे ही भले , खाने पीने पहनने में कर सकते परिजन सामंजस्य भरपूर, संख्या उत्तरोत्तर बढ़ती बुरी,बनाती व्यभिचारी,अत्याचारी लंपट चोर।। ©Dr Poonam Dwivedi जनसंख्या पर सलाह #Health
जनसंख्या पर सलाह #Health
read more