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Rohit Tiwari Raja baba
सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
Sonal Panwar
अतुलनीय स्नेह से परिपूर्ण है नारी , सादगी,त्याग और सहनशीलता की मूरत है नारी ! धारा-सी रिश्तों को एकसाथ बांधे हुए बहती है नारी , रब के समान नवजीवन की जननी है वो नारी ! णमोकार और गायत्री मन्त्रों-सी पावनता लिए कभी तो नाश करती है दुष्टों का वो माँ दुर्गा बनकर कभी ! रिश्तों को एक माला में पिरोए रखती है नारी , या फिर ये कहें कि हर नारी में छिपी है एक असाधारण नारी ! ©Sonal Panwar नारी शक्ति की गाथा💪👍दुर्गा मां🪔🌹🙏 #Nari #narishakti #durga #DurgaMaa #Women #womenempowerment #Poetry #hindiwritings #Nojoto #nojotohindi
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- नवदुर्गा माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य । पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।। लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा । देख शारदे मातु , झुका चरणों में माथा ।। माँ अम्बें की आज , आरती जन-जन गाता । होकर खुश वरदान , दिए भक्तों को माता ।। १२/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- नवदुर्गा माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य । पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।। लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा ।
Rohan Roy
White सम्मान की गाथा युगों युगों तक, पूरे संसार में फैली होती हैं। और जो निंदा का पात्र है। उसका चरित्र कुछ लोगों और समाज तक ही, सीमित रह जाता है। क्योंकि नदियों की प्रवाह और उसकी पवित्रता, हमेशा बहते रहने में है। जो नदियां बहना छोड़कर, स्थिरता को प्राप्त करती हैं। उसका जल अशुद्ध होकर, अयोग्य तक सीमित रह जाता है। ©Rohan Roy सम्मान की गाथा युगों युगों तक, पूरे संसार में फैली होती हैं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroy
Sangeeta Kalbhor
अभंग... तुझ्या समीप येण्याचे नकोत मला बहाणे तुला जाणवावे आवडते समीप तुझ्या राहणे तन माझे भेदणारा कटाक्ष तुझा करारी सावळ्याची राधा मी सावळाच रे मुरारी मखमल तुझ्या लोचणी अलवार मी पांघरते क्षणभराची साथ तुझी फार मुश्किलीने आवरते मिठीत होते गुडूप जेव्हा माझा वसंत तू होतो बहर रोमरोमी अन् मनी माझा आसमंत तू होतो नाही ठाऊक मजला चूक काय नि काय बरोबर माझ्या काळजातला तू अथांग पसरलेला सरोवर लट होते बावरी स्पर्शिता तू तिला अलवार भावना भेटता भावनेला होते की रे गरवार सहस्त्र श्वासांचे मिलन प्रणयाला येतो रंग मनामनाच्या मिलनाला रहावेच लागेल अभंग..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor अभंग... तुझ्या समीप येण्याचे नकोत मला बहाणे तुला जाणवावे आवडते समीप तुझ्या राहणे तन माझे भेदणारा कटाक्ष तुझा करारी सावळ्याची राधा मी सावळा